राजकोट : गुजरात के राजकोट तालुका क्षेत्र में गेम जोन में लगी भीषण आग हादसे में झुलसने से मृतको संख्या बढ़कर 28 हो गयी है।पुलिस ने रविवार को बताया कि टीआरपी गेम जोन में शनिवार को लगी आग में झुलसने से मरने वालों की संख्या 28 हो गयी है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल ने आज सुबह यहां दुर्घटना स्थल का दौरा किया और दुर्घटना के कारणों सहित बचाव कार्यों का विवरण प्राप्त किया।श्री पटेल ने एक्स पर पोस्ट में लिखा है कि इस घटना में नगर निगम और प्रशासन को तत्काल बचाव और राहत कार्य के निर्देश दिए गए हैं और घायलों के तत्काल इलाज की व्यवस्था को प्राथमिकता देने के भी निर्देश दिए गए है। राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये सहायता राशि देगी।
उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि ऐसी घटना दोबारा न हो। इस घटना में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस संबंध में एक एसआईटी का गठन कर पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।उल्लेखनीय है कि टीआरपी गेम जोन में शनिवार को भीषण आग लग ई थी। सूचना मिलते ही मुख्य अग्निशमन अधिकारी समेत दमकल की आठ गाड़ियों के साथ दमकल कर्मी मौके पर पहुंच गए और कड़ी मशक्क्त से आग पर काबू पा लिया था। इस दौरान मौके से कई लोगों के शव निकाले गए थे।
पटेल ने राजकोट में दुर्घटना स्थल का किया निरीक्षण
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल राजकोट के एक गेम जोन में लगी भीषण आग के कारण हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे की जानकारी हासिल करने के लिए रविवार को यहां पहुंचे और दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया।श्री पटेल ने गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव के. कैलाशनाथन, मुख्य सचिव राजकुमार, पुलिस महानिदेशक विकास सहाय, राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव एम.के. दास सहित राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों तथा शहर एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दुर्घटना स्थल का आज सुबह निरीक्षण किया।इस दौरे पर मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहे श्री संघवी ने भी कल देर रात घटना स्थल पहुंचकर जो जानकारी हासिल की थी ,उसे मुख्यमंत्री से साझा की।
मुख्यमंत्री ने राजकोट एम्स और अन्य अस्पतालों का दौरा करके घायलों के उपचार की जानकारी हासिल की। उन्होंने घायलों और उनके परिवारजनों के साथ बातचीत करके उनको मिल रहे उपचार के बारे में जाना और उनकी कुशल क्षेम पूछी।श्री पटेल ने इस हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्तियों के परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और उनके दुःख में सहभागी हुए। उन्होंने आश्वासन दिया कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने इस दुर्घटना के संदर्भ में स्थानीय प्रशासन द्वारा किए गए राहत एवं बचाव कार्यों तथा घायलों के तत्काल उपचार की व्यवस्था आदि के संबंध में राजकोट के हीरासर एयरपोर्ट पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित करके उचित मार्गदर्शन भी दिया।मुख्यमंत्री ने बैठक में इस पूरी दुर्घटना की गहराई से जांच करके इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने का भी स्पष्ट निर्देश दिया।
इस समीक्षा बैठक में बताया गया कि आग की घटना की जानकारी मिलते ही राजकोट महानगर पालिका की अग्निशमन टीम और पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया था। घायलों को अस्पताल पहुंचाने तथा इस आग से लोगों को बचाने के कार्य को प्राथमिकता देते हुए यह पूरी कार्रवाई की गई।इस अग्निकांड में बड़े पैमाने पर लोगों के झुलसने के मामलों को ध्यान में रखते हुए तत्काल उपचार के लिए राजकोट स्थित पीडीयू मेडिकल कॉलेज में 100 बेड की क्षमता वाला बर्न वार्ड तैयार किया गया है। इतना ही नहीं घायलों के उपचार में कोई कमी न रहे, इसके लिए पीडीयू मेडिकल कॉलेज राजकोट में अन्य चिकित्सकों तथा पैरा मेडिकल स्टाफ को भी ड्यूटी पर तैनात किया गया था। इसके अलावा बर्न इंजरी उपचार के विशेषज्ञ सर्जनों और प्रशिक्षित नर्सों को तत्काल जामनगर, अहमदाबाद, मोरबी, जूनागढ़ और भावनगर से राजकोट बुलाया गया। घायलों को त्वरित गहन उपचार सुविधा मुहैया कराने को उद्देश्य के साथ ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा और बेहतर करने के लिए बीस 108 एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई गई है।
मुख्यमंत्री के दिशानिर्देश के अनुसार राज्य सरकार ने इस हादसे में एयर एंबुलेंस की सेवाएं भी ली हैं। सभी शवों की पहचान के लिए उनके डीएनए सैंपल और परिवारजनों के रेफरल सैंपल एयर एंबुलेंस के जरिए गांधीनगर फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) में पहुंचाए गए हैं, जहां उनका परीक्षण युद्धस्तर पर जारी है। उनके द्वारा इस पूरे हादसे के कारणों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के अध्यक्ष अपर पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी सहित अन्य सदस्य भी देर रात राजकोट पहुंच गए थे। एसआईटी इस घटना के कारणों की जांच करके अपनी प्राथमिक रिपोर्ट तीन दिनों में राज्य सरकार को सौंपेगी।बैठक में श्री पटेल को यह भी बताया गया कि राजकोट शहर पुलिस ने एहतियात के तौर पर शहर के सभी गेम जोन को बंद करने के आदेश दिए हैं, साथ ही फायर सेफ्टी सहित सुरक्षा उपायों की जांच की जा रही है।
इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा भी महानगर पालिकाओं सहित पूरे राज्य में चल रहे गेम जोन की जांच और सुरक्षा उपायों की पड़ताल के लिए आदेश दिए गए हैं। तदनुसार ऐसी जांच के लिए पुलिस, राजस्व, फायर सेफ्टी और महानगर पालिका-नगर पालिका के इंजीनियर की टीम बनाई गई है। इन टीमों ने भी अपना काम शुरू कर दिया है। टीमों द्वारा तत्काल अपने-अपने क्षेत्रों में जांच करके फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) या अन्य किसी भी संबंधित अनुमति के बिना चलने वाले गेम जोन के खिलाफ तत्काल दंडनीय कार्रवाई की जाएगी और गेम जोन को बंद किया जाएगा।मुख्यमंत्री के साथ इस दौरे पर राजकोट शहर के विधायक तथा शहर एवं जिला प्रशासन के अधिकारी और पदाधिकारी भी मौजूद रहे।(वार्ता)