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ब्रिटेन ने भारत को लाल सूची में डाला, एयर इंडिया ने रद्द की 24 से 30 तक की उड़ानें

ब्रिटेन के भारतीय छात्रों और भारतीय मूल के परिवारों में तनाव व असमंजस

नई दिल्ली। भारत में कोरोना महामारी की चिंताओं के बीच ब्रिटेन ने हाल ही में यात्रियों के आने पर पाबंदी लगाई है। अब एयर इंडिया ने 24 से 30 अप्रैल तक के लिए ब्रिटेन जाने वाली उड़ानें रद्द कर दी हैं। ये जानकारी एयर इंडिया ने दी है।
एयर इंडिया ने कहा, `जो यात्री भारत और यूके के बीच यात्रा करने वाले थे, वे ध्यान दें कि यूके की ओर से लगाए गए हालिया प्रतिबंधों की वजह से 24 से 30 अप्रैल 2021 तक यूके के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। यात्रा के नए समय, रिफंड के बारे में जल्दी जानकारी दी जाएगी।`

ब्रिटेन ने भारत को उन देशों की `लाल सूची` में डाल दिया है, जिसके तहत गैर-ब्रितानी और आइरिश नागरिकों के भारत से ब्रिटेन जाने पर पाबंदी रहेगी। साथ ही विदेश से लौटे ब्रितानी लोगों के लिए होटल में 10 दिन तक पृथकवास में रहना अनिवार्य कर दिया है। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के तथाकथित भारतीय स्वरूप से पीड़ित होने के 103 मामले सामने आए हैं। इनमें से अधिकतर मामले विदेश से लौटे यात्रियों से संबंधित हैं। आंकड़ों के विश्लेषण के बाद ऐहतियात के तौर पर भारत को लाल सूची में शामिल किया है।

भारतीय छात्रों और भारतीय मूल के परिवारों में तनाव व असमंजस
ब्रिटेन में कोविड-19 के दौरान यात्रा के संबंध में जारी `लाल सूची` में भारत को डाले जाने को लेकर सैंकड़ों भारतीय छात्रों और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय मूल के परिवारों के बीच असमंजस और तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।

इस सूची में डाले गए देशों से आने वाले ब्रिटिश और आइरिश नागरिकों को छोड़कर सभी लोगों के देश में प्रवेश पर पाबंदी रहेगी।
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच शुक्रवार को ब्रिटेन के स्थानीय समयानुसार तड़के चार बजे यह आदेश प्रभाव में आ गया। हालात के मद्देनजर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अगले सप्ताह होने वाली भारत की अपनी यात्रा भी रद्द कर दी है।
ब्रिटेन में भारतीय छात्रों के प्रतिनिधि समूह `एनआईएएयू-यूके` की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा कि नियमों और उनके अर्थ को लेकर भारतीय समुदाय के बीच असमंजस की स्थिति है। पृथकतावास के दौरान होने वाले खर्च से लेकर छात्रों द्वारा विभिन्न मुद्दों को लेकर चिंताएं जतायी जा रही हैं। उन्होंने कहा, “छात्रों को अंतिम सेमेस्टर और मई में शुरू होने जा रहे नए सत्र के लिये आना था। हमने गृह मंत्रालय को इन चिंताओं और सवालों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिये पत्र लिखा है।“

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