मुंबई । एलगार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में गिरफ्तार किये गए नौ आरोपियों को शुक्रवार को यहां एक विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। कुछ दिन पहले ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली है। यह पहला मामला है जब आरोपियों को यहां विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश किया गया। आरोपियों में अधिकतर मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। पुणे पुलिस 2017 के इस मामले में जांच कर रही थी लेकिन केंद्र ने जनवरी में मामले को एनआईए को स्थानांतरित कर दिया था।
पूर्व में मामले की सुनवाई कर रही पुणे की अदालत ने केंद्रीय एजेंसी के अनुरोध पर मामले की जांच को मुंबई की विशेष एनआईए अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश पारित किया था। पुणे की अदालत ने निर्देश दिया था कि आरोपियों को मुंबई की एनआईए अदालत में 28 फरवरी तक या उससे पहले पेश किया जाए। इसी के अनुरूप आरोपियों को विशेष एनआईए न्यायाधीश डी ई कोथालिकर की अदालत में पेश किया गया जिन्होंने मामले की सुनवाई को 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया।
आरोपी – सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राउत, रोना विल्सन, सुधीर धावले, वरवर राव, अरुण फरेरा, सुधा भारद्वाज, शोमा सेन और वरनोन गोंजाल्विस को पुणे की यरवदा जेल से बुधवार को मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया। यह मामला पुणे में 31 दिसंबर 2017 को शनिवारवाड़ा में ‘एलगार परिषद’ सम्मेलन में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने से संबंधित है। पुलिस का दावा है कि इससे अगले दिन शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा हुई।
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