नयी दिल्ली :वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 पर लोकसभा में मैराथन चर्चा का जवाब देते हुए देश की अर्थव्यस्था की स्थिति और बजट के प्रावधानों को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं को भ्रामक करार देते हुए खारिज किया। उन्होंने कहा कि बजट पूर्णत: समावेशी और विकसित भारत की दिशा में निरंतर प्रगति का बजट है और इसमें हर वर्ग तथा हर क्षेत्र का ध्यान रखा गया है।बजट पर सदन में 27 घंटे से ज्यादा चली चर्चा का करीब पौने दो घंटे के जोरदार जवाब में श्रीमती सीतारमण ने विपक्ष के हर आरोप का आंकड़ों के साथ जवाब दिया और कहा कि मोदी सरकार के दस साल के मजबूत आर्थिक प्रबंधन के चलते बजट में 48.21 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान करना संभव हुआ है जो कांग्रेस के नेतृत्व वाली दूसरी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के आखिरी बजट के व्यय का करीब तीन गुना है।
श्रीमती सीतारमण ने तुलनात्मक आंकड़ों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि महंगाई पर नियंत्रण हो या राजकोषीय घाटे में कमी, पूंजीगत खर्च हो या रोजगार सृजन, क्षेत्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का प्रदर्शन कांग्रेस नीत सरकारों से बेहतर रहा है।उन्होंने कहा कि बजट भाषण में किसी राज्य के नाम का उल्लेख नहीं हो पाने का अर्थ यह नहीं है कि उसके लिए बजट में कुछ दिया ही नहीं गया है। उन्होंने 2009-10 के बजट भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि उसमें 26 राज्यों का नाम नहीं लिया गया था।वित्त मंत्री अग्निवीर योजना और देश के उद्यमियों पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों द्वारा किए जा रहे हमलों को किसी ‘षडयंत्र’ का हिस्सा बताते हुए कहा कि सेना की ताकत उसकी एकता और अनुशासन है, लेकिन विपक्ष अग्निवीर योजना पर जिस तरह लगातार बेबुनियाद हमला कर उसे कमजोर करने का प्रयास कर रहा है वह खेदजनक है और किन्हीं ताकतों का हिस्सा लगता है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह देश के उद्यमियों पर भी हमला किया जा रहा है और उद्यमियों के बारे में देश में नकारात्मकता फैलाई जा रही है। दुनिया को ऐसा संकेत दिया जा रहा है कि भारत निवेश के लिए अच्छी जगह नहीं है और यहां विदेश निवेशक सुरक्षित नहीं हैं।उन्होंने बजट की छपाई के दौरान वित्तमंत्राल के अधिकारियों द्वारा हलवा समोराह को लेकर श्री राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर उन पर करारा हमला किया और कहा कि जिसे वह ‘पद्मब्यूह’ बता रहे हैं वह विकसित भारत की वृहद योजना है।उल्लेखनीय है कि श्री गांधी ने सोमवार को बजट पर चर्चा के दौरान कहा था कि भाजपा का कमल ‘पद्मव्यूह्’ है जिससे देश को निकालना है।वित्त मंत्री ने कहा कि बजट बनाने जैसे शुभ कार्य से पहले अधिकारियों द्वारा हलवा बनाकर एक दूसरे का मुंह मीठा किए जाने की इस परंपरा में शामिल अधिकारियों की जाति को पूछना इस मधुर परंपरा की भावना को आहत करना है।
उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक कांग्रेस के नेताओं द्वारा सरकारी भर्तियों और प्रोन्नतियों में आरक्षण और ओबीसी आरक्षण के विरोध और उपेक्षा को लेकर उनके वक्तव्यों का उद्धरण दिया और पूछा कि यदि कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण की उपेक्षा न की होती तो आज उसे यह नहीं कहने का मौका मिलता सचिव के स्तर पर ओबीसी अधिकारियों का प्रतिनिधित्व कम है। उन्होंने सदन में इस बार के हलवा समारोह का फोटो लहराने के विपक्ष के नेता के प्रयास की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें जान लेना चाहिए कि यह समारोह फोटो इवेंट (इसकी फोटो खिचवाने की शुरुआत) 2013-14 में हुआ जबकि उस समय के वित्तमंत्री उस कोठरी में हलवा बंटवाने गये थे जहां बजट छपाई में लगे अधिकारी कुछ समय के लिए बाहर की दुनिया से अलग थलग होकर काम करते हैं।
श्रीमती सीतारमण ने राजीव गांधी न्यास और राजीव गांधी चेरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारियों के नामों का उल्लेख किए बिना विपक्ष में कांग्रेस बताए कि इस सूची में कितने अनुसूचित जाति तथा जनजाति के कितने पदाधिकारी रखे गये हैं। उन्होंने कहा “त्याग की शुरुआत खुद से होना चाहिए।अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट चर्चा में हिस्सा लेने वाले और लिखित भाषण प्रस्तुत करने वाले सदस्यों तथा चर्चा का जवाब देने के लिए वित्तमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि बजट पर चर्चा 27 घंटे से अधिक चली जिसमें 126 सदस्यों ने हिस्सा लिया और 58 सदस्यों ने अपने लिखत भाषण पटल पर रखे। चर्चा में भाग लेने वाले 40 सदस्यों ने सदन में पहला भाषण दिया।श्री बिरला ने सदस्यों से आशा की कि वे सदन की मर्यादा का पालन करते हुए भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत करने में योगदान करेंगे।(वार्ता)