UP Live

विकसित भारत @2047:ओडीओपी, मिठाई और दूध उत्पादों के देशव्यापी प्रसार पर जोर

शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव और स्किल डेवलपमेंट पर जोर .कृषि को सशक्त करने व किसानों के घर पर खाद्य भंडारण का सुझाव .थर्मल पावर को न्यूक्लियर पावर में बदलने की जरूरत : विशेषज्ञ .हर गांव में वॉटर एटीएम और स्वच्छ पेयजल पर फोकस .संस्कृति, समाज और परिवार को 2047 के विकास मॉडल में प्रमुखता दिये जाने की जरूरत .बजट का 5% हिस्सा रिसर्च पर खर्च करने का सुझाव.

  • 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश अभियान के लिए विशेषज्ञों ने साझा किये विचार
  • विकसित यूपी @2047 अभियान : जनता ऑनलाइन भी दे सकेगी अपने सुझाव
  • जनता से बढ़ चढ़कर विकसित यूपी के लिए सुझाव देने का सीएम योगी ने किया आह्वान
  • लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जारी किया QR कोड
  • सीएम योगी ने वेब पोर्टल https://samarthuttarpradesh.up.gov.in का किया उद्घाटन

लखनऊ । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत @2047” विज़न को साकार करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को एक बड़े अभियान की शुरुआत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में “समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047” अभियान का शुभारंभ हुआ। राजधानी के लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवी और विशेषज्ञ जनों ने अपने विचार रखे और प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के रोडमैप पर गहन विमर्श किया।

इस अवसर पर वक्ताओं ने 2047 तक उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने और 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, अनुसंधान, संस्कृति और सामाजिक संरचना पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई।

स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी प्रेरणा की आवश्यकता

प्रो. विघ्नेश कुमार ने सुझाव दिया कि स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी गाथाओं को इस अभियान का हिस्सा बनाया जाए ताकि समाज में ऊर्जा और विरासत के सम्मान का मोमेंटम लगातार बना रहे।

कृषि और शिक्षा व्यवस्था पर जोर

डॉ. विजय सिंह निरंजन, पूर्व अधिकारी, ने किसानों के हित में खाद्य का भंडारण सीधे उनके घर पर करने की व्यवस्था का सुझाव दिया। उन्होंने कोचिंग संस्थानों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक कोचिंग बंद रहनी चाहिए, ताकि बच्चे नियमित रूप से स्कूल-कॉलेज जा सकें और शिक्षा व्यवस्था प्रभावित न हो। साथ ही, विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही एक समान योजनाओं को एकीकृत कर कार्यकुशलता बढ़ाने की आवश्यकता बताई।

प्रजेंटेशन और जागरूकता का विस्तार

रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी रंजन द्विवेदी ने सुझाव दिया कि इस पूरे अभियान को क्षेत्रवार प्रस्तुत किया जाए और सोशल मीडिया के जरिए इसका प्रसार होना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग इससे जुड़ सकें।

शिक्षा और रिसर्च में क्रांति

रिटायर्ड आईएएस आनंद कुमार ने शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ट्यूशन कल्चर को कम करना होगा और स्कूलों में स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देना होगा। साथ ही, भारतीय संस्कारों को शिक्षा में समाहित करना चाहिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश में रिसर्च हब और रिसर्च सेंटर बनाने की आवश्यकता भी बताई।

बुनियादी ढांचे और ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव

रिटायर्ड रेलवे अफसर विजय कुमार दत्त ने कहा कि प्रदेश में 78 हजार किलोमीटर लंबे मार्गों को रेलवे लाइनों के साथ मैप करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि थर्मल पावर प्लांट्स को न्यूक्लियर पावर प्लांट्स में बदलने की दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए।

संस्कृति और परंपरा का महत्व

संस्कृत प्रोफेसर विपिन त्रिपाठी ने विकास योजना में भारतीय परंपराओं को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि योजना को 12 माह और 12 राशियों से जोड़कर देखा जा सकता है और संस्कृत विद्या को इसमें प्रमुखता दी जानी चाहिए।

उद्योग और ग्रामीण अर्थव्यवस्था

रिटायर्ड रेलवे अधिकारी शैलेन्द्र कपिल ने सुझाव दिया कि दूध उत्पादों का देशव्यापी प्रसार और मिठाई उद्योग को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की मिठाइयों की प्रसिद्धि को देश के अन्य राज्यों तक पहुंचाना होगा।

टाउनशिप और उच्च शिक्षा
पूर्व प्रोफेसर ए.के. जयंतली ने बताया कि बैरन लैंड पर छोटे-छोटे टाउनशिप बनाए जाने चाहिए ताकि गांव भी विकसित हों। उन्होंने खेती की जमीन पर शहरीकरण को रोकने, उच्च शिक्षा में “एंड्रोगोगी” पद्धति अपनाने और स्किल डेवलपमेंट पर जोर देने की बात कही।

अन्य महत्वपूर्ण सुझाव

– ओडीओपी (ODOP) पर फोकस करना।
– एम्स की तरह प्राथमिक स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करना।
– बच्चों के स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, हर गांव में वॉटर एटीएम की स्थापना।
– आपदा राहत और थ्रेट प्रोटेक्शन की योजनाएं।
– ग्रामीण क्षेत्रों में शराब के ठेकों पर नियंत्रण।
– जनता से संवाद के लिए अधिक समय उपलब्ध कराना।
– 2047 विकसित यूपी अभियान में संस्कृति, समाज और परिवार को प्राथमिकता।
– पशु-पक्षियों के कल्याण को भी विकास योजना में शामिल करना।
– कुल बजट का 5% हिस्सा रिसर्च के लिए निर्धारित करना।
– सामाजिक समरसता और क्षेत्रवार विकास को महत्व देना।

कार्यक्रम के अंत में विद्वानों ने एक स्वर में कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास की राह शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुसंधान, संस्कृति और सामाजिक समरसता से होकर ही गुजरती है। यदि इन बिंदुओं पर ध्यान दिया गया, तो 2047 तक “विकसित उत्तर प्रदेश” का संकल्प अवश्य पूरा होगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्रदेव सिंह, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, वरिष्ठ अधिकारीगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, अवकाश प्राप्त अधिकारीगण, प्रोफेसर आदि गणमान्य मौजूद रहे।

  • सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों और कॉलेजों में लगाए जाएंगे क्यूआर कोड
  • एक माह तक प्रदेश के गांव-गांव, नगर-नगर में चलेगा महा अभियान

उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्य बनाने के “समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047” अभियान के तहत अब आम नागरिक भी सीधे अपनी राय और सुझाव सरकार तक पहुंचा सकेंगे। एक माह तक चलने वाले इस महा अभियान के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजधानी लखनऊ स्थित लोक भवन में आयोजित कार्यक्रम में विशेष QR कोड और ऑनलाइन पोर्टल का उद्घाटन किया। इनके जरिए सुझाव आमंत्रित किये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने जनता से बढ़ चढ़कर अपने सुझाव देने का आह्वान किया है।

QR कोड और ऑनलाइन पोर्टल
मुख्यमंत्री ने बताया कि सुझाव देने की प्रक्रिया को आसान और सुलभ बनाने के लिए सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों और कॉलेजों में QR कोड लगाए जाएंगे। नागरिक इन QR कोड को स्कैन करके अपने सुझाव सीधे पोर्टल पर दर्ज कर सकेंगे। इसके अलावा, विशेष रूप से विकसित ऑनलाइन पोर्टल https://samarthuttarpradesh.up.gov.in के माध्यम से भी लोग अपने विचार और प्रस्ताव साझा कर सकेंगे।

सबसे अच्छे सुझाव देने पर मिलेगा पुरस्कार

मुख्यमंत्री ने बताया कि उपयोगी और सार्थक सुझावों का विषय विशेषज्ञ और नीति आयोग द्वारा चयनित किया जाएगा। चयनित सुझावों को जनपद और प्रदेश स्तर पर सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य केवल सुझाव लेना ही नहीं, बल्कि उन्हें नीति निर्माण में शामिल कर वास्तविक विकास को सुनिश्चित करना है।

कार्यक्रम में 400 से अधिक प्रबुद्धजन शामिल हुए, जिन्होंने अभियान की कार्ययोजना और जनभागीदारी के महत्व पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल केवल प्रशासनिक प्रयास नहीं, बल्कि जनता की भागीदारी से प्रदेश को समृद्ध और विकसित बनाने का एक बड़ा कदम है।

अनन्त चतुर्दशी 2025 : पौराणिक महत्व, कथा, पूजा विधि और समय

इंडस्ट्री–एकेडमिया समन्वय से भारत बनेगा तकनीक और विकास का केंद्र : मुख्यमंत्री

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button