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प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक : एम वेंकैया नायडू

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता पर कोई भी हमला राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक है और इसका सभी को विरोध करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र एक स्वतंत्र और निडर प्रेस के बिना जीवित नहीं रह सकता।

कोविड-19 के दौरान मीडिया की भूमिका की सराहना

उपराष्ट्रपति ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर आयोजित `कोविड​​-19 महामारी के दौरान मीडिया की भूमिका और मीडिया पर इसके प्रभाव` पर एक वेबिनार में वीडियो संदेश में टिप्पणी की। उन्होंने कोविड-19 के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकारों की फ्रंटलाइन योद्धाओं के रूप में काम करने और महामारी के जोखिमों से बेखबर होकर सभी घटनाओं की जानकारी देने को लेकर प्रशंसा की।

फेक न्यूज के खिलाफ मीडिया की बड़ी भूमिका

उन्होंने कहा, `प्रत्येक पत्रकार, कैमरामैन और अन्य लोगों को बहुत बधाई, जो लगातार समाचार और सूचना प्रसारित करने के लिए प्रयासरत हैं।` वेंकैया नायडू ने महामारी में सही समय पर सही जानकारी देने के महत्व पर जोर दिया, विशेष रूप से जब फेक न्यूज की भरमार होती थी। असत्यापित और असंबद्ध दावों की ओर इशारा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस संबंध में जनता को शिक्षित करने में मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका है।

प्रेस को न्यायपालिका जितना बताया महत्वपूर्ण

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में प्रेस हमेशा लोकतंत्र की नींव की रक्षा करने और मजबूत करने के मोर्चे पर रहा है। उन्होंने कहा, `एक मजबूत, स्वतंत्र और जीवंत मीडिया लोकतंत्र को मजबूत करने और कानून के संवैधानिक शासन को मजबूत करने में एक स्वतंत्र न्यायपालिका जितना महत्वपूर्ण है। वीडियो संदेश में वेंकैया नायडू ने इसके साथ ही मीडिया को अपनी रिपोर्टिंग में निष्पक्ष, उद्देश्यपूर्ण और सटीक होने की सलाह दी। उन्होंने कहा, `सनसनीखेज से बचा जाना चाहिए और विचारों के साथ समाचार को मिलाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। इसके अलावा, हमारी रिपोर्टिंग में विकास समाचारों (डेवलपमेंट न्यूज) के लिए अधिक स्थान होना चाहिए।

प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला राष्ट्रीय हित के लिए हानिकारक

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा, `लोकतंत्र एक स्वतंत्र और निडर प्रेस के बिना जीवित नहीं रह सकता है। इसलिए, प्रेस की स्वतंत्रता पर कोई भी हमला राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक है और सभी को इसका विरोध करना चाहिए।`

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