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स्वदेशी चिकित्सा तकनीक से सशक्त भारत की दिशा में अग्रसर :उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन

उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने तिरुवनंतपुरम स्थित श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान - एससीटीआईएमएसटी का दौरा किया। उन्होंने संस्थान की 40 वर्षों से अधिक की नवाचार यात्रा, जैसे स्वदेशी चित्रा हृदय वाल्व, रक्त बैग और तपेदिक जांच किट के विकास की सराहना की। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में चिकित्सा तकनीक और अनुसंधान की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर केरल के राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

  • तिरुवनंतपुरम स्थित श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के नवाचारों और राष्ट्र सेवा की उपराष्ट्रपति ने की सराहना

उपराष्ट्रपति श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने आज तिरुवनंतपुरम स्थित श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (SCTIMST) का दौरा किया। यह संस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन राष्ट्रीय महत्व का केंद्र है, जो एकीकृत चिकित्सा विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उन्नत स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। अपने दौरे के दौरान उपराष्ट्रपति ने अच्युता मेनन स्वास्थ्य विज्ञान अध्ययन केंद्र (AMCHSS) में आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसमें संस्थान के संकाय सदस्यों और स्टार्ट-अप कंपनियों द्वारा विकसित आधुनिक चिकित्सा उपकरण प्रदर्शित किए गए थे।

अपने संबोधन में श्री राधाकृष्णन ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान और जैव-चिकित्सा प्रौद्योगिकी के समन्वय से संस्थान ने पिछले चार दशकों से अधिक समय तक राष्ट्र सेवा में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि SCTIMST आज एक ऐसा आदर्श मॉडल बन चुका है, जिसकी कार्यसंस्कृति और उपलब्धियों का अनुकरण देश के अन्य संस्थान करना चाहते हैं। उपराष्ट्रपति ने संस्थान की उन स्वदेशी उपलब्धियों की सराहना की, जिनमें चित्रा हृदय वाल्व, चित्रा रक्त बैग, और तपेदिक जांच के लिए विकसित स्पॉट डायग्नोस्टिक किट जैसी विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त तकनीकें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये नवाचार भारत की आत्मनिर्भर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली** की दिशा में मील का पत्थर हैं।

श्री राधाकृष्णन ने “विकसित भारत @2047” के विज़न के तहत अनुसंधान और नवाचार को भारत की आत्मनिर्भरता की रीढ़ बताया। उन्होंने SCTIMST के पेटेंट आवेदन, डिज़ाइन पंजीकरण और सफल प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के रिकॉर्ड की प्रशंसा की और शोधकर्ताओं का आह्वान किया कि वे अपने अनुसंधान का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाएं। दौरे के दौरान उपराष्ट्रपति ने हाल ही में उद्घाटित प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत निर्मित नौ मंजिला अस्पताल ब्लॉक का भी निरीक्षण किया। उन्होंने वहां मौजूद अत्याधुनिक चिकित्सा अवसंरचना – जैसे ऑपरेशन थिएटर, कैथ लैब, सीटी स्कैनर और उच्च तकनीक से लैस आईसीयू – की सराहना की।

इस अवसर पर केरल के राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेश गोपी, केरल सरकार के वित्त मंत्री श्री के. एन. बालागोपाल, संस्थान के निदेशक डॉ. संजय बिहारी तथा विश्वविद्यालय और वैधानिक निकायों के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

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