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इनलैंड वॉटरवेज के लिहाज से अब पूरी दुनिया में हो रही अयोध्या के ‘सरयू मॉडल’ की चर्चा

रामोत्सव 2024:सीएम योगी के हाथों देश में पहली बार अयोध्या से सोलर बोट परिचालन का मार्ग हुआ प्रशस्त, अन्य कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हुआ सरयू का किनारा:इनलैंड वॉटरवेज मैकेनिज्म के विकास के साथ ही सौर व स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में नौका परिवहन के जरिए भी अयोध्या में रखा जा रहा है मील का पत्थर:

  • ‘नव्य अयोध्या’ को साकार करने के केवल नगरीय सड़क परिवहन ही नहीं बल्कि जल परिवहन पर भी अयोध्या में बड़े स्तर पर हो रहा काम

अयोध्या । उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर अयोध्या को विकसित करने का योगी सरकार का सपना वास्तविकता की शक्ल ले चुका है। खास बात यह है कि नव्य अयोध्या के जिस विजन को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ प्रयासरत हैं उसमें शहरी विकास व सौर ऊर्जा आधारित नगरीय परिवहन के साथ ही देश में पहली बार इनलैंड वॉटर मैकेनिज्म को भी विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

इस क्रम में सीएम योगी द्वारा शुक्रवार को सोलर बोट का उद्घाटन किया गया था और साथ ही अब जल्द ही क्लीन एनर्जी फोकस्ड (विशेषकर विद्युत व सौर ऊर्जा चालित) अन्य बोट्स की खेप को यहां लाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि वर्षों तक पराभव का दंश झेलने वाली अयोध्या अब सरयू नदी में नौका विहार गतिविधियों के साथ ही ऐसे अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो रही है जो आगे चलकर इसे वाराणसी की तर्ज पर इनलैंड वॉटवेज के नए बड़े सेंटर के तौर पर स्थापित कर सकेगा। इतना ही नहीं, हाल के वर्षों में यहां हुए प्रयासों के कारण अब देश-दुनिया में इनलैंड वॉटरवेज नेविगेशनल ऑपरेशंस के लिहाज से अयोध्या के सरयू मॉडल की चर्चा हो रही है।

'नव्य अयोध्या' को साकार करने के केवल नगरीय सड़क परिवहन ही नहीं बल्कि जल परिवहन पर भी अयोध्या में बड़े स्तर पर हो रहा काम

स्वच्छ ऊर्जा आधारित नौका परिवहन पर सबसे ज्यादा फोकस
सीएम योगी के विजन अनुसार उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा अभिकरण (यूपीनेडा) द्वारा विकसित की गई रूफ टॉप माउंटेड सोलर बोट सर्विस का शुक्रवार को उद्घाटन कर देश में पहली बार इनलैंड वॉटरवेज के लिहाज से गेमचेंजिंग साबित होने वाले इलेक्ट्रिक सोलर टेक्नोलॉजी बेस्ड बोस सर्विस का शुभारंभ किया था। इस बोट को सरयू घाट के किनारे असेंबल किया गया है तथा देश के विभिन्न कोनों से इसके कल-पुर्जे व अन्य साजो-सामान मंगाए गए हैं।

यह बोट पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है। फिलहाल, एक बोट को कंप्लीट कर लिया गया है तथा आने वाले दिनों में ऐसी अन्य बोटों के नियमित संचालन का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके अतिरिक्त, सरयू नदी में इलेक्ट्रिक चार्ज बेस्ड वर्किंग वाली बोट्स का भी जल्द ही संचालन शुरू हो जाएगा जिसके लिए सरयू किनारे दो फ्लोटिंग जेटी बेस्ड पावर सोर्स प्लग स्टेशंस सीजे वीआई गंगा 3 व सीजे वीआई गंगा 6 को 15 दिसंबर से ही गुप्तार घाट से नया घाट के बीच स्टेशंड रखा गया है। शुरू में ऐसी दो बोट्स का संचालन नियमित स्तर पर होगा तथा बाद में इस फ्लीट को बढ़ाया जा सकता है।

जटायू क्रूज व वॉटर मेट्रो के संचालन का भी रास्ता हुआ साफ
इसके अलावा, जटायू क्रूज का संचालन भी अयोध्या में हो रहा है तथा नदी में इसके नियमित संचालन के लिए उचित जलस्तर को बनाए रखने के लिए बैराज सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया को भी पूर्ण कर लिया गया है। इसी के बाद अब जल्द ही कोचीन के बाद नॉर्थ इंडिया में पहली बार सरयू नदी में वॉटर मेट्रो के संचालन का रास्ता भी साफ हो गया है जिसे आने वाले कुछ दिनों में पूर्ण कर लिया जाएगा। वहीं, सरयू को नौका विहार के लिहाज से पॉपुलर डेस्टिनेशन बनाने के लिए भी योगी सरकार द्वारा तमाम प्रयास किए गए हैं जिनमें जेट स्की राइड समेत वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज को बढ़ावा देना शामिल है। सरयू किनारे नयाघाट, गुप्तारघाट समेत प्रमुख घाटों पर फ्लोटिंग जेटी की व्यवस्था भी गई है तथा तीर्थ यात्रियों के स्नान आदि क्रियाओं को ध्यान में रखकर इन पर बुनियादी सुविधाओं के विकास की सतत प्रक्रिया भी जारी है।

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