State

लॉकडाउन से पंजाब को इस साल 50,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका : अमरिंदर

नयी दिल्ली । पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कोविड-19 लॉकडाउन के कारण इस साल राज्य को 50,000 करोड़ रुपये का “न्यूनतम नुकसान” होने की आशंका है। इसके साथ ही उन्होंने राजस्व एकत्र करने के लिए कराधान के संबंध में कुछ “कठोर फैसले” किए जाने का संकेत दिया। सिंह ने  कहा कि शुरुआती अनुमान के अनुसार राज्य में करीब 10 लाख नौकरियों का नुकसान होगा और आर्थिक मोर्चे पर राज्य को हर महीने 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

सिंह ने कहा कि कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि जुलाई और अगस्त में कोरोना वायरस महामारी चरम पर होगी। ऐसे में पंजाब खुद को “सबसे खराब स्थिति” के लिए तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि विदेश से प्रवासियों और भारतीयों की भारी संख्या में वापसी इस बीमारी के प्रबंधन के लिए प्रमुख चुनौती है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बंद के कारण सिर्फ अप्रैल में हमें अपने अनुमानित राजस्व के 88 प्रतिशत का नुकसान हुआ। त्वरित अनुमानों के अनुसार, हमें हर महीने 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है और पूरे वर्ष में न्यूनतम 50,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।’’

सिंह ने कहा कि वित्तीय स्थिति के “अत्यंत गंभीर’’ होने के मद्देनजर उन्होंने पहले ही सभी ‘गैर-अनिवार्य’ विभागों को खर्चों में कटौती करने और अपनी राशि का विवेकपूर्ण तरीके से प्रबंधन करने के लिए कहा है। उन्होंने नए कराधान उपायों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘स्वाभाविक रूप से, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है, इसलिए हमें कुछ कठोर निर्णय लेने होंगे।” उन्होंने कहा कि विचार विमर्श जारी है और राज्य विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है तथा अगले कुछ दिनों में कोई निर्णय लेगा।

सिंह ने राज्यों के लिए तत्काल आर्थिक पैकेज की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि परिवहन से आने वाला वैट या उत्पाद शुल्क, उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं मिल रहे हैं। सभी संसाधन सूख गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार कदम नहीं उठाती तो पंजाब का अनुमान है कि आने वाले समय में स्थिति और खराब हो जाएगी।

सिंह ने कहा, ‘‘मुझे नहीं मालूम कि उन्होंने अब तक राज्यों के लिए कोई राहत पैकेज या राजस्व अनुदान की घोषणा क्यों नहीं की है। हमें न केवल अपने नियमित खर्चों बल्कि कोविड की विशाल चुनौती का चिकित्सा और मानवीय दृष्टिकोण से प्रबंधन करने के लिए धन की आवश्यकता है। हमें तुरंत पैसों की आवश्यकता है। लेकिन यह अभी तक नहीं आ रहा है।’’

पंजाब द्वारा कोरोना वायरस लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ाए जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई -अगस्त में यह महामारी चरम पर पहुंच सकती है और यह सितंबर तक जारी रह सकती है। ऐसे में राज्स सबसे खराब स्थिति की भी तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू में छूट और मामलों में तेजी के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है तथा “अभी सबसे बड़ी चुनौती अन्य राज्यों और भारत के बाहर से आ रहे लोगों की बड़ी संख्या है।”

सिंह ने कहा, ‘‘ 22 मई तक, 10 उड़ानों से राज्य के लोगों को लाने की उम्मीद है और विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार कुल संख्या 20,000 है।’’ उन्होंने कहा कि प्रवासियों के रवाना होने से पहले वहीं परीक्षण किए जाने की उम्मीद की जाती है। लेकिन हम नहीं जानते कि यह कितना भरोसेमंद है। सिंह ने कहा, ‘‘जैसा हमने नांदेड़ के तीर्थयात्रियों के मामले में देखा, महाराष्ट्र सरकार जरूरी परीक्षण करने में विफल रही। विभिन्न देशों से आने वाले अनिवासी भारतीयों के लिए भी यही बात है।”

उन्होंने कहा कि राज्य को वापस आने वाले लोगों को पृथक-वास में रखने और उनके परीक्षण की व्यापक व्यवस्था करनी है। इससे राज्य के सीमित संसाधनों पर भारी दबाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों के कारण राज्य में मामलों में हालिया उछाल आया। सिंह ने कहा कि शुरू में वृद्धि उस समय हुयी जब प्रवासी भारतीय फरवरी-मार्च में आए और दूसरा दौर तबलीगी जमात के साथ आया। पंजाब में कोरोना वायरस के करीब 2,000 मामले सामने आए हैं और 32 लोगों की मौत हुई है।

Website Design Services Website Design Services - Infotech Evolution
SHREYAN FIRE TRAINING INSTITUTE VARANASI

Related Articles

Graphic Design & Advertisement Design
Back to top button