नौकरियां सृजित करना सबसे अधिक दबाव वाली वैश्विक समस्या : सीतारमण
जलवायु परिवर्तन पर प्रभावी कार्रवाई और सहयोग का सीतारमण ने किया आह्वान
नयी दिल्ली : केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यहां पारंपरिक विनिर्माण-आधारित विकास मार्ग के अलावा वैकल्पिक विकास रणनीतियों और उनसे उत्पन्न होने वाली नौकरियों के प्रकारों का पता लगाने की आवश्यकता बताते हुये कहा कि नौकरियां सृजित करना सबसे अधिक दबाव वाली वैश्विक समस्या है क्योंकि निरतंर आर्थिक प्रतिकूलतायें और तेजी से तकनीकी परितर्वन युवाओं के लिए नौकरी बाजार में प्रवेश करने के लिए आवश्यक कौशन को फिर से परिभाषित कर रहे हैं।
श्रीमती सीतारमण ने विश्व बैंक और अतंरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वार्षिक बैठक में पूर्ण अधिवेशन में ‘विश्व बैंक को अपनी भावी रणनीतिक दिशा कैसे बनानी चाहिए और ग्राहकों को उभरते मेगाट्रेंड के साथ तालमेल रखने के लिए अधिक नौकरियां बनाने में कैसे मदद करनी चाहिए’ विषय पर हस्तक्षेप में यह बात कही।वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि विश्व बैंक ने पहले क्षेत्रीय रुझानों और रोजगार पर उनके संभावित प्रभाव पर कई अध्ययन किए हैं, जिसमें ‘ग्रीन जॉब्स’, एआई के बाद की नौकरियां और बदलती जनसांख्यिकी के कारण बदलाव जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि समय की मांग एक अधिक व्यापक, बहु-क्षेत्रीय विश्लेषण है – जो यह जांचता है कि उभरते रुझान कैसे परस्पर क्रिया करते हैं और नौकरी के नुकसान और नौकरी के सृजन दोनों को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि इस विश्लेषण में भू-राजनीतिक विखंडन और खाद्य उत्पादन, निर्यात और संबंधित रोजगार जैसे क्षेत्रों पर इसके प्रभावों जैसे कारकों पर भी विचार किया जाना चाहिए।उन्होंने विश्व बैंक से रोजगार सृजन, कौशल और श्रम पर ध्यान केंद्रित करते हुए डेटा, विश्लेषण और ज्ञान कार्य के आधार पर उच्च प्राथमिकता वाले कौशल क्षेत्रों की पहचान करने में देशों के साथ सहयोग करने की भी अपील की।
वित्त मंत्री ने इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए एक स्पष्ट कार्यान्वयन रणनीति के साथ एक परिणाम-उन्मुख रोडमैप के महत्व को भी रेखांकित किया।
जलवायु परिवर्तन पर प्रभावी कार्रवाई और सहयोग का सीतारमण ने किया आह्वान
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यहां यूएनएफसीसीसी और पेरिस समझौते पर विकसित और विकासशील देशों के बीच जलवायु परिवर्तन पर प्रभावी वैश्विक कार्रवाई और सहयोग का आह्वान किया, जिसमें समानता और साझा लेकिन अलग अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं के सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए।
श्रीमती सीतारमण ने यहां विश्व बैंक और अतंरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वार्षिक बैठक के इतर वित्त, जलवायु एवं पर्यावरण, तथा विदेश मामलों के मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की जी-20 संयुक्त बैठक में भाग लिया। महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई को प्राप्त करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ब्राजील को बधाई देते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि भारत टास्कफोर्स के काम का समर्थन करता है जिसने जलवायु कार्रवाई पर जी-20 भारतीय अध्यक्षता के काम को आगे बढ़ाया है और बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) को बेहतर, बड़ा और अधिक प्रभावी बनाया है।
उन्होंने विकासशील देशों को उचित लागत पर वित्तीय संसाधनों और प्रौद्योगिकियों तक अधिक पहुँच प्रदान करके वैश्विक प्रयासों को दिशा देने के साथ-साथ विकासात्मक प्राथमिकताओं और जलवायु कार्रवाई के बीच संतुलन की मांग की। उन्होंने नए सामूहिक परिमाणित लक्ष्य को तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया, जो विकासशील देशों की जरूरतों को वित्त के प्रावधान में विकास-अवरोधक शर्तों के अधीन किए बिना पूरा करता हो।
सीतारमण ने की ब्रिटेन की राजस्व मंत्री से भेंट की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यहां विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वार्षिक बैठक के इतर ब्रिटेन की वित्त मंत्री रसेल रीवस से मुलाकात कर द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की।इस अवसर पर श्रीमती सीतारमण ने सुश्री रीवस को अगले सप्ताह उनके पहले बजट प्रस्तुत के लिए शुभकामनाएं भी दीं। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि भारत अगले वर्ष की पहली छमाही में लंदन में होने वाली अगली आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता की प्रतीक्षा कर रहा है।
सीतारमण ने की ईबीआरडी अध्यक्ष से भेंट
केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यहां विश्व बैंक और अतंरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वार्षिक बैठक के अवसर पर यूरोपीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (ईबीआरडी)की अध्यक्ष ओडीली रेनॉड से मुलाकात की।वित्त मंत्री ने भारत और ईबीआरडी के बीच सफल सहयोग पर प्रकाश डाला, जिसने ईबीआरडी के संचालन वाले देशों में भारतीय निजी क्षेत्र के लिए अवसर प्रदान किए हैं।सुश्री रेनॉड ने भारतीय निजी क्षेत्र के साथ और अधिक जुड़ाव के माध्यम से इस सहयोग को और आगे बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।(वार्ता)
भारत अफ्रीकी व अन्य विकासशील देशों के साथ बुनियादी ढांचे पर साझेदारी को तैयार: सीतारमण
चार ‘आई’ भारत को 2047 में विकसित राष्ट्र के सपने को साकार करेंगे: सीतारमण
जटिल होते वैश्विक परिवेश में भी भारत का आर्थिक नींव मजबूत: सीतारमण