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कोरोना टीकाकरण : अधिकतर जिलों में सिर्फ 10 फीसदी आबादी को लगा टीका

नई दिल्ली । देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की खतरनाक रफ्तार जारी है। पिछले हफ्ते से लगातार हर रोज साढ़े तीन लाख से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिल रहे हैं और 3,500 लोगों की जान जा रही है। ऐसे में सबको वैक्सीन रूपी रक्षाकवच का ही एकमात्र सहारा है। वहीं देश में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन देश भर के ज्यादातर जिलों में अब तक सिर्फ 10 फीसदी लोगों का ही टीकाकरण किया जा सका है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर कैसे भागेगा कोरोना…

कोरोना महामारी के खिलाफ लोगों को रक्षाकवच देने वाले टीके को लगाते भारत में 109 दिन हो चुके हैं। अब तक अजेय बनी इस महामारी को हम इसी टीके से परास्त कर सकते हैं। इसलिए सबको तय समय पर टीका जरूर लगाना चाहिए। हालांकि, इस महाअभियान में देश की बड़ी आबादी उसके संसाधनों के सामने चुनौती बनी हुई है। कोविड टीकाकरण की रफ्तार को देखते हुए लग रहा है कि देश की बाकी आबादी को अभी वैक्सीन के लिए लंबा इंतजार करना होगा।

सिर्फ 37 जिलों में 20 फीसद आबादी को लगा टीका
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 726 जिलों में केवल 37 जिलों ने यानी सिर्फ 5 फीसदी ने अब तक कोरोना वैक्सीन की पहली डोज 20 प्रतिशत या उससे अधिक आबादी को दी है। कोविन ऐप के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक सबसे ज्यादा वैक्सीन दो जिलों में पुडुचेरी और गुजरात का जामनगर में लगाई गई है। इन दोनों जिलों में तकरीबन एक तिहाई आबादी को को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है।

इन जिलों में हुआ सबसे कम वैक्सीनेशन
देश के अधिकांश जिलों में टीकाकरण अभियान बेहद सुस्त है। देश के 58 फीसद जिलों में केवल 10 फीसदी लोगों को ही कोविड वैक्सीन लगाई गई है। वहीं 37 प्रतिशत जिलों में 10 से 20 फीसदी लोगों को कोविड टीका लगाया गया है। कर्नाटक में बीजापुर और असम में दक्षिण सालमारा सबसे कम लोगों का वैक्सीनेशन करने वाले जिलों में शामिल हैं।

कोविन ऐप के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर राज्यों के कई जिलों ने अपने यहां 10 प्रतिशत से भी कम आबादी का टीकाकरण किया है, जबकि राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केरल के अधिकांश जिलों में आबादी का 10 प्रतिशत से अधिक है।

देश की दो फीसद से भी कम आबादी को लगी वैक्सीन
टीकाकरण करते हुए देश में सौ दिन से ऊपर हो चुके हैं। अभी तक दो फीसद से भी कम आबादी को वैक्सीन की दोनों खुराकें लगाई जा सकी हैं। हर दस में से एक से भी कम को टीके की पहली खुराक दी जा सकी है। टीकाकरण में आज वे देश आगे हैं, जहां यह अभियान पहले शुरू हो गया था। इस्राइल अपनी आधी से अधिक आबादी का टीकाकरण कर चुका है। इसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। वहीं कोरोना से दूसरा सबसे संक्रमित देश भारत टीकाकरण के मामले में पांचवें नंबर पर है।

सुस्त हो रही टीकाकरण की रफ्तार  
एक मई से टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू हो चुका है। इसमें 18 साल से 44 साल तक के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। यानी अब देश में सभी वयस्कों का टीकाकरण हो रहा है। इस चरण के शुरू होने तक हमारी रफ्तार सुस्त हो चली है। 10 से 20 अप्रैल के बीच देश में कुल 2.85 करोड़ टीके लगाए गए जबकि इसके पहले के दस दिनों में लगाए गए टीकों की संख्या 3.85 करोड़ थी।

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