
बलिया:301 वर्ष पुराने गुरु अन्यास ज्ञान दीपक ग्रंथ का दर्शन करते है कई देशों के अनुयायी
संतपति जी महाराज के समाधी स्थल से जुड़ी है 112 देशों की आस्था
बलिया: बलिया जनपद के बेल्थरारोड में संत शिरोमणि श्री श्री 108 स्वामी शिवनारायण जी संतपति जी महाराज के समाधी स्थल ससनाधाम अखोप से 112 देशों की आस्था जुड़ी है। जहां हर साल ससना धाम पर स्वामी जी के प्रकट दिवस पर उनके द्वारा 301 वर्ष पुराने कैथी लिपि में स्वहस्त लिखित गुरु अन्यास ज्ञान दीपक ग्रंथ का हजारों अनुयायी दर्शन करते है।
धाम की महिमा बताते हुए उन्होंने कहा कि संतपति स्वामी शिव नारायण जी महाराज ने महज सात वर्ष की अल्प आयु में ही कैथी भाषा में गुरु अन्यास ज्ञान दीपक ग्रंथ की रचना किया। ससनाधाम के महाराज के समाधि स्थल पर ही यह ग्रंथ आज भी सुरक्षित रखा गया है और इसका ही पूरी आस्था के साथ पाठ किया जाता है। इस ग्रंथ में आरंभ, योग, साहू, चोर, गवन, कामिनी, यम, भक्ति, दस अवतार, चारयुग, चार नायिक व भक्त खंड है जो 4 सौ पेज के 12 भागों में बंटा है। जिसके श्रवणमात्र से लोगों के हर दर्द व कष्ट दूर हो जाते है। जिसके प्रति विश्व के 112 देशों में फैले अनुयायियों की आस्था अटूट है और हर वर्ष यहां कई देशों से अनुयायी पहुंचते भी है।
काशी में मिली संतपति की उपाधि
– विश्व धर्म गुरु अमरजीत जी महाराज ने बताया कि संतपति शिवनारायण दास जी महाराज को काशी में हुए संत सम्मेलन में ही संतपति की उपाधि मिली थी। वे 17 वर्ष की अवस्था में इस सम्मेलन में शामिल हुए थे और वहां मौजूद संत महात्मा के बीच शिवनारायण जी महाराज ने अपने आत्मशक्ति से अनेक चमत्कार दिखाए और योगशक्ति से धरा से 8 फिट की ऊंचाई पर स्वयं का आसन लगाया। जहां मौजूद संतों ने उन्हें संतपति की उपाधि दी।
19 अक्टूबर होगा स्वामी शिवनारायण जी साहेब का 308 वां अवतरण दिवस समारोह
बेल्थरारोड तहसील क्षेत्र के ससना धाम स्थित संत शिरोमणि श्री श्री 108 स्वामी शिवनारायण जी साहेब का 308 वां अवतरण दिवस पर 19 अक्टूबर को भव्य पूजनोत्सव के साथ धूमधाम से मनाया जाएगा। यह जानकारी अखिल विश्व श्री संतपति स्वामी शिवनारायण धर्मार्थ के विश्वगुरु संत अमरजीत जी साहेब ने दी। उन्होंने बताया कि पूजनोत्सव समारोह की शुरुआत शनिवार को सुबह प्रभात फेरी से होगा। जिसके बाद स्वामी जी द्वारा स्व हस्तलिखित ग्रंथ गुरु अन्यास ज्ञान दीपक का पूजन, गायन एवं धार्मिक अनुष्ठान होगा। देर शाम प्रवचन और भजन में यूपी के कई जनपद के सैकड़ों अनुयायी और कई विभिन्न देश एवं प्रांत के भी अनुयायी शामिल होंगे।
समारोह में मुसलमान भाई भी शामिल होते है और मत्था टेकते है। विश्वगुरू संत अमरजीत साहेब ने बताया कि पूरा आयोजन मुल्की महंथ लल्लन दास जी महाराज के देखरेख में होगा। साथ बताया कि इस बार नेपाल, बांग्लादेश के साथ ही दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, पंजाब, बिहार, झारखण्ड, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, कटिहार, नागपुर, कोडरमा, अररिया, आसनसोल, उड़ीसा , आसाम समेत विभिन्न प्रांतों व जनपदों से संत व अनुयायी शामिल होंगे। जहां उनके प्रवचन कथा को सुनने को हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ होगी और तीन दिवसीय प्रवचन कथा का समापन विशाल भंडारा के साथ होगा।