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देश में दो लाख प्राथमिक कृषि, डेयरी ,मत्स्य समितियां बनाने की योजना को मंत्रिमंडल की मंजूरी

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने तथा इसे गांव और पंचायत के स्तर तक ले जाने के लिए बुधवार को एक व्यापक योजना और कार्यक्रमों को मंजूरी दी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के निर्णय के तहत देश भर में पांच वर्षों में दो लाख प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (पैक्स)/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी। परियोजना के कार्यान्वयन के लिए कार्य योजना नाबार्ड, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) द्वारा तैयार की जाएगी।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इसके तहत प्रत्येक छूटी हुई पंचायत में परिचालन योग्य प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स), दुग्ध डेयरी सहकारी समितियाँ और प्रत्येक तटीय पंचायत/गाँव के साथ-साथ बड़े जल निकायों वाले पंचायत/गाँव में व्यावहारिक मत्स्य सहकारी समितियाँ गठित करने के साथ इस समय गावों में मजबूत ऐसी समितियों को और मजबूत करने की योजना है।बयान में कहा गया है कि सरकार ने अगले पांच वर्षों में दो लाख बहुउद्देशीय पैक्स/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना का प्रारंभिक लक्ष्य है।

मंत्रिमंडल के निर्णयों के अनुसार इस योजना को नाबार्ड, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) के सहयोग से मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के समन्वय एवं मेल के माध्यम से ‘संपूर्ण-सरकार’ के दृष्टिकोण के साथ लागू किया जाएगा। .सरकार का कहना है कि जमीनी स्तर की ऐसी पैक्स /डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियों को उनकी व्यावसायिक गतिविधियों में विविधता लाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की स्थापना और आधुनिकीकरण करने में सक्षम बनाएगा।

सरकार का कहना है कि इससे इन समितियों के किसान सदस्यों को उनकी उपज का विपणन करने, उनकी आय बढ़ाने, ऋण सुविधाएं प्राप्त करने और ग्रामीण स्तर पर अन्य सेवाएं पहुंचाने में मदद मिलेगी तथा नीचे ऊपर तक बाजार की कड़ियां मजबूत होंगी।वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम ने इस बार के बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सहकारियों के विकास और प्रसार को प्रोत्साहित करने की महत्वाकांक्षी घोषणाएं की हैं। यह निर्णय उसकी दिशा में उठाया गया कदम है।श्री मोदी ने सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए पहली बार अगल से सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है।

बयान में कहा गया है कि गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में ऐसी प्रत्येक पंचायत में कारोबार की दृष्टि से व्यवहार्य पैक्स स्थापित करने के लिए एक योजना तैयार की है, जहां अब तक पैक्स नहीं है।बयान में कहा गया है कि इस निर्णय को क्रियान्वित करने के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग के तहत चल रहे डेयरी विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीडीडी) और डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) का इसके साथ समन्वय किया जाएगा।इसी तरह मत्स्य विभाग के प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और मात्स्यिकी और एक्वाकल्चर अवसंरचना विकास (एफआईडीएफ) को भी इसमें जोड़ा जाएगा।

योजना को लागू करने के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्री के साथ गृह और सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) गठित की गयी है जिसमें मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री, संबंधित सचिव, नाबार्ड तथा एनडीडीबी के अध्यक्ष तथा एनएफडीबी के मुख्य कार्यकारी कोई इसमें रखा गया है।कार्ययोजना के केंद्रित और प्रभावी निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर समितियों का भी गठन किया गया है।पैक्स की व्यवहार्यता बढ़ाने और पंचायत स्तर पर उन्हें जीवंत आर्थिक संस्था बनाने के लिए उनको 25 से अधिक व्यावसायिक गतिविधियों को करने में सक्षम बनाने का लक्ष्य है।

इनमें डेयरी, मत्स्य पालन, गोदामों की स्थापना, खाद्यान्न, उर्वरक, बीज, एलपीजी/सीएनजी/पेट्रोल/डीजल वितरण, अल्पावधि की खरीद, दीर्घकालिक ऋण, कस्टम हायरिंग सेंटर, कॉमन सर्विस सेंटर, उचित मूल्य की दुकानें, सामुदायिक सिंचाई, व्यवसाय प्रतिनिधि गतिविधियाँ, कॉमन सर्विस सेंटर आदि शामिल है।इसके लिए मॉडल उपनियमों को पूरे देश में पांच जनवरी से प्रभावी कर दिया गया है।(वार्ता)

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