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आल्ट न्यूज के संस्थापक जुबैर की पुलिस हिरासत चार दिन बढ़ी

नई दिल्ली । दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने पत्रकार और फैक्ट चेक से जुड़ी वेबसाइट आल्ट न्यूज के संस्थापक मोहम्मद जुबैर की पुलिस हिरासत चार दिन के लिए बढ़ा दिया है। आज जुबैर की पुलिस हिरासत खत्म हो रही थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया की कोर्ट में पेश किया।

जुबैर की ओर से वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 2019 में जुबैर को सुरक्षा दी थी। उस मामले में दिल्ली पुलिस ने जांच संबंधी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी और कहा था कि जुबैर के ट्वीट में कुछ भी गलत नहीं है। ग्रोवर ने कहा कि एफआईआर नंबर 194/2020 में जुबैर को नोटिस के जरिये 27 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया। 27 जून की शाम पांच बजे से पूछताछ शुरू हुई। पूछताछ के बाद जुबैर को गिरफ्तार कर लिया गया।

वृंदा ग्रोवर ने कहा कि गिरफ्तार करने के बाद ड्यूटी मजिस्ट्रेट के पास ले जाया गया जहां दिल्ली पुलिस ने सात दिनों की हिरासत की मांग की, लेकिन ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने एक दिन की पुलिस हिरासत का आदेश दिया। ग्रोवर ने कहा कि एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 295 लगाई गई है। धारा 153ए में अधिकतम तीन साल की सजा और धारा 295 में अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है।

ग्रोवर ने कहा कि मेरे पास रिमांड की कॉपी भी नहीं है। मेरे जूनियर्स सोशल मीडिया पर थोड़े एक्टिव हैं। एक टेलीविजन वेबसाइट चैनल से, उन्होंने इसे डाउनलोड किया है। पुलिस ने अभी तक हमें इसे उपलब्ध नहीं कराया है। ग्रोवर ने कहा कि दिल्ली पुलिस की जांच एक ट्वीट पर आधारित है। इस ट्वीट के आधार पर किसी को प्रताड़ित करना कानून का दुरुपयोग है। ये ठीक नहीं है कि आप किसी एक केस में पूछताछ के लिए बुलाएं और दूसरे केस में गिरफ्तार करें।

ग्रोवर ने कहा धारा 153ए एक समुदाय की बात करता है। हनुमान भक्त कौन से समूह बना रहे हैं। वह कह रहे हैं हनुमान जी ब्रह्मचारी थे। यह 1983 की फिल्म थी। इस फिल्म की काफी सराहना की गई थी। ग्रोवर ने कहा कि कोई अनाम ट्विटर हैंडल से देश में अशांति फैलाने की कोशिश की गई। उसके कारणों की जांच की जानी चाहिए। कानून प्रक्रिया का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि आजकल फेमस होने के लिए धार्मिक विरोध का ट्रेंड बन गया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपित के मोबाइल से सारे एप डिलीट कर दिए गए हैं। ये खाली फोन लेकर आए थे। तब ग्रोवर ने कहा कि ये दूसरा केस है वो दूसरा था। हर केस में आरोपित को सुरक्षा मिली हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस अगर आरोप लगा रही है तो उसे बताए।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ता महज एक सूचनाकर्ता है। वो अनाम नहीं है। उसका पूरा डिटेल मौजूद है। बिना डिटेल के कोई ट्विटर अकाउंट नहीं चला सकता है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे लैपटॉप और वो उपकरण रिकवर करना है जहां से ये पोस्ट की गई हैं। आरोपित जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इसलिए पुलिस को पूछताछ के लिए पांच दिन की रिमांड दी जाए।

पुलिस के मुताबिक जुबैर को 27 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के बाद 27 जून की शाम को जुबैर को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके बाद रात में ही ड्यूटी मजिस्ट्रेट के बुराड़ी स्थित आवास पर पेश किया गया था जहां ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।(हि.स.)

जुबैर की गिफ्तारी पर उठ रहे सवालों पर भाजपा ने कहा, एक-दूसरे को बचाने के एकोसिस्टम हिस्सा

भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को ‘अल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को न्यायसंगत बताया है। पार्टी ने गिरफ्तारी के विरोध में कुछ पत्रकारों और नेताओं की ओर से जुबैर के समर्थन में आए बयानों पर कहा कि देश में एक ऐसा जहरीला इकोसिस्टम तैयार किया गया है कि पहले गिरफ्तार होने वाला ‘पापी’ को अन्य ’पापी’ बचाने में जुट जाते हैं।

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेसवार्ता में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि एक सार्वजनिक हस्ती को जिम्मेदारी के साथ सोशल मीडिया पर सामग्री पोस्ट करनी चाहिए। उनके कुछ ट्वीट से देश में कई लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। पुलिस और जांच एजेंसियां अपना निष्पक्षता के साथ काम कर रही हैं। न्याय व्यवस्था अपने ढंग से काम करेगी।

अल्ट न्यूट फेक्ट चेक की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए भाटिया ने कहा कि इस तरह का काम चयनित ढंग से नहीं किया जाना चाहिए। आपका काम केवल एक राजनीतिक दल और एक समुदाय को ही ‘सूट’ करे यह सही पैमाना नहीं हो सकता है।

उल्लेखनीय है कि अल्ट न्यूज वायरल हो रहे समाचारों और अन्य सामग्री के तथ्यों की जांच करने से जुड़ा एक पोर्टल है। उसके सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली सामग्री पोस्ट की है। इसकी जांज कर रही दिल्ली पुलिस ने जुबैर को मामले में गिफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद कई पत्रकारों और राजनीतिक दलों के नेताओं ने ट्वीट कर अपना विरोध जताया था।(हि.स.)।

वाम दलों ने जुबैर की रिहाई की मांग की, गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर निशाना साधा

वाम दलों ने ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि यह कैसे हो सकता है कि नफरत फैलाने वाले आजाद घूम रहे हों और उन्हें बेनकाब करने वाले को सलाखों के पीछे डाल दिया जाए।इन दलों ने यह भी कहा कि जुबैर को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने ट्वीट किया, ‘‘नफरत के बोल बोलने वालों को शासकों का संरक्षण मिल रहा है। देश को बदनाम करने वाले तथाकथित अराजक तत्वों को बचाया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वैज्ञानिक सोच की रक्षा करने के लिए काम रहे मोहम्मद जुबैर जैसे युवा पत्रकारों को सलाखों के पीछे डाला जा रहा है। यह निंदनीय है।’’भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने ट्वीट कर कहा, ‘‘नुपुर ‘फ्रिंज’ शर्मा आजाद घूम रही हैं। नफरती बोल को दुनिया के सामने लाने वाले मोहम्मद जुबैर के खिलाफ शासन कार्रवाई कर रहा है।’’मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘जुबैर को तत्काल रिहा किया जाए। मोदी सरकार हर उस चीज से असुरक्षित हो जाती है जो उसके दुष्प्रचार की फर्जी हेट मशीन को बेनकाब करती हो।’’

पत्रकार और ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को सोमवार को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया।पुलिस उपायुक्त के पी एस मल्होत्रा ने बताया, ‘पत्रकार ज़ुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया है।'(भाषा)

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