मुख्यमंत्री मौके पर जाकर देखेंगे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की प्रगति
मुख्यमंत्री गाजीपुर, आजमगढ़ और सुलतानपुर में निर्माण कार्य का करेंगे निरीक्षण .मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, इसके निर्माण में खर्च होंगे करीब 22494.66 करोड़ रुपये .
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में मौके पर जाकर विकास कार्यों की प्रगति जानने का जो सिलसिला शुरु किया है, उसके तहत वह सोमवार को पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य का निरीक्षण करेंगे। करीब 22494.66 करोड़ रुपये का पूर्वांचल एक्सप्रेस वे मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। सोमवार को गाजीपुर, आजमगढ़ और सुल्तानपुर में कुल छह स्थानों पर एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य का मुआयना करेंगे। यह एक्सप्रेस वे पर इसी साल आवागमन शुरु हो जाए यह मुख्यमंत्री की मंशा है।
पूर्वांचल में विकास को रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता पर काबिज होने के बाद लखनऊ से आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर तक सिक्स लेन के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरु करवाया था। इस एक्सप्रेसवे की लम्बाई 340.824 किमी॰ है और इसे भविष्य में आठ लेन का किया जा सकता है। इस परियोजना से जनपद लखनऊ ,बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर लाभान्वित होंगे। लखनऊ से बिहार सीमा तक जाने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का चलना शुरू होने के साथ ही पूर्वाचल के लोगों का बड़ा सपना पूरा हो जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे न सिर्फ उद्योग धंधों का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि क्षेत्रीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी उपलब्ध कराएगा। इसी वर्ष उक्त एक्सप्रेस वे पर सभी किस्म के वाहनों को चलने की अनुमति मिलने की संभावना है। यानी सरकार की ओर से प्रदेश के लोगों को इस साल का यह बड़ा तोहफा होगा।
फ़िलहाल इस एक्सप्रेस वे को लेकर पूर्वांचल के नौ जिलों में रहने वाले लोगों में ख़ासा उत्साह है। आने वाले दिनों में उक्त एक्सप्रेस वे का अलावा बीते साढ़े तीन वर्षों में बनी सड़कें उत्तर प्रदेश की जीवनरेखा होंगी। मार्च, 2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार के सत्ता में आने से पहले प्रदेश में केवल दो एक्सप्रेस-वे ही मौजूद थे। अब इनकी संख्या में इजाफा होने को है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से राज्य में एक्सप्रेस वे के निर्माण में उत्साह दिखाया है, उसकी तारीफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है। बीते 30 नवंबर, 2020 को देव-दीपावली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब वाराणसी आए, तो उन्होंने मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश अब ‘एक्सप्रेस-वे प्रदेश’ बन चुका है।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बिहार और उत्तर प्रदेश के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में जुड़ने जा रहा है और यह एक्सप्रेस-वे संपूर्ण पूर्वांचल क्षेत्र के विकास की रीढ़ साबित होगा। पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, गोरखपुर- आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वेऔर डिफेंस कॉरिडोर के साकार होते ही पूरे प्रदेश का परिदृश्य बदला नजर आएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे और डिफेंस कॉरिडोर को छोड़ दें तो अन्य सभी परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं और इनके भी 2022 तक पूरा होने के आसार हैं। मुख्यमंत्री इस सभी परियोजनाओं को लेकर बेहद गंभीर हैं। वह लगातार इन सब परियोजनाओं की समीक्षा करते रहें हैं।
इसी क्रम में अब मुख्यमंत्री खुद ही मौके पर जाकर निर्माण कार्य की प्रगति को जानेंगे, ताकि तय समय में निर्माण कार्य को पूरा कराया जा सके। फिलहाल पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य की प्रगति जानने के लिए मुख्यमंत्री का मौके पर जाना यह साबित करता है कि यह प्रोजेक्ट उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है। कहा जा रहा है कि पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे मुख्यमंत्री के लिए मात्र एक सड़क ही नहीं है, यह दशकों से पिछड़े इस पूरे क्षेत्र में नई उम्मीदों की भी राह है। क्योंकि यह स्थापित सत्य है कि विकास की गाड़ी सड़कों पर ही दौड़ती है और यदि उत्तर प्रदेश में पूर्वाचल की छवि पिछड़े क्षेत्र की बनी है तो इसका मुख्य कारण यहां अब तक सड़कों पर ध्यान न दिया जाना था, जिसे अब मुख्यमंत्री पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बनाकर बदलने की ठान चुके हैं।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना से लाभः-
1- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण से प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र प्रदेश की राजधानी एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे व यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की राजधानी से त्वरित एवं सुगम यातायात के काॅरिडोर से जुड़ जाएगा।
2- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण से संपूर्ण प्रदेश का सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। एक्सप्रेसवे के प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत एवं प्रदूषण नियंत्रण भी संभव हो सकेगा।
3- परियोजना से अच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा।
4- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से आच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन ईकाईयों, विकास केन्द्रों तथा कृषि उत्पादन क्षेत्रों को प्रदेश की राजधानी एवं राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक काॅरिडोर के रूप में सहायक होगा। 5- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल टेªनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर सुलभ होंगे।
6- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे हैण्डलूम उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भण्डारण ग्रह, मण्डी तथा दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।
7- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण से परियोजना आच्छादित क्षेत्रों में पर्यटन के विकास को
बल मिलेगा एवं विकास से उपेक्षित प्रदेश के इन पूर्वी क्षेत्रों का सर्वांगीण एवं चहुंमुखी विकास संभव हो सकेगा।