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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के पश्चात राज्यपाल ने कॉरिडोर के निर्माण कार्य के प्रगति की जानकारी ली

वाराणसी। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपने तीन दिवसीय वाराणसी दौरे के तीसरे दिन बुधवार को सर्किट हाउस सभागार में विद्या भारती के प्रतिनिधियों, अध्यापक, अध्यापिकाओं एवं आईसीडीएस के आंगनवाड़ी केंद्र की सीडीपीओ व सुपरवाइजरों की रूप से आयोजित मार्गदर्शक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहां की नई शिक्षा नीति में बच्चों को संस्कारित शिक्षा, ज्ञानवर्धक शिक्षा, रोजगारपरक शिक्षा आदि सहित बच्चों, विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के समस्त आयाम समाहित हैं। देश में विभिन्न वेबिनार हो रहे हैं। महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने देश के प्रदेशों के राज्यपालों के साथ पूरा दिन वार्ता कर महिला व शिक्षा पर क्या काम हो रहा है की जानकारी ली है। नई शिक्षा नीति में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय दिया है। इसका प्रारंभिक शिक्षा से ऊपर तक संस्थाओं व केंद्रों पर क्रियान्वयन शुरू हो।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि वाराणसी में भ्रमण के दौरान देखे आंगनवाड़ी केंद्र व प्राइमरी स्कूल में सुधार व परिवर्तन दिखता है। अच्छा कार्य हो रहा है। सरकार से अरबों रुपए बच्चों, महिलाओं, शिक्षा के उत्थान की योजनाओं पर दिए जाते हैं। कार्यों का अनुश्रवण योजना के उद्देश्य से हुए लाभ, उपयोगिता परिवर्तन पर किया जाए। केवल बजट व्यय पर आधारित नहीं हो। आंगनवाड़ी सुपरवाइजर पूरा समय केंद्रों पर दें और कार्यकत्री द्वारा किए जा रहे कार्यों को भौतिक रूप से देखें। जहां समस्या हो उसे निस्तारित करें। आंगनवाड़ी में वर्कर उत्साहित दिखे हैं। उन्होंने 3 से 6 वर्ष के बच्चों के बीच नया पाठ्यक्रम बनाकर आंगनवाडी कार्यकत्री एवं प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों को प्रशिक्षण देकर लागू किये जाने का सुझाव दिया। बेहतर से बेहतर करने का प्रयास किया जाना चाहिए। छोटे बच्चों को गांव में भ्रमण कराया जाए। बच्चों में जो प्रतिभा है उसकी जानकारी अभिभावकों को होनी चाहिए। वाराणसी जनपद के कई आंगनवाड़ी केंद्रों की काया क्लब की प्रशंसा करते हुए कहा कि कई नई-नई प्रवितियाँ हो सकती है। उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों, विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की दीवार पर कुछ मोटिवेटेड स्लोगन यथा-“अच्छे फल के लिए बीज अच्छा हो”, “मकान अच्छा चाहिए तो नीव मजबूत हो”, “देश व राष्ट्र मजबूत चाहिए तो शिक्षा की चिंता करें” तथा “परिवार अच्छा चाहिए तो बाल्यावस्था की चिंता करें” को लिखवा कर बच्चों में अच्छा संदेश प्रसारित किए जाने पर भी विशेष जोर दिया।

बैठक में विद्या भारती द्वारा छोटे बच्चों के लिए संचालित शिशु वाटिका के क्रियाकलापों का प्रजेंटेशन किया। शिशु वाटिका में आनंदमई शिक्षा की परिकल्पना के साथ नई शिक्षा के प्रावधानों को समाहित किया गया है। बच्चों की विभिन्न आयामों यथा- क्रीड़ांगन, विज्ञानशाला, चित्र पुस्तकालय, कला कौशल, खेल खेल में शिक्षा, रंगमंच, शिशु संस्कार आदि से घर जैसा माहौल में आनंददायी शिक्षा दी जाती है। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि गुजरात में विद्या भारती के उपयोगी आयामों से महिला बाल कल्याण में प्रशिक्षण कराकर क्रियान्वित किया जा रहा है। जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि शिक्षा में कुछ वर्षों के अंतराल पर 20-20 फीसदी पाठ्यक्रम में बदलाव करने से नयापन आता है और गुणवत्ता बढ़ती है। उन्होंने गुजरात में किए गए प्रयोगों का जिक्र करते हुए कहा कि अच्छे संदर्भों एवं आयामों को हमें अपने पाठ्यक्रम व कार्यों में शामिल करना चाहिए, चाहे वह किसी प्राइवेट संस्था से मिल रही हो। विद्या भारती ने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे आयाम स्थापित किए हैं। नई शिक्षा नीति पर विद्या भारती ने चिंतन किया और बाल्यकाल शिक्षा पर अच्छी पुस्तिका बनाई है।

मंत्री स्वाति सिंह ने कहा कि विद्या भारती व आंगनवाड़ी की संयुक्त बैठक एक अच्छी कार्यशाला के रूप में हुई। विद्या भारती द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन के कार्य आंगनवाड़ी में बहुत अच्छे परिणाम देंगे। इसके लिए भविष्य में भी महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक विद्या भारती से संपर्क एवं संवाद कर से सहयोग लेकर अपने केंद्रों पर लागू करेंगे और अच्छा परिणाम होगा।
इस अवसर पर विद्या भारती के विजय उपाध्याय, राम मनोहर व मीरा पाठक ने विद्या भारती द्वारा संस्कारित शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों गतिविधियों एवं बच्चों के लिए बनाई गई पुस्तिका आदि का प्रजेंटेशन किया। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने सभी का धन्यवाद देते हुए विद्या भारती व आंगनवाड़ी के आपसी समन्वय कराने की बात कही। बताया कि शिक्षा वाटिका की तर्ज पर आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका संचालित की जा रही है।

उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि बच्चों के शिक्षा एवं उनके सर्वांगीण विकास के लिए राज्यपाल महोदय का मार्ग दर्शन दुर्लभ संजोग है। इससे पूर्व गंगा भारती के बच्चों द्वारा गोबर से तैयार दीया राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को संस्था के पदाधिकारी में वेट किया। कार्यक्रम का संचालन पीडी डीआरडीए उमेश मणि त्रिपाठी ने किया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण कार्य के प्रगति की भी जानकारी ली। कॉरिडोर के निर्माण कार्य के प्रगति की कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने संपूर्ण जानकारी दी। पूजन के दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ कार्य मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, मंत्री स्वाति सिंह भी मौजूद रही। दर्शन पूजन के पश्चात धर्मार्थ मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के चित्र का स्मृति चिन्ह एवं प्रसाद पोटली उपलब्ध करायी।

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