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कवच के साथ ही 16 से ज्यादा सुरक्षा उपायों से लैस है नयी वंदे भारत

नयी दिल्ली : देश के विभिन्न हिस्सों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए शुरु की गई वंदे भारत ट्रेन को अत्यंत सुरक्षित बना कर इसे आमने सामने की टक्कर से बचाने, आग से सुरक्षित रखने तथा सभी दरवाजों के बंद होने पर ही गाड़ी के स्टार्ट होने जैसे सुरक्षा उपायों के साथ ही अन्य कई कवचों से लैस किया गया है।

देश के हर राज्य से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की ज़बरदस्त मांग को लेकर मची धूम के बीच रेल अधिकारियों ने दावा किया है कि सभी नयी ट्रेनों में फीड बैक के आधार पर सुरक्षा के और ज्यादा तथा प्रभावी उपाय किए गए हैं, जिनमें आमने-सामने की टक्कर से बचाव, सब दरवाजों का सुनिश्चितरूप से बंद होना, आग से बचाव के कई नये फीचर्स जोड़ने के साथ ही, लोको पायलट के बीच वाकी टॉकी की जगह आधुनिक तकनीकी के इस्तेमाल से संवाद की व्यवस्था है। इसमे यात्री भी अलार्म बटन दबाकर ट्रेन को रोक सकते हैं।

तमिलनाडु में तिरुवनेलवेली और चेन्नई के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को हरी झंडी दिखाकर शुरु की गई वंदे भारत रेल सेवा के उद्घाटन समारोह के बाद मदुरै डिविजन के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी अनुज राठौड़ ने बताया कि ट्रेन में इस तरह के 10 से अधिक नये फीचर जोड़े गए हैं। उनका कहना था कि ये सभी सुरक्षा तथा अन्य उपाय यात्रियों से पहले शुरू की गई वंदे भारत ट्रेन की यात्रा में सफर से मिले अनुभव के बाद लगाए गए हैं जो नयी वंदे भारत ट्रेन को और ज्यादा सुरक्षित तथा खूबसूरत बनाते हैं।

उन्होंने कहा कि आमने-सामने की टक्कर इस ट्रेन में नहीं होगी क्योंकि इसमें अलार्म सिस्टम लगाया गया है और यदि दुर्भाग्य से ऐसी स्थिति आती है तो उसमें बहुत कम नुकसान होने की संभावना है।अधिकारी ने बताया कि ट्रेन की सुरक्षा तथा यात्री सुविधाओं पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब तक सारे दरवाजे बंद नहीं होते ट्रेन स्टार्ट ही नहीं होगी। जब पायलट सब तरह से सुनिश्चित हो जाएगा कि अब ट्रेन चलने के लिए सुरक्षित है तो उसे चलाया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि रेल में धूम्रपान निषिद्ध है और यदि कोई व्यक्ति कहीं इसका इस्तेमाल करता है तो उसका अलार्म बजेगा और उसे ऐसा करने से रोका जा सकता है। पहले यदि ऐसा होता था तो ट्रेन को रोकना पड़ता था लेकिन अब आसानी से सीधे उसी व्यक्ति तक पहुंच कर उसे रोका जा सकता है। ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे हैं ताकि हर स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा सके।नयी वंदे भारत ट्रेन में सुरक्षा के लिहाज से अत्याधुनिक संचार व्यवस्था का इस्तेमाल किया गया है। अब लोको पायलट को बात करने के लिए वॉकी-टॉकी की जरूरत नहीं होगी और नियंत्रण बटन दबाकर वह सीधे दूसरे लोको पायलट से बात कर सकते हैं। इसी तरह से यदि किसी कोच में कोई दिक्कत आती है तो यात्री भी वहां लगे बटन को दबाकर लोको पायलट से सीधे संपर्क कर सकते हैं।

ट्रेन के आखरी और शुरुआती डिब्बे में दिव्यांगों की सुविधा के लिए टॉयलेट व्यवस्था को और आधुनिक तथा सरल बनाया गया है। ऐसे यात्रियों को दिक्कत नहीं हो इस्का पूरा ध्यान रखा गया है। दोनों डिब्बों में ऐसे यात्रियों के लिए पर्याप्त जगह की भी व्यवस्था की गई है। शौचालयों को भी इस तरह से तैयार किया गया है कि वहां पानी की बर्बादी ना हो और गाड़ी की तेज रफ्तार की स्थिति में भी यात्रियों को हैंडल आदि की जरूरी सुविधा मिल सके। इस ट्रेन को 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार के हिसाब से तैयार किया गया है। कोचों का निर्माण चेन्नई सहित कई स्थानों पर किया जा रहा है। (वार्ता)

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