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भारत में हेल्थ व्यवस्था को सुदृढ़ रखने में आयुष बड़ा आधार, आरोग्यता प्राप्त करने में योग एक वरदान-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के समस्त आयुष चिकित्सकों से आह्वान किया है कि वे वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ संघर्ष में महत्वपूर्ण योगदान करें। वे आयुष चिकित्सा प्रणालियों से आम जनमानस को कोविड के विरुद्ध उपचार व चिकित्सा की सेवाएं दें। आयुष चिकित्सक, स्थानीय प्रशासन तथा इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर के साथ समन्वय बनाते हुए इस आपदा के समय जागरूकता और चिकित्सा हेतु अपनी बेहतर सेवाएं प्रदान करें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के विरुद्ध संघर्ष लगातार जारी है। इस संघर्ष में एक बार फिर हम सभी के सहयोग और समन्वय से सफल होंगे। मुख्यमंत्री आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के सम्बन्ध में आयुष चिकित्सकों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर में स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने तथा लोगों की इम्युनिटी बढ़ाने में हमारे परम्परागत चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञों ने बड़ा सहयोग किया। आयुष कवच एप तैयार किया गया। लोगों को छोटे-छोटे घरेलू उपायों से आरोग्यता प्राप्त करने में मदद मिली। आयुष काढ़ा का घर-घर वितरण हुआ। इसकी सर्वत्र प्रशंसा हुई। आज फिर उसी सहयोग की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि कोविड की पहली लहर जब आई थी, जब पीक था तब 68000 केस आये थे। आज यह 30 से 50 गुना संक्रामक हो चुकी है। जहां पहले 500 मरीज भर्ती होते थे, जिसमें 30-40 को ऑक्सीजन को जरूरत पड़ती थी। आज अगर किसी कोविड हॉस्पिटल में 500 बेड हैं तो उसमें 450 को ऑक्सीजन देने की जरूरत है। ज्यादातर को वेण्टीलेटर चाहिए। यह स्पष्ट है कि महामारी की स्थिति विकराल है। आज 2.52 लाख लोग होम आइसोलेशन में हैं। हमारा प्रयास होना चाहिए कि ऐसे सभी लोगों को आयुष, होम्यो और यूनानी चिकित्सकों का परामर्श प्राप्त हो। स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए विविध उपायों से लोगों को लाभान्वित कराएं। आयुष विभाग घर-घर आयुष काढ़ा उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाकर लागू करे।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रत्येक जनपद में आयुष, होम्यो, यूनानी चिकित्सकों की एक टीम गठित की जाए। यह टीम लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी दे। टेलीकन्सल्टेशन के कार्य से जुड़ें। आयुष, होम्यो और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों के सरल उपायों से लोगों को अवगत कराएं। मीडिया के माध्यम से अपने ज्ञान का लाभ दें। यह बहुत जरूरी है। इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत में हेल्थ व्यवस्था को सुदृढ़ रखने में आयुष बड़ा आधार है। यह समय अपनी चिकित्सा पद्धति की अच्छाइयों से दुनिया को अवगत कराने का है। हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति अपेक्षाकृत सस्ती भी है और अधिक उपयोगी भी है। हमें इसका लाभ अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाना होगा। पूरे प्रदेश में निगरानी समितियां गठित की गई हैं। चिकित्सकगण इनके सम्पर्क में रहें। क्वारण्टीन में रह रहे लोगों को चिकित्सकीय परामर्श की बहुत आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि आरोग्यता प्राप्त करने में योग एक वरदान है। हमें अपने प्रयासों से लोगों को योग के बारे में बताना होगा। कुछ योगाभ्यास लोगों को बताएं, जो उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हों। स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर इसे किया जाना जरूरी है। हमारा ध्यान कोविड के साथ-साथ नॉन कोविड मरीजों पर भी है। हर जिले में ऐसे अस्पताल चिन्हित किए गए हैं। हालांकि ओ0पी0डी0 सेवा बन्द है, लेकिन आपातकालीन परिस्थितियों के बारे इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आयुष चिकित्सक जागरूकता के कार्यक्रम को चलाते हुए कोविड के उपचार के लिए आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी प्रणाली से अपना सक्रिय योगदान दें। वे यह भी बताएं कि जनता के अन्दर प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) इन प्रणालियों के माध्यम से कैसे विकसित की जा सकती है। आयुष चिकित्सक मीडिया के माध्यम से भी जागरूकता व चिकित्सा के सम्बन्ध में प्रचार-प्रसार करें।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि आयुष कवच एप के माध्यम से लोगों को व्यापक स्तर पर लाभान्वित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि योगासन और प्राणायाम भी कोविड के विरुद्ध कारगर सिद्ध हुए हैं। इस सम्बन्ध में भी जनता को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना का जब पहला केस प्रदेश में आया था, उस समय हमारे यहां टेस्टिंग की कोई सुविधा नहीं थी। इस सुविधा बढ़ाते हुए अब 02 लाख 25 हजार से अधिक टेस्ट हो रहे हैं। इसी प्रकार, वर्तमान में एल-1 के 01 लाख 16 हजार तथा एल-2 व एल-3 के 65 हजार बेड उपलब्ध हैं। इन बेडों की संख्या में दोगुना किया जा रहा है। मुख्यमंत्री  ने कहा कि कोविड संक्रमित व्यक्ति की जांच के लिए भी आयुष चिकित्सक कार्य करते रहे हैं। इन कार्यों के लिए इन्फ्रारेड थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि यह एक अवसर है, जब हम सभी अपने कार्यों और सेवाओं से जनता के विश्वास को जीत कर अपना योगदान दे सकते हैं।
आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्म सिंह सैनी ने कहा कि आयुष चिकित्सक व पैरामेडिक्स कोविड के विरुद्ध संघर्ष में पूर्व की भांति अपना योगदान दे रहे हैं। आयुष कवच एप उपयोगी सिद्ध हुआ है। आयुष काढ़े का वितरण किया जा रहा है। वाराणसी और पीलीभीत में एल-2 सुविधा के चिकित्सालयों की भी स्थापना की गई है। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान आयुर्वेद चिकित्सक डाॅ0 नीरज खन्ना एवं डाॅ0 सुरेन्द्र चौधरी, होम्योपैथी चिकित्सक डाॅ0 एस0एम0 सिंह एवं डाॅ0 आदित्य पारीख, यूनानी चिकित्सक हकीम मोहम्मद अशफाक एवं हकीम सैय्यद मोहम्मद हस्नान नगरामी ने आयुष चिकित्सा प्रणालियों में कोविड के उपचार के सम्बन्ध में जानकारी दी और अपने सुझाव प्रस्तुत किए। इस वेबिनार में लगभग 5,000 आयुष चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया। अपर मुख्य सचिव आयुष श्री प्रशान्त त्रिवेदी ने वेबिनार का संचालन किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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