
महाकुम्भ में पर्यावरण और मां गंगा की स्वच्छता के लिए 45 दिनों तक चला अभियान
दो हजार से ज्यादा जिला गंगा समिति, गंगा टास्क फोर्स, भारत स्काउट गाइड, गंगा विचार मंच के लोग अभियान में जुटे.स्वच्छ गंगा मिशन के तहत डिजिटल तरीके से देश-विदेश से आए लोगों को मां गंगा की जानकारी दी.
- नमामि गंगे की ओर से महाकुम्भ में 500 गंगा सेवा दूत उतरे मैदान में
- महाकुम्भ में गंगा स्वच्छता एवं पर्यावरण जागरूकता के लिए चला विशेष अभियान
प्रयागराज : महाकुम्भ में पर्यावरण और मां गंगा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए नमामि गंगे के तहत 45 दिनों तक अभियान चलाए गए। जिसमें 500 गंगा सेवादूतों के साथ दो हजार से ज्यादा जिला गंगा समिति, गंगा टास्क फोर्स, भारत स्काउट गाइड, गंगा विचार मंच के लोग अभियान में जुटे। महाकुम्भ में गंगा स्वच्छता एवं पर्यावरण जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाया गया। इसी के साथ स्वच्छ गंगा मिशन के तहत डिजिटल तरीके से देश-विदेश से आए लोगों को मां गंगा की जानकारी भी दी गई।
जिला परियोजना अधिकारी एशा सिंह ने बताया कि पर्यावरण और मां गंगा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रदर्शनी, नुक्कड़ नाटक, संगोष्ठी के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की रैलियां निकाली गईं। जिनका उद्देश्य देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को गंगा स्वच्छता के प्रति जागरूक करना था। इस दौरान स्वच्छता और हरित महाकुम्भ का संदेश दिया गया।
नमामि गंगे प्रदर्शनी में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत एक डिजिटल प्रदर्शनी भी लगाई गई। जिसमें देश-विदेश से आए लोगों को गंगा और पर्यावरण के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा स्लोगन के माध्यम से संगम की रेत पर श्रद्धालुओं को गंगा स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया। त्रिवेणी की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए स्वच्छता श्रमदान अभियान चलाया गया। जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को नदी में प्लास्टिक, कूड़ा-कचरा आदि न फेंकने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
महाकुम्भ के दौरान घाट और नमामि गंगे प्रदर्शनी में युवाओं ने प्रभावशाली नाट्य विधा के माध्यम से मेले में आने वाले लोगों को गंगा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया। नमामि गंगे प्रदर्शनी में आ रहे श्रद्धालुओं को पर्यावरण अनुकूल पहल के तहत नमामि गंगे के कपड़े के थैले वितरित किए गए। महाकुम्भ में आयोजित पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित कार्यक्रमों से लोगों में सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की भावना पैदा हुई और लोगों ने इसे काफी सराहा।
अभियान चलाकर किया गया जागरूक
त्रिवेणी की स्वच्छता और महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करने के साथ ही गंगा किनारे किले घाट और संगम पर व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत घाटों से कूड़ा एकत्र किया गया। इसके साथ ही जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आयोजन में जिला गंगा समिति, गंगा टास्क फोर्स, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि, एनडीआरएफ, भारत स्काउट गाइड, गंगा विचार मंच, नगर निगम, सिफरी, भारतीय वन्य जीव संस्थान का सहयोग रहा।