विश्व स्वास्थय संगठन ने चीन से कोविड संबंधी सही जानकारी देने को कहा
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कल डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसू ने कहा कि चीन में जोखिम के आकलन के लिए उनके संगठन को
स्थिति की गंभीरता, अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या और आईसीयू की जरूरतों पर विस्तृत जानकारी चाहिये। उन्होंने चीन से अनुरोध किया है कि वो संगठन को सभी आंकड़े उपलब्ध कराए। उन्होंने देश में सबसे ज्यादा जोखिम वाले लोगों के टीकाकरण पर जोर देने और स्वास्थ्य सुविधा तथा नैदानिक उपचार उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के विरुद्ध पिछले साल की तुलना में हम बेहतर स्थिति में हैं, हालाकि श्री टेड्रोस ने कहा कि महामारी की समाप्ति की घोषणा के लिए अभी भी अनिश्चितता की स्थिति है।
अगले पखवाड़े में पेइचिंग में कोविड-19 के गंभीर मामले बढ़ सकते हैं
चीन के एक प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारी और श्वसन विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि अगले पखवाड़े में पेइचिंग में कोविड-19 के गंभीर मामले बढ़ सकते हैं। सरकारी मीडिया के अनुसार पीकिंग विश्वविद्यालय के प्रथम चिकित्सालय के एक श्वसन विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने चिकित्सा संस्थानों से आई.सी.यू संख्या बढ़ाने के लिए कहा है, ताकि संक्रमण की आने वाली लहर का मुकाबला करने के लिए चिकित्सा संसाधनों की समुचित व्यवस्था हो सके। फिलहाल चीन की राजधानी में स्वास्थ्य सेवाएं भारी दबाव में है। पेइचिंग में बी.एफ-7 स्ट्रेन के मामले मुख्य रूप से रोगसूचक हैं।
इन मामलों में अक्सर तेज बुखार और अन्य चरम लक्षण दिखाई देते हैं। विभिन्न अनुमानों के अनुसार, अगले कुछ महीनों में 60 प्रतिशत से अधिक चीनी आबादी संक्रमित हो सकती है क्योंकि मामलों में वद्धि जारी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।इस सप्ताह कोविड से सात मौतों की आधिकारिक खबर, अंतिम संस्कार घरों में भारी भीड़ की अपुष्ट खबरों से मेल नहीं खाती। यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में 2023 के अंत तक दस लाख से अधिक मौतें कोविड के कारण हो सकती है।
विदेश मंत्रालय ने कहा -भारत सरकार की चीन में कोविड संक्रमण की स्थिति पर बारीकी से नजर
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार चीन में कोविड संक्रमण की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक बयान में कहा कि भारत वैश्विक फार्मेसी के तौर पर हमेशा अन्य देशों की मदद करता है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने भारतीयों के लिए कोई परामर्श जारी नहीं किया है। लेकिन भारतीयों को उन देशों के स्थानीय स्वास्थ्य दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए, जहां वे रह रहे हैं।