HealthNational

कोरोना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों पर FAQ और वैक्सीन की कमी पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का ब्यौरा

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच फैली अफवाहों और फेक न्यूज के चलते केंद्र सरकार ने वैक्सीन से लेकर ऑक्सीजन की खपत तक का पूरा ब्यौरा उपलब्ध करा दिया है। इन सबके बीच आम जनमानस के कुछ ऐसे सवाल हैं, जो इस महामारी के दौर में कई दफा चर्चा में रहे। प्रसार भारती नेटवर्क के बहुचर्चित कार्यक्रम डॉक्टर्स स्पीक में बात करते हुए इन्हीं सवालों का जवाब दिया है नई दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल की डॉ. गीता कमपानी ने। इस चर्चा के दौरान डॉक्टर कमपानी ने बुखार न उतरने की स्थिति से लेकर, अस्पताल में बेड न मिलने की स्थिति सहित ऑक्सीजन का सही इस्तेमाल और एंटीबॉडी से जुड़े अनेकों विषयों पर प्रकाश डाला।

1) अगर ऑक्सीजन की समस्या न हो लेकिन बुखार ज्यादा है तो क्या इस स्थिति में अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं?

अगर सांस में तकलीफ नहीं है, ऑक्सीजन लेवल सही है लेकिन बुखार कम नहीं हो रहा है। पेरासिटामोल खाने के बाद भी 3-4 दिन तक कुछ आराम नहीं है तो उन्हें अस्पताल ले जाना चाहिए।

2) कोरोना की दोनों वैक्सीन लेने के बाद कितने दिन बाद एंटीबॉडी बन जाते हैं?

वैक्सीन की दोनों डोज लेने के 15 दिन बाद एंटीबॉडी बनते हैं, लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना है कि वैक्सीन वायरस के खिलाफ 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं है, बल्कि 80 या 85 तक ही प्रभावी है। ऐसे में लोगों में संक्रमण हो सकता है। हां, वैक्सीन से बने एंटीबॉडी सीवियरटी को कम करेंगे, लेकिन इससे अच्छा है कि संक्रमण हो ही नहीं, इसके लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करना होगा।

3) अगर अस्पताल में बेड नहीं मिलता है तो क्या घर में ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinder) के साथ व्यवस्था कर सकते हैं?

अगर इस तरह की व्यवस्था घर में बन जाती है तो कर सकते हैं लेकिन ऐसी स्थिति में यानि ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने पर हॉस्पिटल में भर्ती होना ज्यादा अच्छा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की विस्तृत समीक्षा बैठक

इस बीच डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड और गैर-कोविड चिकित्सा स्थितियों के इलाज में लगे विभिन्न विभागों के प्रमुखों के साथ सामान्य/आईसीयू वार्डों में बेड/ऑक्सीजन युक्त बेड की उपलब्धता पर एक विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में अपने वर्तमान कर्तव्यों को पूरा करने में विभाग प्रमुखों और उनके सहयोगियों के सामने आने वाली कठिनाइयों पर भी गौर किया गया। इसके बाद उन्होंने एम्स, नई दिल्ली के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के रोगी वार्ड का दौरा किया और वहां इलाज करा रहे अनेक रोगियों के साथ बातचीत कर उन्हें बेहतरीन देखभाल का आश्वासन दिया।

कोरोना संकट से निपटने के लिए हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के सम्बन्ध में डेटा शेयर करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “महामारी की शुरुआत में हमारे पास सिर्फ 1 टेस्टिंग लैब थी, जिसकी संख्या अब बढ़कर 2463 पहुंच गई है, इन लैबों में 15 लाख की संयुक्त दैनिक परीक्षण क्षमता है। हर्षवर्धन ने आगे कहा कि देशभर में पिछले 24 घंटों में हुए 14,95,397 परीक्षणों के बाद कुल परीक्षणों को संख्या बढ़कर 26,88,06,123 हो गई है”।

देश में वैक्सीन की कमीं नहीं: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, ‘आज सुबह तक देश के सभी राज्यों को वैक्सीन की कुल 14 करोड़ 15 लाख डोज सप्लाई की गई हैं। वेस्टेज को मिलाकर सब राज्यों ने लगभग 12 करोड़ 57 लाख 18 हजार वैक्सीन की डोज का इस्तेमाल किया है। इस समय राज्यों के पास एक करोड़ 58 लाख डोज उपलब्ध हैं और सप्लाई के अंदर वैक्सीन की 1 करोड़ 16 लाख 84 हजार डोज है। देश में फिलहाल वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।

BABA GANINATH BHAKT MANDAL  BABA GANINATH BHAKT MANDAL

Related Articles

Back to top button