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नौसेना को मिला नया ‘प्रेसिडेंट स्टैंडर्ड एंड कलर’ और ‘इंडियन नेवी क्रेस्ट’

नई दिल्ली । भारतीय नौसेना को नया ‘प्रेसिडेंट स्टैंडर्ड’, ‘प्रेसिडेंट कलर’ और ‘इंडियन नेवी क्रेस्ट’ मिल गया है। भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों नई डिजाइन को मंजूरी दे दी है। नौसेना दिवस पर विशाखापत्तनम में आयोजित कार्यक्रम में नए ‘प्रेसिडेंट स्टैंडर्ड’ को राष्ट्रपति मुर्मू के नौसेना गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान प्रदर्शित किया गया था। राष्ट्रपति के मानक और रंग का नया डिजाइन भारत की गौरवशाली समुद्री विरासत पर प्रकाश डालता है। साथ ही शक्तिशाली, साहसी, आत्मविश्वासी और गर्वित भारतीय नौसेना का भी प्रतीक है।

अंग्रेजों की गुलामी के प्रतीक चिह्नों को भारत से दूर करने के लिए चल रहे प्रयासों के तहत नौसेना पताका की डिजाइन में संशोधित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 02 सितंबर आईएसी विक्रांत को नौसेना के बेड़े में शामिल करने के साथ नौसेना की नई पताका का अनावरण करके औपनिवेशिक काल की गुलाम मानसिकता के प्रतीक से छुटकारा भी दिलाया था। भारतीय नौसेना के नए ध्वज में सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया गया है। छत्रपति शिवाजी महाराज की शाही मुहर का प्रतिनिधित्व करने वाले अष्टकोण में संलग्न एक गहरे नीले रंग की पृष्ठभूमि पर भारतीय नौसेना शिखा का परिचय देता है। नई पताका में सफेद पृष्ठभूमि पर लाल क्षैतिज और लंबवत रेखाओं को जुड़वां सुनहरे सीमाओं के साथ एक नीले अष्टकोण के साथ बदल दिया गया है। इसके अलावा ऊपरी बाईं ओर राष्ट्रीय ध्वज को बरकरार रखा गया है।

भारतीय नौसेना के लिए राष्ट्रपति के मानक और रंग का पूर्ववर्ती डिजाइन 06 सितंबर, 2017 को स्थापित किया गया था। डिजाइन में केंद्र में एक-एक क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर लाल बैंड शामिल थे और उनके चौराहे पर राष्ट्रीय प्रतीक डाला गया था। राष्ट्रीय ध्वज बाईं ओर ऊपर और एक सुनहरा हाथी फ्लाई साइड पर निचली तरफ दाईं ओर था। अब राष्ट्रपति के मानक और रंग के नए डिजाइन में तीन मुख्य घटक शामिल किये गए हैं। राष्ट्रपति के मानक और रंग का नया डिजाइन भारत की गौरवशाली समुद्री विरासत पर प्रकाश डालता है। साथ ही शक्तिशाली, साहसी, आत्मविश्वासी और गर्वित भारतीय नौसेना का भी प्रतीक है।

इसी तरह नया ‘इंडियन नेवी क्रेस्ट’ नौसेना दिवस पर 04 दिसंबर से लागू किया गया है। न्यू नेवल क्रेस्ट में अशोक सिंह के सिर के नीचे एक पारंपरिक नौसैनिक स्पष्ट लंगर है, जिसके नीचे ‘शं नो वरुणा:’ खुदा हुआ है। यह वेदों का एक आह्वान है, जिसका अर्थ है ‘महासागर देवता हमारे लिए शुभ हों’। स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी के सुझाव पर इस वाक्यांश को भारतीय नौसेना के आदर्श वाक्य के रूप में अपनाया गया था। राष्ट्रीय आदर्श वाक्य ‘सत्यमेव जयते’ का अर्थ है ‘सत्य की हमेशा विजय होती है’ जो क्लियर एंकर के स्टॉक पर अंकित है। भारतीय नौसेना क्रेस्ट में संशोधन को भी राष्ट्रपति ने अनुमोदित किया है।

राष्ट्र के लिए विशिष्ट और सराहनीय सेवा के लिए भारतीय नौसेना की संपत्तियों को क्रमशः ‘प्रेसिडेंट स्टैंडर्ड’ और ‘प्रेसिडेंट कलर’ से सम्मानित किया जाता है। 27 मई, 1951 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने प्रेसिडेंट कलर से सम्मानित किये जाने की शुरुआत की थी। भारतीय नौसेना की पश्चिमी, दक्षिणी और पूर्वी नौसेना कमान, पश्चिमी और पूर्वी बेड़े, पनडुब्बी शाखा, नौसेना वायु सेना, आईएनएस शिवाजी, आईएनएस वलसुरा और भारतीय नौसेना अकादमी को प्रेसिडेंट कलर प्रदान किया गया है। 22वां मिसाइल वेसल स्क्वाड्रन पहला नेवल कॉम्बैटेंट स्क्वाड्रन था, जिसे राष्ट्रपति के मानक से सम्मानित किया गया था।(हि.स.)

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