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काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ‘आयुरप्रवेशिका 2025’ का शुभारंभ

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय में ‘आयुरप्रवेशिका 2025’ का शुभारंभ हुआ। 15 दिवसीय ट्रांजिशनल करिकुलम में छात्रों को आयुर्वेद की अवधारणाओं, विश्वविद्यालय की परंपरा, शोध, जनस्वास्थ्य और कौशल विकास से परिचित कराया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों ने अनुशासन, करुणा और अध्ययनशीलता को छात्र जीवन की आधारशिला बताया।

BAMS 2025 बैच के लिए 15 दिवसीय ट्रांजिशनल करिकुलम की शुरुआत, छात्रों को आयुर्वेद की परंपरा और शोध दृष्टि से जोड़ने पर जोर।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान, आयुर्वेद संकाय में  ‘आयुरप्रवेशिका 2025’ कार्यक्रम का गरिमामयी शुभारंभ हुआ। आत्रेय सभागार में आयोजित इस 15 दिवसीय ट्रांजिशनल करिकुलम का उद्देश्य नवप्रवेशित BAMS 2025 बैच के छात्रों को विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपरा, आयुर्वेद की मूल अवधारणाओं, बहुविषयी दृष्टिकोण, शोध पद्धतियों तथा जनस्वास्थ्य की बारीकियों से परिचित कराना है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एस.एन. संखवार ने अपने संबोधन में आयुर्वेद की समग्र चिकित्सा दृष्टि, उपचार क्षमता और वैश्विक प्रभाव की चर्चा की। उन्होंने छात्रों से कहा कि अनुशासन, अध्ययनशीलता और नैतिक मूल्यों को जीवन में अपनाकर ही वे मानवता की सेवा में उत्कृष्ट योगदान दे सकेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेद को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करने के लिए करुणा, ममता और दया जैसे गुणों को आत्मसात करना आवश्यक है।

विशिष्ट अतिथि एवं विश्वविद्यालय के छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम नेमा ने छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर में उपलब्ध शैक्षणिक, तकनीकी और स्वास्थ्य-सुविधाओं के बारे में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने रैगिंग के प्रति जागरूक किया और विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को उपलब्ध कराए जाने वाले टैबलेट सहित अन्य सहयोगी साधनों का आश्वासन भी दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आयुर्वेद संकाय के प्रमुख प्रो. प्रदीप कुमार गोस्वामी ने विश्वविद्यालय के नियमों, अनुशासन, एवं आयुर्वेद शिक्षा के प्रति गंभीर दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया। उन्होंने छात्रों को जिम्मेदारी, समर्पण और नियमित अध्ययन की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया, जबकि डॉ. वंदना वर्मा ने 15 दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। मंच संचालन डॉ. देवानंद उपाध्याय ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुदामा यादव द्वारा दिया गया।

कार्यक्रम में सह-समन्वयक डॉ. राज किशोर आर्य, प्रो. रानी सिंह, प्रो. बी.एम. सिंह, प्रो. संगीता गहलोत, प्रो. सी.एस. पांडेय, प्रो. विजय लक्ष्मी गौतम, डॉ. विनय सेन, वैद्य सुशील दुबे, डॉ. गुरु प्रसाद नीले, डॉ. आशुतोष कुमार पाठक, डॉ. लक्ष्मी सहित अनेक शिक्षक, चिकित्सक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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