
पीएम मोदी का मन की बात का 125वां संस्करण: ‘वोकल फॉर लोकल’ से ‘विकसित भारत’ तक संदेश
मिंट हाउस में उमड़ा भूमिहार समाज, मन की बात सुनकर काशीराज डॉ. विभूति नारायण सिंह को किया नमन
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम *मन की बात* का 125वां संस्करण आज प्रसारित हुआ। भाजपा काशी क्षेत्र के सभी 16 जिलों के 28,087 बूथों पर कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने कार्यक्रम को सुना और आत्मसात करने का संकल्प लिया। वाराणसी जिले में क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल ने रोहनियां मंडल के बूथ संख्या-272, सरकारीपुरा, मंडुआडीह पर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ कार्यक्रम का श्रवण किया। इसी क्रम में विधान परिषद सदस्य एवं जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा ने रोहनियां विधानसभा क्षेत्र के कर्दमेश्वर मंडल अंतर्गत कंचनपुर बूथ संख्या-185 पर कार्यकर्ताओं के साथ *मन की बात* सुना। क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी ने बूथ संख्या-337 और सह मीडिया प्रभारी संतोष सोलापुरकर ने बिंदूमाधव वार्ड के बूथ संख्या-257 पर कार्यक्रम का श्रवण किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर प्राकृतिक आपदाओं, खेल, प्रतिभा सेतु, सौर ऊर्जा और भारतीय संस्कृति जैसे 10 प्रमुख विषयों पर अपने विचार रखे। उन्होंने हाल में आई बाढ़ और भूस्खलन का उल्लेख करते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, डॉक्टरों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा किए गए मानवीय प्रयासों की सराहना की। खेलों की बात करते हुए उन्होंने पुलवामा में आयोजित डे-नाइट क्रिकेट मैच और डल झील में हुए खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल का जिक्र किया, जिसमें 800 से अधिक खिलाड़ी शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि खेल देश में एकता और विकास का प्रतीक बन रहे हैं। सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए ‘प्रतिभा सेतु’ डिजिटल प्लेटफॉर्म की जानकारी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि इसमें 10,000 से अधिक यूपीएससी उम्मीदवारों का डेटाबेस तैयार किया गया है, जिससे निजी क्षेत्र भी लाभ उठा सकेगा। मध्य प्रदेश के शहडोल में शुरू हुई फुटबॉल पहल और उसमें जर्मन कोच की रुचि को उन्होंने स्थानीय प्रयासों की वैश्विक पहचान का उदाहरण बताया।

मोदी ने ऑपरेशन पोलो और हैदराबाद लिब्रेशन डे की ऐतिहासिक स्मृति का उल्लेख करते हुए शौर्यगाथाओं को याद किया। किसानों के जीवन में सौर ऊर्जा से आए बदलाव की चर्चा करते हुए उन्होंने बिहार की ‘सोलर दीदी’ देवकी जी का उदाहरण रखा।भारतीय संस्कृति के वैश्विक विस्तार का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इटली में महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा स्थापना और रूस में रामायण आधारित बच्चों की पेंटिंग प्रदर्शनी की जानकारी दी। उन्होंने आगामी गणेशोत्सव पर स्वदेशी उत्पादों के उपयोग का आह्वान करते हुए कहा—“एक ही मंत्र *Vocal for Local*, एक ही रास्ता *आत्मनिर्भर भारत*, एक ही लक्ष्य *विकसित भारत*।”प्रधानमंत्री ने सूरत के सुरक्षा गार्ड जितेंद्र सिंह राठौड़ की प्रेरणादायक पहल का भी जिक्र किया, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध से अब तक के शहीदों का डेटाबैंक तैयार किया है। हजारों वीर जवानों की तस्वीरें और विवरण संजोकर उन्होंने देशभक्ति की एक अनूठी मिसाल पेश की है।
आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने सिगरा स्थित कैम्प कार्यालय पर सुनी पीएम मोदी के ‘मन की बात’
उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने सिगरा क्षेत्र स्थित राजन शाही कॉलोनी के अपने कैंप कार्यालय पर कार्यकर्ताओं के साथ *मन की बात* कार्यक्रम सुना। कार्यक्रम के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त राष्ट्रीय विचारों पर चर्चा की और सभी से उन्हें अपने सार्वजनिक जीवन में अपनाने का आह्वान किया।आयुष मंत्री डॉ. मिश्र ने कहा कि *मन की बात* केवल संवाद नहीं है, बल्कि यह देशवासियों के मन को जोड़ने वाला एक सशक्त मंच है, जिसने भारत के विकास, प्रेरणा और नवाचार की कहानियों को जन-जन तक पहुँचाया है।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, पदाधिकारी और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। सभी ने प्रधानमंत्री के उद्बोधन को ध्यानपूर्वक सुना और उसमें दिए गए संदेशों को समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुँचाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में सिंधु सोनकर, जनसंपर्क अधिकारी गौरव राठी, अवनीश त्रिपाठी, संजय मिश्रा, दिवेश सिंह, अवध नारायण राय, संतोष सैनी, तुषार सेठ, सौरभ राय, चंद्र प्रकाश जैन, आजाद तिवारी, अरुण पांडेय, प्रमोद राय, सौरभ पाठक, राहुल पांडेय और आकाश सेठ सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
मिंट हाउस में उमड़ा भूमिहार समाज, मन की बात सुनकर काशीराज डॉ. विभूति नारायण सिंह को किया नमन
भूमिहार समाज के लोग रविवार को बड़ी संख्या में नदेसर स्थित मिंट हाउस पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक संवाद कार्यक्रम *मन की बात* का श्रवण किया। कार्यक्रम के बाद सभी ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ पूर्व काशीराज डॉ. विभूति नारायण सिंह की स्मृति को नमन किया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त किया कि उनकी प्रेरणा से एमएलसी धर्मेंद्र राय ने स्मृति द्वार का निर्माण कराया।कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम प्रकाश नारायण सिंह, वीरभद्र राय, सदानंद राय, केएन राय, अरविंद राय, हरिमोहन सिंह टप्पू, सतीश चंद्र राय, नागेश सिंह, नागेश्वर सिंह महादेव, एसके सिंह, कवीन्द्र सिंह, संदीप सिंह मिंटू, सत्येंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने कहा कि काशीराज काशी की परंपरा और संस्कृति के संवाहक थे। समाज के हर वर्ग में उनके प्रति गहरी श्रद्धा रही है।

सभा में वक्ताओं ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना में महामना मदन मोहन मालवीय की कल्पना को साकार करने में काशी नरेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही। विश्वनाथ मंदिर में चोरी की घटना के बाद गठित मंदिर न्यास के प्रथम अध्यक्ष डॉ. विभूति नारायण सिंह ही बने और जीवन पर्यंत इस दायित्व पर आसीन रहे। चारों शंकराचार्यों ने भी उन्हें न्यास अध्यक्ष के लिए योग्य माना। वक्ताओं ने याद किया कि जब तत्कालीन प्रदेश सरकार के एक मंत्री ने काशीराज पर टिप्पणी की थी, तब पूरे बनारस में अभूतपूर्व बंद देखने को मिला था। कश्मीर के पूर्व महाराजा कर्ण सिंह ने भी यह बताया था कि जब देश आर्थिक संकट में आया, तब कश्मीर और काशी के राजभंडार से स्वर्ण दान कर देश की मदद की गई।
डॉ. विभूति नारायण सिंह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहे और शिक्षा, संस्कृति व परंपरा के संरक्षण में उनका बड़ा योगदान रहा। उन्होंने रामनगर की रामलीला को नई ऊंचाइयां प्रदान कीं। बाबा विश्वनाथ के अनन्य भक्त रहे काशीराज साधारण जीवन जीते थे और राजनीतिक दलों में शामिल होने से हमेशा दूर रहे। कार्यक्रम में यह भी उल्लेख हुआ कि परंपरा के अनुसार जब भी कोई राष्ट्राध्यक्ष काशी आता, तो वह काशीराज का आतिथ्य अवश्य स्वीकार करता था। एक अवसर पर राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के काशी प्रवास में यह प्रोटोकॉल छूट गया, लेकिन बाद में संशोधित कर उन्हें काशीराज से मिलवाया गया।क्षेत्रीय पार्षद राजेंद्र यादव ने उपस्थित जनों का स्वागत करते हुए कहा कि डॉ. विभूति नारायण सिंह काशी के जन-जन के प्रिय थे। मिंट हाउस पर स्मृति द्वार का निर्माण सभी काशिवासियों के लिए गौरव और प्रसन्नता का विषय है।
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