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महाकुम्भ में दिख रहा श्रद्धा और सेवा का अनूठा मेल

प्रयागराज में ट्रैफिक सुचारू, बिना किसी बाधा के यात्री कर रहे संगम स्नान.माघ पूर्णिमा के स्नान पर्व पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से हो रही संचालित.मेला पुलिस के मुताबिक सभी प्रमुख मार्गों पर यातायात व्यवस्था हुई सुगम.

  • योग, भजन और संगम स्नान से बुजुर्गों को नई मिल रही नई ऊर्जा
  • प्रदेश के वृद्धाश्रमों में रह रहे बुजुर्गों के लिए महाकुम्भ में विशेष शिविर का हो रहा संचालन

महाकुम्भ नगर । उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार प्रदेश के विकास के साथ-साथ समाज के हर वर्ग का ध्यान रख रही है। विशेष रूप से समाज के उन वर्गों के लिए जो अक्सर उपेक्षित रह जाते हैं। इसी दिशा में योगी सरकार एक अनूठी पहल करते हुए महाकुम्भ में 2000 निराश्रित वृद्धजनों को संगम स्नान कराने की व्यवस्था की है। इसमें अबतक 600 से अधिक बुजुर्गों को संगम स्नान कराया जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह पहल न केवल बुजुर्गों के सम्मान और सुविधा को बढ़ावा देती है, बल्कि समाज में सेवा और समरसता की मिसाल भी पेश करती है।

समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के निर्देश पर बीते दो दिन में देवरिया, बहराइच, अमरोहा और बिजनौर जनपद के वृद्धाश्रमों में रहने वाले 100 से अधिक वरिष्ठजनों को विभागीय अधिकारियों द्वारा बसों से प्रयागराज लाया गया। कुंभ क्षेत्र में पहली बार समाज कल्याण विभाग द्वारा एक विशेष कैंप स्थापित किया गया, जहां 100 बेड की क्षमता वाला आश्रम तैयार किया गया है। यहां बुजुर्गों के लिए नि:शुल्क भोजन, आवास और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।

सामाजिक समरसता को बढ़ावा दे रही योगी सरकार

योगी सरकार ने हमेशा से बुजुर्गों, किसानों, महिलाओं और समाज के अन्य वंचित वर्गों के कल्याण को प्राथमिकता दी है। इसी क्रम में, समाज कल्याण विभाग द्वारा महाकुम्भ के दौरान पहली बार यह विशेष पहल की गई है। इस कैंप में वरिष्ठजनों की दिनचर्या को न केवल सुविधाजनक बनाया गया है, बल्कि उनके मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान का भी विशेष ध्यान रखा गया है। यहां हर दिन की शुरुआत योग और ध्यान से होती है, जिससे बुजुर्गों को मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है। शाम को भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है, जिससे आध्यात्मिक माहौल बना रहता है और बुजुर्ग अपने अकेलेपन को महसूस नहीं करते। यह पहल समाज में बुजुर्गों के प्रति सम्मान और देखभाल की भावना को मजबूत करती है।

महाकुम्भ में दिख रहा सेवा और आध्यात्म का संगम

महाकुम्भ दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है, जहां करोड़ों श्रद्धालु स्नान करने और पुण्य अर्जित करने पहुंच रहे हैं। लेकिन निराश्रित वृद्धजनों के लिए यह अनुभव केवल एक सपना बनकर रह जाता था। समाज कल्याण विभाग की इस पहल ने इस सपने को हकीकत में बदल दिया। योगी सरकार द्वारा बुजुर्गों के सम्मान और कल्याण के लिए उठाए गए कदमों में यह एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया है। कुंभ क्षेत्र में बनाए गए इस आश्रम में चिकित्सा सुविधाओं की भी विशेष व्यवस्था की गई है। डॉक्टरों की एक टीम हमेशा मौजूद रहती है ताकि किसी भी बुजुर्ग को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या न हो।

संवेदनशीलता की मिसाल पेश कर रही योगी सरकार

उत्तर प्रदेश सरकार निराश्रितों, गरीबों और बुजुर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने वृद्धाश्रमों की स्थिति सुधारने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाने और बुजुर्गों को सम्मानजनक जीवन देने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। महाकुम्भ में बुजुर्गों के लिए की गई यह विशेष पहल न केवल उनकी श्रद्धा को सम्मान देती है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि सरकार केवल विकास ही नहीं, बल्कि सेवा और सम्मान की भावना से भी काम कर रही है।

लखनऊ, मिर्जापुर रोड, रीवा रोड, जौनपुर, वाराणसी रूट और कौशांबी रूट पर यातायात सामान्य

महाकुम्भ नगर । महाकुम्भ 2025 में माघ पूर्णिमा के स्नान पर्व पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच शहर की ट्रैफिक व्यवस्था अब पूरी तरह से सुचारू रूप से संचालित हो रही है। प्रशासन की ओर से किए गए व्यापक प्रबंधों का सकारात्मक असर दिख रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है और वो सुगमता के साथ संगम स्नान कर रहे हैं।

सभी प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक हुआ सुगम

मेला पुलिस के अनुसार मलाक हरहर (लखनऊ), मिर्जापुर रोड, रीवा रोड, सहसो (जौनपुर), फाफामऊ (लखनऊ), अंदावा (वाराणसी रूट) और कौशांबी रूट पर यातायात सामान्य रूप से जारी है। महाकुम्भ के मद्देनजर सुरक्षा बलों और यातायात पुलिस को हर प्रमुख मार्ग पर तैनात किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।

यातायात निर्देशों का करें पालन

यातायात विभाग ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक रूप से किसी भी मार्ग पर रुकने से बचें। प्रयागराज में उमड़ी भारी भीड़ के बावजूद प्रशासन की कुशल व्यवस्था के चलते यातायात नियंत्रण में है, जिससे श्रद्धालु आसानी से संगम तक पहुंचकर पुण्य स्नान कर रहे हैं।

फाल्गुन मास में होगा संस्कृति, पर्यावरण व बर्ड फेस्टिवल का ‘संगम’

योगी सरकार ने महाकुम्भ-2025 को अद्वितीय, अविस्मरणीय व अभूतपूर्व बना दिया है। इसमें माघ पूर्णिमा तक के स्नान संपन्न हो चुका है। इसके उपरांत फाल्गुन मास में भी त्रिवेणी तट पर संस्कृति, पर्यावरण व बर्ड फेस्टिवल का ‘संगम’ होगा। एक तरफ यहां त्रिवेणी, सरस्वती व यमुना पंडाल पर शुक्रवार से सांस्कृतिक गतिविधियां प्रारंभ होंगी तो वहीं 16 फरवरी को जलवायु सम्मेलन होगा। इस दिन से ही त्रिदिवसीय बर्ड फेस्टिवल भी आयोजित किया जाएगा। गंगा पंडाल पर गुरुवार से सांस्कृतिक आयोजन प्रारंभ हो गए। महाकुम्भ के मुख्य पंडाल ‘गंगा’ में अभी बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर, मोहित चौहान, कविता सेठ, नवदीप वडाली सरीखे कलाकारों के सुगम संगीत से श्रोता दो-चार होंगे।

सुरमयी सांझ से आगंतुक करेंगे भारतीय संस्कृति का दीदार

माघ पूर्णिमा स्नान के उपरांत फाल्गुन मास में भी सुरमयी सांझ में श्रोता-दर्शक भारतीय संस्कृति का दीदार करेंगे। गंगा पंडाल पर गुरुवार से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारंभ हो गए, जबकि शुक्रवार से त्रिवेणी, यमुना व सरस्वती पंडाल पर कार्यक्रम शुरू होंगे। महाकुम्भ की अवधि के दौरान कैलाश खेर, मोहित चौहान, सुचेता भिड़े, कविता सेठ, नितिन मुकेश सरीखे नामचीन कलाकारों की भी प्रस्तुति होगी। इस दौरान शास्त्रीय संगीत, वायलिन, तबला, बांसुरी वादन, ध्रुपद गायन, भरतनाट्यम, कुचुपुड़ी, कथक, ओडिसी नृत्य आदि विधा के कलाकार महाकुम्भ में अपनी प्रतिभा बिखरेंगे।

16 से त्रिदिवसीय बर्ड फेस्टिवल का होगा आयोजन

आस्था के साथ ही महाकुम्भ प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण होगा। सीएम योगी के निर्देश पर श्रद्धालुओं के लिए ईको टूरिज्म का विशेष प्लान भी बनाया गया है। 16 से 18 फरवरी तक अंतरराष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल भी होगा, जिसमें लगभग 200 प्रजातियों के पक्षियों का महाकुम्भ भी होगा। इसमें लुप्तप्राय इंडियन स्कीमर, फ्लेमिंगो और साइबेरियन क्रेन आदि का दीदार कर सकेंगे। यहां साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान समेत लगभग एक दर्जन से अधिक देशों से साइबेरियन पक्षी का भी दीदार होगा। फेस्टिवल के दौरान फोटोग्राफी, पेंटिंग, नारा लेखन, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी समेत अनेक प्रतियोगिताएं होंगी, जिनके विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय बर्ड फेस्टिवल भारतीय संस्कृति, प्रकृति प्रेम व वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अनूठा मिश्रण होगा।

16 फरवरी को होगा जलवायु सम्मेलन

यूपी के पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन विभाग की तरफ से महाकुम्भ में ‘कुम्भ की आस्था व जलवायु परिवर्तन’ पर जलवायु सम्मेलन भी होगा। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटना और जलवायु सुधार को लेकर प्रेरित करना है। सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिरकत करेंगे। साथ ही धर्मगुरु, पर्यावरणविद, अनेक सामाजिक संगठन, उद्योग व व्यापारिक जगत के साथ ही गणमान्य नागरिक भी हिस्सा लेंगे।

विशेष सफाई वाहनों की मदद से घाटों और मेला क्षेत्र से कचरा उठाया गया

महाकुम्भ 2025: विदेशी सैलानियों को मिली भारतीय संस्कृति की नई ऊर्जा

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