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कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को नवंबर तक बढ़ाने की दी मंजूरी

कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना देश के कमजोर तबके के लिए सहारा बनकर उभरी है। पूरी दुनिया में जब बीमारी फैल रही थी तो भारत ने अपने यहां इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया। भारत जानता था कि देशबंदी से रोज कमाकर खाने वालों पर बहुत बुरा प्रभाव होगा, लेकिन महामारी जिस तरह से विकराल रूप ले रही थी इसके सिवाय कुछ और रास्ता न था। दिहाड़ी मजदूर और अन्य प्रतिदिन कमाने वालों के लिए सरकार चिंतित थी। इन्हीं सब चीजों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना लेकर आई। इस योजना के तहत कमजोर तबकों को मुफ्त में खाद्यान्न बांटना था। पिछले 2 महीने से इस योजना के तहत करोड़ों लोगों को मुफ्त में खाद्यान बांटा गया है। आज मंत्रिमंडल ने इस योजना को और 5 महीने बढ़ाने की स्वीकृति दे दी है।

82 करोड़ लोगों को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (चरण IV) के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत कवर किए गए अधिकतम 81.35 करोड़ लाभार्थियों को पांच महीने की अवधि यानी जुलाई से लेकर नवंबर, 2021 तक के लिए मुफ्त अतिरिक्त खाद्यान्न के आवंटन को मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवार, जिसमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के तहत कवर किए गए लोग भी इस योजना में शामिल हैं। इस योजना में पांच किलो प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से अनाज आवंटित किया जाता है।

क्या है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
इस योजना को सरकार द्वारा मार्च 2020 में आरंभ किया गया था। यह योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का एक हिस्सा है। इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा राशन कार्ड धारकों को 5 किलो अनाज (गेहूं/चावल) एवं 1 किलो दाल दी जाती है। यदि, आपके राशन कार्ड में 4 लोगों का नाम दर्ज है तो आपको 20 किलो अनाज प्रदान किया जाएगा। यह अनाज हर महीने मिलने वाले अनाज से अलग होगा। तात्पर्य यह है कि यदि, आपको 1 महीने में राशन कार्ड पर 5 किलो अनाज मिलता है तो आपको 10 किलो अनाज प्रदान किया जाएगा।

67 हजार करोड़ रुपए का आएगा कुल खर्च
आपको बता दें, पीडीएस के तहत अधिकतम 81.35 करोड़ व्यक्तियों को पांच महीने के लिए मुफ्त अतिरिक्त खाद्यान्न की मंजूरी से 64,031 करोड़ रुपए की अनुमानित खाद्य सब्सिडी की जरूरत होगी। चूंकि भारत सरकार इस योजना के लिए राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के बिना किसी भी योगदान के पूरे खर्च को वहन कर रही है इसलिए भारत सरकार द्वारा परिवहन एवं हैंडलिंग और एफपीएस डीलरों के मार्जिन आदि के लिए लगभग 3,234.85 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा। इस प्रकार, भारत सरकार द्वारा वहन किया जाने वाला कुल अनुमानित व्यय 67,266.44 करोड़ रुपए होगा।

सार्वजनिक वितरण विभाग संभाल रहा है जिम्मेदारी
गेहूं/चावल के रूप में खाद्यान्न आवंटन के बारे में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा तय किया जाएगा। इसके अलावा, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग मानसून, बर्फबारी, आदि जैसे प्रतिकूल मौसम की स्थिति और आपूर्ति श्रृंखला एवं कोविड से उत्पन्न बाधाओं की वजह से होने वाली परिचालन संबंधी जरूरतों के अनुसार निर्णय ले सकता है। पीएमजीकेएवाई के चरण III और चरण IV के तहत उठाव/वितरण की समय सीमा बढ़ाने के बारे में भी सार्वजनिक वितरण विभाग फैसला ले सकता है।

कुल 204 मीट्रिक टन खाद्यान्न का होगा आवंटन
खाद्यान्न के मामले में कुल निर्गम लगभग 204 लाख मीट्रिक टन हो सकता है। इस अतिरिक्त आवंटन से कोरोना वायरस के कारण आए आर्थिक व्यवधान से गरीबों को होने वाली कठिनाइयों में कमी आएगी। अगले पांच महीने में किसी भी गरीब परिवार को व्यवधान की वजह से खाद्यान्न की अनुपलब्धता के कारण कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।

योजना का व्यापक प्रचार करने को कहा गया

सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से ओएनओआरसी योजना के तहत जारी, टोल-फ्री नंबर 14445 और ‘मेरा राशन’ मोबाइल एप्लिकेशन के बारे में व्यापक प्रचार करने और जागरूकता फैलाने का अनुरोध किया गया है। इस एप को हाल ही में एनएफएसए लाभार्थियों को फायदा पहुंचाने के लिए एनआईसी के सहयोग से विभाग द्वारा विकसित किया गया है। दस अलग-अलग भाषाओं में अर्थात अंग्रेजी, हिंदी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, गुजराती और मराठी में यह एप है। यह मोबाइल एप, प्रवासी मजदूरों की मदद करने के लिए लांच किया गया है। इस मोबाइल एप के माध्यम से देश का कोई भी व्यक्ति किसी भी राशन की दुकान से राशन प्राप्त कर सकता है। इस एप के माध्यम से यह भी चेक किया जा सकता है कि लाभार्थियों को कितना अनाज मिलेगा। इसके अलावा लाभार्थियों द्वारा नजदीकी राशन की दुकान से संबंधित जानकारी भी इस ऐप के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है।

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