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हर हाथ को हुनर, हर युवा को रोजगार: योगी सरकार का कौशल विकास मिशन यूपी में युवाओं को बना रहा आत्मनिर्भर

ग्रामीण और शहरी युवाओं को जोड़ने के लिए चलाई जा रही हैं कई योजनाएं .उद्योगों की जरूरत के अनुरूप युवाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण .कुशल युवाओं से मजबूत होगा आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश.

  • युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक साबित हो रहा कौशल विकास कार्यक्रम
  • सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा व्यावसायिक व कौशल प्रशिक्षण नेटवर्क
  • आईटीआई, पॉलिटेक्निक और डीडीयू-जीकेवाई जैसे संस्थान और योजनाएं बनीं युवाओं की ताकत

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं के लिए **कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा** को शीर्ष प्राथमिकता दे रही है। प्रदेश की सबसे बड़ी ताकत इसकी युवा आबादी है और सरकार का लक्ष्य है कि हर युवा को उसकी रुचि और योग्यता के अनुसार प्रशिक्षण देकर रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ा जाए। “हर हाथ को हुनर, हर युवा को रोजगार” इसी दृष्टिकोण के साथ प्रदेशभर में कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में राष्ट्रीय कौशल विकास और उद्यमिता नीति लागू की थी। योगी सरकार ने इस नीति को जमीनी स्तर तक पहुंचाकर प्रदेश के युवाओं को अधिकतम लाभ दिलाने का काम किया है। आज उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में आईटीआई, पॉलिटेक्निक, जन शिक्षण संस्थान और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना जैसी पहलें रोजगार का मार्ग खोल रही हैं।

NEP 2020 और योगी सरकार की पहल

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत कक्षा 6 से ही व्यावसायिक शिक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की पहल उत्तर प्रदेश में तेजी से लागू की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट कहना है कि छात्रों को सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि रोजगार योग्य शिक्षा और हुनर मिलना चाहिए। इसी सोच के तहत स्कूलों और कॉलेजों में व्यावसायिक प्रशिक्षण का दायरा बढ़ाया गया है।

युवाओं के लिए बढ़ते अवसर

योगी सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं:

  • आईटीआई और पॉलिटेक्निक: इंजीनियरिंग व कंप्यूटर विज्ञान में व्यावहारिक प्रशिक्षण।
  • डीडीयू-जीकेवाई: ग्रामीण युवाओं को 250 से अधिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण और रोजगार।
  • एनआरएलएम: गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों और महिलाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण।
  • एनएपीएस: एमएसएमई इकाइयों में युवाओं को शिक्षुता और वजीफे की सुविधा।
  • जन शिक्षण संस्थान: अशिक्षित और कम शिक्षित वर्गों के लिए रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण।

रोजगार और स्वरोजगार दोनों पर फोकस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि **कौशल विकास केवल नौकरियों तक सीमित नहीं है**, बल्कि यह युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में भी सक्षम बनाता है। पर्यटन, आईटी, बैंकिंग, रिटेल और पारंपरिक शिल्प जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित युवा आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई गति दे रहे हैं।

यूपी में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को तेज रफ्तार से लागू किया जा रहा है। सरकार उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच साझेदारी को बढ़ावा दे रही है, ताकि युवाओं को वही प्रशिक्षण मिले जिसकी बाजार में सबसे अधिक मांग है।

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