Education

सीएम योगी की अभ्युदय योजना से गरीब युवाओं के सपनों को मिली उड़ान, सैकड़ों बच्चे बने अफसर

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना:NEET/JEE/NDA/CDS की परीक्षा में बड़ी संख्या में हुआ अभ्यर्थियों का चयन

  • योजना से लाभाविंत 46 अभ्यर्थियों का यूपीएससी में हो चुका है चयन, 121 यूपीपीसीएस जरिए बने अधिकारी
  • सीएम योगी की पहल से गरीब छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त में मिल रही कोचिंग की सुविधा
  • अबतक 82,209 छात्र-छात्राएं ले चुके हैं योजना का लाभ, 700 से अधिक का विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन
  • प्रदेश के 75 जिलों में 156 उच्च गुणवत्ता वाली कोचिंग हो रही संचालित, अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा दिया जा रहा प्रशिक्षण

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर एवं वंचित वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए वरदान साबित हो रही है। अन्त्योदय के उदय की अपनी प्रतिबद्धता को साकार करते हुए सीएम योगी गरीब बच्चों के अफसर बनने के सपने को हकीकत में बदल रहे हैं। इस योजना के जरिए निःशुल्क कोचिंग की सुविधा का लाभ उठाकर अबतक 46 अभ्यर्थी लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास कर अफसर बन चुके हैं, जबकि 121 अभ्यर्थी यूपीपीसीएस की परीक्षा पास कर अधिकारी बने हैं। राज्य के 75 जिलों में संचालित 156 केंद्रों से अब तक 82,209 अभ्यर्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जिनमें से लगभग 700 अभ्यर्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी के अवसर पर मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की शुरुआत की थी। यह योजना गरीब और वंचित परिवारों के बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ते हुए उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। अपने शुरूआत से ही यह योजना प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों के बीच तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह दूरदर्शी पहल राज्य के वंचित और गरीब वर्ग के छात्र-छात्राओं को एक नई दिशा देने का काम कर रही है। इस योजना के माध्यम से छात्रों को नि:शुल्क कोचिंग, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह योजना राज्य के छात्रों को एक सशक्त और उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करती है, और उन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देती है।

प्रदेश के 75 जिलों में संचालित है निःशुल्क कोचिंग की सुविधा

यूपी सरकार ने इस योजना को राज्य के 75 जनपदों में सफलतापूर्वक संचालित कर रही है, जहां करीब 156 केंद्र संचालित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का कार्यान्वयन उत्तर प्रदेश सरकार की कड़ी निगरानी में किया जा रहा है। इसकी बकायदा मॉनिटरिंग के लिए लखनऊ में अलग से अभ्युदय सचिवालय स्थापित किया गया है जहां से प्रतिदिन इन सभी कोचिंग सेंटरों के संचालन की पूरी व्यवस्था की देखरेख की जा रही है। इसमें सबसे ज्यादा 11 केंद्र लखनऊ में संचालित हैं, जबकि कौशांबी में 6, गोरखपुर में 5, वाराणसी और बहराइच में 4 केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। अभ्युदय योजना के सह प्रभारी पवन कुमार यादव ने बताया कि इस योजना के माध्यम से अब तक 82,209 से अधिक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। इस योजना की लोकप्रियता का ही नतीजा है कि वर्ष 2021 से अबतक साल दर साल इसमें छात्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

साल दर साल आंकड़े:

• 2021-22 में 6,000 अभ्यर्थी
• 2022-23 में 25,380 अभ्यर्थी
• 2023-24 में 27,634 अभ्यर्थी
• 2024-25 में 23,195 अभ्यर्थी (नामांकन प्रक्रिया जारी)

समाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि अभ्युदय योजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक महत्वपूर्ण और महात्वाकांक्षी योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के उन छात्रों को लाभान्वित करना है जो आर्थिक तंगी के कारण महंगी कोचिंग सेवाओं का खर्च नहीं उठा सकते। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत, छात्रों को सिविल सेवा (IAS, IPS, IRS), प्रांतीय सिविल सेवा ( PCS), संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE), राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET), राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और संयुक्त रक्षा सेवा (CDS) जैसी विभिन्न प्रतिष्ठित परीक्षाओं की तैयारी के लिए नि:शुल्क कोचिंग प्रदान की जाती है।

इस पहल का एक मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य का कोई भी प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक बाधाओं के कारण अपने सपनों को छोड़ने पर मजबूर न हो। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत छात्रों को उनके स्वयं के जिले में ही कोचिंग की सुविधा दी जाती है, जिससे उन्हें अपने घर से दूर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। यह सुविधा विशेष रूप से उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है जो ग्रामीण या सुदूर क्षेत्रों में रहते हैं और जिनके लिए बड़े शहरों में जाकर महंगी कोचिंग लेना संभव नहीं होता।

इस योजना में विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाले सिलेबस, प्रश्न बैंक, और डिजिटल सामग्री प्रदान की जाती है ताकि वे अपनी तैयारी को बेहतर ढंग से कर सकें। इसके अलावा, आवश्यकता पड़ने पर ऑफलाइन कक्षाओं की भी व्यवस्था की जाती है, जहां शिक्षक छात्रों के साथ प्रत्यक्ष रूप से जुड़कर उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं।

2024-25 में पंजीकृत अभ्यर्थियों की संख्या:

• यूपीएससी/यूपीपीसीएस: 10,510 अभ्यर्थी
• नीट: 5,778 अभ्यर्थी
• जेईई: 2,033 अभ्यर्थी
• एनडीए/सीडीएस: 816 अभ्यर्थी
• अन्य कोर्स: 4,060 अभ्यर्थी

46 अभ्यर्थियों का यूपीएससी में हो चुका है चयन, 121 यूपीपीसीएस जरिए बने अधिकारी

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना गरीब अभ्यर्थियों के सपनों को पंख दे रही है। इस योजना का लाभ लेकर महज दो वर्षों में 46 से अधिक अभ्यर्थी संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर आज अफसर बनकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं तीन वर्षों में 121 अभ्यर्थी यूपीपीसीएस की परीक्षा में सफलता हासिल की है। इसके अलावा 55 अभ्यर्थी लेखपाल की परीक्षा में सफल होकर राज्य सरकार के अंतर्गत अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं 2024 में मेडिकल की नीट परीक्षा में 86 और जेईई में 35 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है।

1783 इम्पैनल्ड शिक्षक, राज्य में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी करते हैं मार्गदर्शन

प्रदेश के सभी केंद्रों पर प्रशिक्षण के लिए 1783 शिक्षकों को इम्पैनल्ड किया गया है जो विद्यार्थियों को उनके विषय के अनुसार बेहतर प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा राज्य में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी भी इन अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन करते हैं। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की सबसे अनूठी बात यह है कि यह योजना केवल मुफ्त कोचिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से छात्रों को एक समग्र शिक्षण अनुभव प्रदान किया जा रहा है। इस योजना में न केवल छात्रों को कोचिंग दी जा रही है, बल्कि उन्हें मानसिक, शारीरिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से भी तैयार किया जाता है। इसका उद्देश्य राज्य के विद्यार्थियों को केवल प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल बनाना ही नहीं है, बल्कि उन्हें एक सक्षम और आत्मनिर्भर नागरिक बनाना भी है। यह योजना छात्रों को न केवल उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद कर रही है, बल्कि उन्हें निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में नौकरी प्राप्त करने के लिए भी सक्षम बना रही है।

ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के जरिए की जा रही परीक्षार्थियों की सहायता

विद्यार्थियों को पढ़ाई में किसी भी प्रकार की परेशान न हो इसके लिए योगी सरकार ने एक ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म भी विकसित किया है, जो विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की डिजिटल सामग्री, ऑनलाइन कक्षाएं, और नि:शुल्क मार्गदर्शन उपलब्ध कराता है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से छात्रों को उच्च पदस्थ अधिकारियों और विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्राप्त होता है, जो उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की गहन तैयारी में मदद करता है। इसके साथ योगी सरकार ने परीक्षार्थियों की सुविधा और योजना के सफल संचालन के लिए एक वेब पोर्टल भी विकसित किया है। जहां परीक्षार्थियों को अध्ययन सामग्री तथा टेस्ट पेपर आसानी से मिल जाएंगे साथ ही शिक्षकों की पूरी जानकारी भी प्राप्त कर सकेंगे। सरकार छात्रों तक पहुंच बनाने और उनकी समस्याओं को सुनने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर अपने हैंडल को भी विकसित किया है।

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना उत्तर प्रदेश के गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो रही है। यह योजना छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और कोचिंग प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सशक्त कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस दूरदर्शी पहल से राज्य के हजारों छात्रों के सपने साकार हो रहे हैं और वे अपने उज्ज्वल भविष्य की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं।

परिवार से बिछड़े 93 हजार से अधिक बच्चों को योगी सरकार ने मां-बाप से मिलाया,परिवारों में लौटी खुशियां

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button