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बाबा केदार ने किया ओंकारेश्वर मंदिर से हिमालय के लिए गमन

पांच मई को केदारनाथ पहुंच जायेगी बाबा केदार की डोली.चारधाम यात्रा के लिए डेढ़ लाख पंजीकरण.विधि विधान से खुलेंगे गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट.

रुद्रप्रयाग । द्वादश ज्योतिर्लिंग में अग्रणी व पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ से कैलाश के लिए रवाना हो गयी है। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश रवाना होने पर विद्वान आचार्यों के वेद ऋचाओं, भक्तों की जयकारों, महिलाओं के धार्मिक भजनों, आर्मी व स्थानीय वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना रहा। विगत दो वर्षों से कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण इस बार भक्तों में भारी उत्साह देखा गया।

भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश रवाना होने पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर को अनेक प्रजाति के पुष्पों से भव्य रूप से सजाया गया था तथा अनेक भक्तों द्वारा विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया। केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंच गयी है तथा विभिन्न यात्रा पड़ावो पर भक्तों को आशीष देते हुए पांच मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी और 6 मई को प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर भगवान केदारनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगें।

सोमवार को भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दींस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में ब्रह्मा बेला पर विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजायें संपंन कर भगवान केदारनाथ का आहवान कर विश्व शान्ति व समृद्धि की कामना की। ठीक आठ बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली का विशेष श्रृंगार किया गया तथा ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चारण से आगामी 6 मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा के निर्विघ्न संपंन होने की कामना की।

रॉवल भीमाशंकर लिंग ने केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग को पगड़ी व अचकन पहनाकर छः माह केदारनाथ धाम में विधि-विधान से पूजा-अर्चना तथा प्रवास करने का संकल्प दिया। निर्धारित समय पर भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर से कैलाश के लिए रवाना हुई तो श्रद्धालुओं की जयकारों से क्षेत्र का वातावरण गुंजायमान हो उठा और सैकड़ों भक्त आर्मी की बैंड धुनों पर नृत्य करने लगे।भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश रवाना होने के पावन अवसर पर पुष्प समिति ऋषिकेश की ओर से ओंकारेश्वर मन्दिर को कई कुन्तल फूलों से सुसज्जित किया गया है और कई भक्तों ने भण्डारे का आयोजन किया।

इस मौके पर केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत,मन्दिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार,सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,भाजपा नेता संजय शर्मा दरमोड़ा, आनन्द सिंह रावत,रघुवीर पुष्वाण,सन्दीप पुष्वाण,प्रमोद धर्म्वाण,शिव सिंह रावत,बसन्ती रावत,बिक्रम सिंह नेगी,पूर्व प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद भटट्,प्रभारी कार्यधिकारी आरसी तिवारी,राजकुमार नौटियाल,यदुवीर पुष्वाण,डॉ.केदार लिंग,राजशेखर लिंग,शिव शंकर लिंग,बागेश लिंग,शिव लिंग,बीना बिष्ट, बृजमोहन नेगी,माधुरी नेगी,हरिहर रावत,उमेश चन्द्र काण्डपाल,वीपी भटट्, जगत सिंह पंवार,दर्शनी पंवार,प्रदीप राणा,नागेन्द्र राणा,एस डीएम जितेन्द्र वर्मा, तहसीलदार दीवान सिंह राणा,मृणाल बेंजवाल,संजय बड़थ्वाल,सुधांशू चमोली,राजकुमार तिवारी सहित हजारों श्रद्धालु व 11 मराठा रेजिमेंट की 17 सदस्यीय बैंड पार्टी मौजूद थी।

अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर मंगलवार को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ खोले जाएंगे। पिछले दो दिनों में चारधाम यात्रा के लिए डेढ़ लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है।मां गंगा की उत्सव डोली मंगलवार सुबह सात बजे भैरोंघाटी स्थित भैरव मंदिर से गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी। इसके बाद विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ ठीक सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन को खोल दिए जाएंगे। दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर मां यमुना के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेंगे। इससे पहले सोमवार को गंगा के मायके मुखबा से मां गंगा की उत्सव डोली विधि विधान से पूजा-अर्चना के साथ दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। आर्मी बैंड की धुन पर सैकड़ों की संख्या में भक्त उत्सव डोली संग धाम के लिए रवाना हुए।

चारधाम में यात्रियों का रखा जाएगा पूरा ख्याल

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने 03 मई को राज्य के चारधामों में से गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट खुलने के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही 06 मई को भगवान केदारनाथ एवं 08 मई को भगवान बद्रीनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे। चारधाम यात्रा के लिए देश-दुनिया से आने वाले तीर्थ यात्रियों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है। अतिथि देवो भवः की परम्परा के अनुरूप राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

पिछले दो दिनों में लगभग डेढ़ लाख पंजीकरण

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि पिछले दो दिनों के भीतर लगभग डेढ़ लाख लोगों द्वारा पंजीकरण किया गया है। नेटवर्क और सर्वर पर लोड काफी अधिक पड़ रहा है। हालांकि इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि ऑफलाइन होने की दशा में भी पंजीकरण निर्बाध रूप से चलता रहे। साथ ही ऑनलाइन होने पर डाटा स्वतः ही अद्यतित हो जाता है। इस प्रकार पंजीकरण निर्बाध रूप से चल रहा है और लोड के अनुरूप गति पकड़ रहा है।

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