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बलिया : शिक्षक नेता के निधन से जिले में चंहुओर शोक

बलिया । शिक्षक नेता तेजप्रताप सिंह के निधन से जिले के शिक्षा जगत में शोक की लहर दौड़ गई। उपचार के दौरान वाराणसी में शनिवार की सुबह उनके निधन की सूचना मिलते ही काफी संख्या में शुभचिंतक वाराणसी के लिए रवाना हो गए। शिक्षा क्षेत्र रसड़ा के कम्पोजिट विद्यालय रसड़ा नम्बर एक पर तैनात शिक्षक तेजप्रताप सिंह प्राथमिक शिक्षक संघ बलिया के जिला मंत्री थे। उनकी तबीयत बीते रविवार की रात अचानक खराब होने पर घरवालों ने उन्हें वाराणसी में भर्ती कराया था, जहां वे जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। शनिवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। इसकी सूचना मिलते ही जिले भर में शोक की लहर दौड़ पड़ी। तमाम शिक्षक संगठनों द्वारा शोक संवेदनाओं का तांता लगा हुआ है।

सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय कान्हजी ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें संघर्षशील शिक्षक नेता बताया। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने कहा कि हमने शिक्षक हितों के लिए लड़ने वाले एक सच्चे सिपाही को खो दिया। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी और शोक प्रकट किया। एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डा. घनश्याम चौबे ने कहा कि जनपद ने शिक्षक हितों के एक सजग प्रहरी को खो दिया है। सांगठनिक मोर्चे पर शिक्षक हितों के संघर्ष में तेजप्रताप सिंह का बड़ा योगदान रहा है वे शिक्षक और कर्मचारी हितों की बुलंद आवाज थे।

एसोसिएशन के जिला मंत्री धीरज राय ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि तेज प्रताप सिंह एक लब्धप्रतिष्ठित नेता थे जिन्होंने ने जीवनपर्यन्त समर्पण के साथ शिक्षक हितों के लिये संघर्ष किया। उनके निधन से शिक्षक समुदाय ने अपना एक संघर्षशील अध्यापक खो दिया है। जिसकी अनुपस्थिति भविष्य में सदैव महसूस की जायेगी।शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में मुख्य रूप से अरुण कुमार सिंह, डा. आशुतोष शुक्ला, अवनीश सिंह, नित्यानंद पांडेय, जितेंद्र यादव, राजेन्द्र तिवारी, अनिल सिंह, जनार्दन दुबे, शर्मानाथ यादव, संजय वर्मा, ओमप्रकाश यादव, अजय चौबे, सुनील यादव, दिनेश कुमार कन्नौजिया, अरुण मिश्रा आदि रहे।(हि.स.)

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