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कोविड की चुनौतियों के बीच भारतीय रेलवे के अद्भुत कार्य

भारतीय रेलवे देश की धमनियों की तरह है। धमनियां पूरे शरीर में सुचारू रूप से रक्त प्रवाहित करती है। भारतीय रेलवे भी देश के हर हिस्से तक प्राणदायक ऑक्सीजन पहुंचा रही है। कोविड संकट के दौर में भारतीय रेलवे दिन-रात लोगों की सहायता में तन्मयता से संलग्न रही। किसान रेल से लेकर माल ढुलाई तक, यात्री गाड़ियों से लेकर ऑक्सीजन एक्स्प्रेस तक, भारतीय रेलवे के इन प्रकल्पों से लाखों लोगों को सहायता मिली। कोरोना की चुनौतियों के बीच भी भारतीय रेलवे का काम नहीं रुका, और कई कार्यों में तो रेलवे ने रिकॉर्ड भी कायम किया। आइये, भारतीय रेलवे की ऐसे ही पहल की ओर दृष्टि डालें।

भारतीय रेलवे का प्राणरक्षक “ऑक्सीजन एक्सप्रेस”
कोविड की दूसरी लहर से संक्रमित हो रहे मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी। देश के अधिकांश हिस्सों में ऑक्सीजन आपूर्ति की मांग बढ़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार भारतीय रेलवे ने कदम बढ़ाया और ऑक्सीजन एक्सप्रेस को देश के विभिन्न इलाकों में रवाना कर दिया। ऑक्सीजन एक्सप्रेस का प्रथम परीक्षण 18 अप्रैल 2021 को महाराष्ट्र के बोइसर में किया गया। पहला ऑक्सीजन एक्सप्रेस 19 अप्रैल 2021 को मुम्बई से विशाखापट्टनम की ओर रवाना किया गया। अप्रैल से लेकर 2 जून 2021 तक 23,658 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति समूचे देश में की जा चुकी है। मांग के अनुसार 593 ऑक्सीजन एक्सप्रेस 1,401 भरे हुए टैंकर के साथ देश के पंद्रह राज्यों में भेजे गए। ऑक्सीजन एक्सप्रेस को रवाना करने से पहले, रेलवे ने व्यापक रणनीति बनाई। मार्गों का चुनाव करते हुए सुरंग की उंचाईं, ब्रिज इत्यादि का भी ध्यान रखा गया। ऑक्सीजन एक्सप्रेस पर गहन और सतत निगरानी रखी जाती है। उल्लेखनीय है कि, कुछेक ऑक्सीजन एक्सप्रेस का संचालन, महिलाओं के समूहों ने भी किया है।

आरोग्यदाता भारतीय रेलवे का आइसोलेशन कोच
कोविड के संकट के बीच केंद्र सरकार ने रेल की बोगियों को आइसोलेशन कोच के रूप में परिवर्तित करवाया। इन बोगियों में कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को रखा जाता और उन्हें समुचित उपचार की सुविधा भी दी जाती है। आंकड़ों के अनुसार कुल 4,176 बोगियों को आइसोलेशन कोच में बदला गया। राज्यों द्वारा मांग किए जाने पर, वहां कोच उपलब्ध करवाया गया। भारतीय रेलवे ने 8 राज्यों, दिल्ली,महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तरप्रदेश नागालैंड, असम और त्रिपुरा के 19 स्थानों पर ये आइसोलेशन कोच तैनात करवाया। राज्यों की मांग के अनुसार 324 कोच भेजे गए,जिनमें 5,070 बेड की सुविधा उपलब्ध थी।

किसानों के उत्पादों को बाजार तक पहुंचाती किसान रेल
किसानों के हितों को ध्यान में रखकर भारतीय रेलवे ने किसान रेल की शुरुआत की। पहली किसान रेल 7 अगस्त 2020 को रवाना की गई। किसानों की उपज को एक राज्य से दूसरे राज्य की मंडी तक पहुंचाने के लिए इस रेल की शुरुआत की गई। यह किसानों को बड़ा बाजार देता है, उन्हें अपनी उपज का लाभ मिलता है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 100 वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। 2.33 लाख टन से अधिक कृषि उत्पादों को लेकर देश के 59 मार्गों पर 738 किसान रेल चली। कृषि उत्पादों में मुख्यतः आलू,केला,नारंगी,प्याज,शिमला मिर्च, अनार, नाशपाती, सीताफल,चीकू एवं अन्य फल व सब्जियां शामिल हैं। ऐसे उत्पाद जो जल्दी खराब हो जाते थे, अब किसान रेल के माध्यम से देश के दूसरे हिस्से में आसानी से पहुंच जाते हैं।

माल ढुलाई में बनाया रिकॉर्ड
कोविड संकट के बीच भी रेलवे के बाकी काम नहीं रुके। माल ढुलाई उनमें से एक है। महामारी के बावजूद वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारतीय रेलवे ने अधिकतम 1,233.24 लाख टन माल लोड करने के लक्ष्य को हासिल किया। मई 2021 में सर्वाधिक 114.82 मिलियन टन लोडिंग की गई। कोरोना की चुनौतियों के बीच सितंबर 2020 से लेकर मई 2021 तक, लगातार नौ महीने रिकॉर्ड स्तर पर लोडिंग की गई। मई 2019 की तुलना में इस कार्य में 10 फीसदी की वृद्धि हुई है। आंकड़ें बताते हैं कि वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2021-22 की तुलना करने पर माल लोडिंग में तेजी आई। जैसे – कोयले की माल ढुलाई में 49.6%, लोहा 75% सीमेंट 134% और कंटेनर की माल ढुलाई में 38% वृद्धि दर्ज की गई।

यात्रियों की सुविधा के लिए रेल परिचालन
यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कई विशेष ट्रेन चलाई। कोविड संकट के दौरान, सुरक्षा मानकों का पूरी तरह ध्यान रखते हुए ट्रेनों को परिचालन किया जा रहा है। वर्तमान में प्रतिदिन 809 स्पेशल मेल एक्स्प्रेस ट्रेन चल रही हैं। 403 पैसेंजर ट्रेन चल रही हैं। भीड़ को रोकने के लिए अतिरिक्त रेल की सुविधा भी दी गई। रेलवे के अलग-अलग जोन से अप्रैल-मई-जून, 2021 में कुल 443 ट्रेन चली। इन सभी ट्रेनों ने 1,400 फेरे लगाए। जिन स्टेशनों के लिए ट्रेन की मांग अधिक रही उनमें गोरखपुर, पटना,दरभंगा, मुज्जफरपुर,भागलपुर, वाराणसी,गुवाहटी,प्रयागराज, बोकारो,रांची,लखनऊ और कलकत्ता शामिल है। दिल्ली और मुम्बई जैसे महानगरों के लिए भी विशेष ट्रेन चलाई गई। बीते दो माह में दिल्ली के लिए 35 और मुंबई के लिए 287 विशेष ट्रेन का परिचालन किया गया।

अधोसंरचना में भी रेलवे ने की प्रगति
भारतीय रेलवे ने कोरोना के दौरान भी अवसंरचनात्मक कार्यों में उन्नति की। विकास कार्यों के लिए इस वर्ष 2.15 लाख करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। देश के 2,369 किमी मार्ग पर नए लाइन का निर्माण, गेज परिवर्तन इत्यादि का कार्य कमीशन किया गया। बीते साल की तुलना में इस कार्य में 6.4 फीसदी की वृद्धि हुई। 6,015 कि.मी. के रास्ते पर विद्युतीकरण कार्यों को भी स्वीकृति दी गई। बीते साल 4,378 कि. मी. मार्ग का विद्युतीकरण करने की योजना थी। इस साल इस कार्य में भी 37 फीसदी वृद्धि हो गई है। भारतीय रेलवे अवसंरचना से लेकर ऑक्सीजन एक्सप्रेस तक, सभी कार्यों को उत्तम रूप से संचालित कर रहा है।

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