अजीत मिश्र
पटना।बिहार विधान सभा चुनाव 2020 के मद्देनजर जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ताओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खूब बोले।अपने पूर्ववर्ती लालू-राबड़ी के शासन को उन्होंने बिहार के लिये दुःस्वप्न बताने हुए कहा कि उनदिनों को यादकर आज भी बिहार के लोग सिहर जाते हैं। नीतीश ने कहा कि इस बार के चुनाव में भी हम लालू-राबडी के 15 सालों की याद दिलाकर ही लोगों से वोट मांगेंगे।
पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार नें कहा-पति-पत्नी के राज का हर हाल में हिसाब जरूर मांगिये।नीतीश यहीं नहीं रुके बल्कि राजद नेता तेजस्वी का बिना नाम लिए इशारों में कहा कि जो अनाप-शनाप बकते रहते हैं उनसे पूछिए कि 15 साल के पति-पत्नी के राज में क्या काम हुआ था ? सड़कें कैसी थीं? बिजली का क्या हाल था। उनके घरों में भले बिजली हो, लोगों के घरों में रहती थी क्या? राज्य का बजट कितना था? आधारभूत संरचना या अन्य क्षेत्र में कोई काम हुआ था क्या?”जाहिर तौर पर नीतीश कुमार ने अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी एजेंडा दे दिया. एक बार फिर वे लालू-राबडी राज की विफलताओं को अपना प्रमुख मुद्दा बनायेंगे। नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे नयी पीढ़ी को पुराना किस्सा सुनायें।नयी पीढी के लोगों को बताना चाहिए कि बिहार में 15 वर्षों तक पति-पत्नी का शासन कैसा था?जेडीयू को कैसी परिस्थिति में और कैसा बिहार मिला था और अभी क्या हाल है। कैसे राज्य का बजट 24 हजार करोड़ से दो लाख 12 हजार करोड़ तक पहुंचाया गया।
मुख्यमन्त्री ने लालू राबड़ी के समय में हुए क्रमवार नरसंहारों की भी याद दिलायी।उन्होंने कहा कि 1990 से 2005 के बीच क्या स्थिति थी।वह अपहरण और सामूहिक,नरसंहारों का दौर था। हमने बिहार को वहां से निकालकर कानून का राज स्थापित किया।नीतीश कुमार ने कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि हमने रामराज ला दिया है।लेकिन अपराध की स्थिति आज जरूर नियंत्रण में है।उन्होंने कहा कि हमारे शासनकाल के 15 सालों में सिर्फ एक शहर में दो दिनों के लिए कर्फ्यू लगा। इसके अलावा बिहार के किसी दूसरी जगह पर ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न नहीं होने दी गयी।नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग कोरोना संकट के बीच बिहार में हुई परेशानी के मुददे को राजनीतिक बना रहे हैं।जबकि अमेरिका जैसे बड़े देशों में भी कोरोना के कारण बहुत नुकसान हुआ।बिहार में तो कोरोना संकट में एतिहासिक काम भी हुआ बिहार में जिस बडे स्तर पर क्वारंटाइन सेंटरों को चलाया गया, उतना देश में कहीं नहीं देखा गया।नीतीश ने कहा कि बिहार में लाखों की संख्या में लोग लौट कर घर आये और सरकार ने सभी का ख्याल भी रखा। बिहार लौट कर क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले हरेक व्यक्ति पर 5300 रुपये खर्च किए गए।नीतीश कुमार ने पांच जिलों पश्चिमी व पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर और मधुबनी के बूथ स्तर से लेकर जिलाध्यक्ष तक करीब 20 हजार नेता-कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात की।उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार होने को कहा।नीतीश का कहना था कि जदयू,भाजपा की सरकार में जो विकास कार्य हुए है वह सबको दिखता है।उसी को आधार बनाकर जनता हमें फिर एक मौका देगी।हम फिर एक बार उसके सपनों पर खरे उतर कर दिखाएंगे।