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सुरंग में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकालना पहली प्राथमिकता: धामी

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकालना हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है। घटना के बाद से ही लगातार अधिकारियों से अपडेट ले रहे मुख्यमंत्री ने आज पूर्वाह्न सिलक्यारा पहुंचकर मौके का जायजा लिया।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बचाव एवं राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही न हो इसके लिए लगातार निगरानी की जाए। उन्होंने सुरंग में पहुंचकर अधिकारियों से हादसे के सम्बंध में पूरी जानकारी ली।

घटनास्थल से वापस आकर देहरादून में श्री धामी ने संवाददाताओं से कहा कि सुरंग में मलबा हटाने का काम तेजी से जारी है। पूरी रात रेस्क्यू चला है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, रेलवे और विशेषज्ञों की टीमें मौके पर जुटी है। सुरंग में फंसे लोग पूरी तरह ठीक हैं और उनसे बात भी हो रही है।उन्होंने प्रभावितों के परिजनों को आश्वस्त किया कि सुरंग में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकालने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें गंभीर हैं। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रेलमंत्री ने भी इस सम्बंध में बात की है।

प्रधानमंत्री ने बचाव और राहत कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी लेते हुए प्रदेश सरकार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पूरी तरह आश्वस्त हैं कि सुरंग में चल रहा रेस्क्यू जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा और वहां फंसे सभी 40 लोगों को जल्द ही सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। (वार्ता)

निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहा, 40 लोग फंसे

उत्तरकाशी । दीपावली के दिन उत्तरकाशी में बड़ा हादसा हुआ। सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से टनल में कार्यरत 40 श्रमिक अंदर रह गए। 24 घंटे से अधिक समय बीतने पर भी श्रमिकों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। बचाव कार्य जारी हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के अनुसार, सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के लिए पानी, भोजन, ऑक्सीजन और बिजली उपलब्ध है। सुरंग के अंदर खाने के छोटे-छोटे पैकेट भी डाल दिए गए हैं। टनल के अंदर सभी फंसे हुए श्रमिक सुरक्षित हैं।

सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए मलबा हटाने का कार्य निरंतर जारी है, मलबा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं । टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए चना-चबैना के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं।

उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर उत्तरकाशी के सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार का कहना है, “सुरंग के अंदर 40 लोग फंसे हुए हैं। सभी सुरक्षित हैं, हमने उन्हें ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है। वर्तमान स्थिति यह है कि कल हमने सुरंग के अंदर फंसे लोगों के साथ संचार स्थापित किया था। हम सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक चले गए हैं, और लगभग 35 मीटर अभी भी तय करना बाकी है। हर कोई सुरक्षित है, हमने ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है। हम सुरंग के अंदर जाने के लिए बगल में अपना रास्ता बना रहे हैं।

सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार ने कहा कि मलबा लगभग 60 मीटर तक है। जैसे हम मलबा हटा रहे हैं, ऊपर से मलबा गिर रहा है। हमने लगभग 15-20 मीटर तक मलबा हटा लिया है। सभी लोग सुरक्षित हैं। आपको बता दें कि चारधाम सड़क परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा से पोलगांव के बीच राज्य की सबसे लंबी (4.5 किमी) सुरंग बनाई जा रही है। जिसमें अब करीब 500 मीटर हिस्सा ही सुरंग के आर-पार होने के लिए बचा है। दिन-रात दो शिफ्ट में मजदूर इस सुरंग का निर्माण कार्य कर रहे हैं।

बीते शनिवार रात आठ बजे शिफ्ट शुरू हुई थी। जिसमें 40 से 50 मजदूर काम पर गए थे। यह शिफ्ट रविवार को बड़ी दीपावली के दिन सुबह 8 बजे खत्म होने वाली थी। जिसके बाद सभी मजदूर दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए उत्साहित थे। लेकिन इससे पहले ही सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से 230 मीटर अंदर सुरंग टूट गई। पहले धीरे-धीरे मलबा गिरा। जिसे सभी ने हल्के में लिया। फिर अचानक भारी मात्रा में मलबा आया और सुरंग बंद हो गई। इस दौरान 3-4 मजदूरों ने भाग कर अपनी जान बचाई। लेकिन अन्य सुरंग के अंदर ही फंस गई। जिनकी संख्या 35 से 40 के करीब बताई जा रही है। सुरंग के निर्माणकार्य में लगे झारखंड निवासी मजदूर हेमंत नायक ने बताया कि 12 घंटे की शिफ्ट में करीब 65 से 70 मजदूर काम करते हैं।

शनिवार रात को शिफ्ट मजदूर काम करने के लिए गए थे। जिनकी शिफ्ट रविवार सुबह 8 बजे खत्म होने वाली थी। लेकिन ढाई घंटे पहले करीब 5:30 बजे सुरंग में हादसा हो गया। बताया कि शिफ्ट खत्म होने के बाद सभी मजदूर दिनभर दीपावली की छुट्टी मनाने वाले थे।(वीएनएस)

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