दूरसंचार विभाग ने 5G तकनीक और स्पेक्ट्रम ट्रायल शुरू करने की दी अनुमति
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने आज दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 5G तकनीक के उपयोग और एप्लीकेशन के लिए परीक्षण करने की अनुमति दे दी है। विभाग ने यह मंजूरी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (टीएसपी) द्वारा पहचान की गई प्राथमिकताओं और प्रौद्योगिकी सहयोगी कंपनियों के आधार पर दी है। शुरुआत में प्रयोग के लिए मिड-बैंड (3.2 गीगाहर्ट्ज़ से 3.67 गीगाहर्ट्ज़), मिलीमीटर वेव बैंड (24.25 गीगाहर्ट्ज़ से 28.5 गीगाहर्ट्ज़) और सब-गीगाहर्ट्ज़ बैंड (700 गीगाहर्ट्ज़) की श्रेणी वाला स्पेक्ट्रम प्रयोग के लिए दिया जायेगा। टीएसपी को 5G परीक्षणों के संचालन के लिए उनके मौजूदा स्पेक्ट्रम (800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज) के तहत ट्रायल की अनुमति होगी।
आवदेन करने वालों में ये कंपनियां शामिल
आवेदक कंपनियों में भारती एयरटेल लिमिटेड, रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, वोडाफोन इंडिया लिमिटेड और एमटीएनएल शामिल हैं। इन कंपनियों ने मूल उपकरण निर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ समझौता किया है, जिसमें एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट शामिल हैं। इसके अलावा रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड भी अपनी स्वदेशी तकनीक का उपयोग करते हुए यह परीक्षण करेगी।
ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी करना होगा परीक्षण
अनुमति पत्र के अनुसार प्रत्येक टीएसपी को शहरों के अलावा ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी परीक्षण करना होगा ताकि देश भर में 5G टेक्नोलॉजी का लाभ मिले। जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में परीक्षणों की अवधि 6 महीने के लिए है। इसमें उपकरणों की खरीद और स्थापना के लिए 2 महीने की अवधि भी शामिल है।
Department of Telecom has approved telecom service providers' applications to perform 5G trials. Cellular Operators Association of India welcomes the DoT decision.@DoT_India pic.twitter.com/ucpmJGAR5P
— Prasar Bharati News Services & Digital Platform (@PBNS_India) May 5, 2021
5G परीक्षणों का संचालन मूल रूप से भारतीय उद्देश्यों में 5G स्पेक्ट्रम का प्रसार भारतीय जरूरतों के आधारों पर करना है। इसका प्रयोग मॉडल ट्यूनिंग और चुने हुए उपकरण, उनके वेंडर का मूल्यांकन, स्वदेशी तकनीक का परीक्षण, एप्लीकेशन आधारित तकनीकी का परीक्षण और 5जी फोन और उपकरणों का परीक्षण करने के लिए किया जाएगा।
डेटा डाउनलोड दरों में होगी वृद्धि
5G तकनीक से डेटा डाउनलोड दरों (4 जी के 10 गुना होने की उम्मीद अनुमानित) में वृद्धि संभव है। इससे उपभोक्ताओं को इंटरनेट के क्षेत्र में बेहतर सेवाएं मिलेगी, जिसके जरिए इनका प्रयोग स्पेक्ट्रम क्षमता से तीन गुना अधिक किया जा सकेगा। साथ ही साथ यह उद्योग जगत को 4.0 एप्लीकेशन के लिए सक्षम कर सकेगा। इन एप्लीकेशन का इस्तेमाल कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्मार्ट घरों, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, परिवहन, यातायात प्रबंधन और स्मार्ट शहरों में हो सकेगा।
टीएसपी के मौजूदा नेटवर्क के साथ नहीं जोड़ा जाएगा परीक्षण
डीओटी ने निर्दिष्ट किया है कि परीक्षण को अलग से किया जाएगा और टीएसपी के मौजूदा नेटवर्क के साथ नहीं जोड़ा जाएगा। यह परीक्षण गैर-वाणिज्यिक आधारित होंगे। परीक्षणों के दौरान उत्पन्न डेटा सिर्फ भारत में संग्रहीत किया जाएगा।
परीक्षण में स्वदेशी रूप से विकसित उपकरणों का किया जाएगा इस्तेमाल
सरकार ने टीएसपी से यह भी उम्मीद जताई है कि वह 5G परीक्षण के हिस्से के रूप में स्वदेशी रूप से विकसित उपकरणों और तकनीकी का इस्तेमाल करेंगी। इसके तहत, हाल ही में 5 जी एप्लीकेशन पर हैकाथन आयोजित करने के बाद डीओटी द्वारा चुने गए 100 एप्लीकेशन / इस्तेमाल मामलों का भी इन परीक्षणों को उपयोग किया जा सकता है।