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लद्दाख के गोगरा से पीछे हटीं भारत-चीन के सेनाएं, अस्‍थायी निर्माण भी हटाए गए

भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख के गोगरा क्षेत्र से अपनी सेनाओ को पीछे हटा लिया है। दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच वार्ता के 12वें दौर के बाद यह कदम उठाया गया है। इस क्षेत्र में दोनों देशों की सेना पिछले वर्ष यानि 2020 मई से आमने-सामने डटी थी। दोनों पक्षों ने भारत और चीन के बीच पश्चिमी सीमा पर वास्‍तविक नियंत्रण रेखा-एलएसी के निकट अन्‍य क्षेत्रों में आमने-सामने खड़ी सेना को पीछे हटाने केसंबंध में गंभीर विचार-विमर्श किया था।

अस्थायी ढांचे को भी हटाया गया

दरअसल, भारत और चीन के बीच एलएसी पर मुद्दों को सुलझाने के लिए 31 जुलाई को पूर्वी लद्दाख के चुशुल मोलदो में 12वें दौर की बातचीत हुई थी। रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि समझौते के अनुसार दोनों पक्ष चरणबद्ध, समन्वित और सत्‍यापित ढंग से सैनिक गोगरा क्षेत्र में अग्रिम तैनाती से पीछे हट गये। सेना को पीछे हटाने की यह प्रक्रिया 4 और 5 अगस्त को शुरू हुई। अब दोनों देशों की सेना संबंधित स्‍थायी ठिकाने पर पहुंच गयी है। मंत्रालय ने कहा है कि गोगरा क्षेत्र में दोनों पक्षों द्वारा बनाये गये सभी अस्थायी निर्माण और अन्य संबंधित ढांचे को आपसी सहमति से हटा दिया गया है।

एलएसी पर शेष मुद्दों को हल करने कोशिश जारी

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस समझौते ने सुनिश्चित किया है कि इस क्षेत्र में दोनों पक्ष आपसी सहमति का कड़ाई से पालन करेंगे और सम्मान करेंगे। कोई भी एकतरफा यथा स्थिति में परिवर्तन नहीं करेगा। इसके साथ ही आमने- सामने खड़ी सेना वाले एक और संवेदनशील क्षेत्र में समाधान कर लिया गया है।

दोनों पक्षों ने बातचीत को आगे बढ़ाने और पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शेष मुद्दों को हल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। भारतीय सेना आईटीबीपी के साथ देश की संप्रभुता सुनिश्चित करने और पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है ।

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