राष्ट्रपति मुर्मु का आह्वान – युवाओं की संकल्पशक्ति से ही बनेगा विकसित भारत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नैनीताल में कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी है और युवाओं को इसके विकास में अपनी संकल्पशक्ति से योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा से अर्जित धन को समाज और वंचित वर्ग की सेवा में लगाना ही सच्चा धर्म है। राष्ट्रपति ने युवाओं से कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बौद्धिकता के साथ चरित्र और नैतिक बल को भी मजबूत करे। उन्होंने शिक्षकों से गांवों को गोद लेकर विकास में भागीदारी करने की अपील की।
- कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने कहा – शिक्षा ऐसी हो जो बौद्धिकता के साथ चरित्र और नैतिक बल भी बढ़ाए, शिक्षा से कमाया धन समाज सेवा में लगाना ही सच्चा धर्म
नैनीताल : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था विश्व में तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और यह निरंतर प्रगति करे, इसके लिए केन्द्र सरकार कई नीतिगत कदम उठा रही है।श्रीमती मुर्मु ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार के कदमों से युवाओं के लिये भी अनेक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि इन अवसरों का लाभ उठायें।
उन्होंने कहा कि देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में शोध, नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के साथ ही युवाओं के प्रशिक्षण के लिये भी समुचित कदम उठाये जाने चाहिए, ताकि युवा उनका भरपूर उपयोग कर सकें।राष्ट्रपति ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा से कमाये धन को वंचित वर्ग और देश की सेवा के लिये दान करना चाहिए। यही सच्चा धर्म है। उन्होंने कहा, “अन्न दानं परम दानं, विद्या दानमतः परम्। अन्नेन क्षणिका तृप्तिः यावज्जीवं च विद्यया।। अर्थात् विद्या दान अन्न दान से श्रेष्ठ दान है और उससे जीवन भर परम संतुष्टि मिलती है।
”उन्होंने कहा कि शिक्षा किसी भी देश की आधारशिला होती है। इसलिये शिक्षा ऐसी होनी चाहिए, जिससे बौद्धिकता के साथ नैतिक बल और चरित्र बल मजबूत हो। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सरकार को भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये देश के युवाओं की संकल्पशक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसलिये विकसित राष्ट्र बनाने में अपना योगदान दें।उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय के शिक्षकों और शोधार्थियों से भी कहा कि शिक्षा के साथ ही हम सभी का सामाजिक दायित्व भी है और वह अपने आसपास के गांवों में जायें और कुछ गांवों को गोद लेकर उनकी समस्याओं का समाधान करें।
श्रीमती मुर्मु ने कहा, “ उत्तराखंड महान वीरों की भूमि के साथ ही ज्ञान और संस्कृति और देवताओं और ऋषि मुनियों की धरती है। यहां नदियों और जंगलों की अकूत संपदा है। मैं यहां आकर अभिभूत हूं। उन्होंने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनकी उज्ज्वल भविष्य की कामना की। ”इससे पहले राष्ट्रपति ने नैनीताल की प्रसिद्ध नयना देवी मंदिर और कैंची धाम के दर्शन किये तथा राजभवन नैनीताल के मुख्य द्वार का शिलान्यास किया। इस दौरान प्रदेश के राज्यपाल गुरमीत सिंह और उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति ने मां नयना देवी मंदिर में की पूजा-अर्चना
नैनीताल दौरे पर आयी राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को शक्तिपीठ श्री मां नयना देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की तथा राष्ट्र की सुख, शांति और खुशहाली की कामना की।मंदिर समिति के सदस्यों ने राष्ट्रपति का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल(से.नि.) गुरमीत सिंह और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत भी मौजूद रहे।इसके पश्चात् राष्ट्रपति कैंची धाम के लिए रवाना हो गईं। इस दौरान मंदिर पर्यटकों और आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया। राष्ट्रपति की सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात रहा। (वार्ता)
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