बिहार में हाई-स्पीड कॉरिडोर और रेलवे दोहरीकरण को कैबिनेट की मंजूरी
4447 करोड़ से मोकामा–मुंगेर खंड बनेगा 4-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर, 3169 करोड़ से भागलपुर–दुमका–रामपुरहाट रेल खंड का दोहरीकरण
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCEA) ने बिहार और पूर्वी भारत की कनेक्टिविटी को मजबूत करने वाली दो बड़ी परियोजनाओं को हरी झंडी दी है।
82.4 किमी लंबा मोकामा–मुंगेर खंड
बक्सर–भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर के 4-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड मोकामा–मुंगेर खंड का निर्माण हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) पर किया जाएगा।
- लंबाई: 82.4 किमी
- लागत: ₹4447.38 करोड़
- गति: डिजाइन स्पीड 100 किमी/घंटा, औसत 80 किमी/घंटा
- लाभ: यात्रा समय 1.5 घंटे घटेगा, सुरक्षित और निर्बाध कनेक्टिविटी मिलेगी।
- रोजगार: 14.83 लाख मानव-दिवस प्रत्यक्ष और 18.46 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन।
यह खंड मोकामा, बड़हिया, लखीसराय, जमालपुर और मुंगेर जैसे प्रमुख औद्योगिक एवं सांस्कृतिक शहरों से होकर गुजरेगा। इस क्षेत्र में आयुध कारखाना, लोकोमोटिव वर्कशॉप, आईटीसी फूड प्रोसेसिंग यूनिट, भागलपुरी सिल्क और कृषि-गोदाम जैसे उद्योगों को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।
177 किमी रेल लाइन का दोहरीकरण
कैबिनेट ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली भागलपुर–दुमका–रामपुरहाट रेल लाइन (177 किमी) के दोहरीकरण को भी मंजूरी दी।
- लागत: 3169 करोड़
- लाभ:परिचालन सुगम होगा, भीड़भाड़ घटेगी, 15 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता।
- क्षेत्र: बांका, गोड्डा और दुमका जैसे आकांक्षी जिलों सहित 441 गांव और 28.72 लाख आबादी को बेहतर रेल संपर्क।
- धार्मिक महत्व: बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर) और तारापीठ (शक्ति पीठ) तक बेहतर रेल सुविधा।
- पर्यावरणीय लाभ: 5 करोड़ लीटर तेल आयात और 24 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी, जो लगभग 1 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर।
आत्मनिर्भर भारत और पीएम गति शक्ति योजना की दिशा में बड़ा कदम
दोनों परियोजनाएं पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत हैं और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के साथ क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि और रोजगार को गति देंगी। ये फैसले आत्मनिर्भर भारत के विज़न को साकार करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
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