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अयोध्या की उधेला झील बनेगी ईको टूरिज्म का नया केंद्र

अतिक्रमण और जल संकट से जूझ रही यह झील बनने जा रही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

  • योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या में दिखेगा पर्यटन का नया स्वरूप
  • 3.81 करोड़ रुपए से कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल करा रही कार्य
  • कैफेटेरिया, टॉयलेट ब्लॉक, बम्बू कॉटेज का हो रहा निर्माण

अयोध्या । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के लिए नित नये कदम उठा रहे हैं। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अयोध्या के मिल्कीपुर तहसील में स्थित उधेला झील को ईको टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। कभी अतिक्रमण और जल संकट से जूझ रही यह झील अब पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनने जा रही है। योगी सरकार के विजन के तहत इस परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है, जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और दीपोत्सव जैसे आयोजनों के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। योगी सरकार की इन पहलों से अयोध्या अब न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि एक ऐसी पर्यटन नगरी बन रही है, जो विश्व भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

मिल्कीपुर अमानीगंज-रोड पर स्थित है उधेला झील

उधेला झील मिल्कीपुर-अमानीगंज रोड पर स्थित है, अब 3.81 करोड़ रुपये की लागत से कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल द्वारा विकसित की जा रही है। इस परियोजना के तहत कैफेटेरिया, टॉयलेट ब्लॉक और बांस से बने कॉटेज (बम्बू कॉटेज) जैसे आधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है। इन सुविधाओं का उद्देश्य पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ आरामदायक और पर्यावरण अनुकूल अनुभव प्रदान करना है। यह परियोजना योगी सरकार की उस व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत अयोध्या को धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ ईको टूरिज्म और साहसिक पर्यटन के लिए भी एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित किया जा रहा है।

पर्यटकों को आकर्षित करेंगे बम्बू कॉटेज

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी राजेन्द्र यादव ने बताया कि झील के आसपास सौंदर्यीकरण, हरियाली और पर्यटक सुविधाओं के विकास से यह स्थान अब परिवारों, प्रकृति प्रेमियों, और साहसिक पर्यटकों के लिए एक आदर्श गंतव्य बनने की ओर अग्रसर है। बम्बू कॉटेज जैसे पर्यावरण अनुकूल निर्माण न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेंगे, बल्कि स्थानीय कारीगरों और व्यवसायियों को भी लाभ पहुंचाएंगे।

जानिए, क्या बना और क्या बाकी

30 जुलाई 2024 को झील के सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू हुआ। इसी वर्ष 31 दिसम्बर तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करना है। यहां टॉयलेट ब्लॉक, टिकट काउंटर, कैफेटेरिया व बम्बू कॉटेज के छत व दीवार का कार्य प्रगति पर है। नवनिर्मित घाट की सीढ़ियों पर पत्थर लगाए जा रहे हैं। वॉच टावर आदि का कार्य भी चल रहा है।

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