Health

महाकुम्भ में नेपाल से आए 85 वर्षीय श्रद्धालु को इस्केमिक स्ट्रोक, 06 एक्सपर्ट डॉक्टरों ने बचाई जान

महाकुम्भ में चलाये गये 100 दिन के सघन टीबी अभियान में 19 रोगी चिन्हित.महाकुम्भ केंद्रीय अस्पताल में कुल 562 लोगों की हुई टीबी की जांच, 19 रोगी पॉजिटिव.महाकुम्भ में अबतक 5 लाख से अधिक रोगियों की हुई ओपीडी में जांच, 4 लाख की पैथोलॉजी जांच .

  • नेपाल की बेटी ने सीएम योगी और एसआरएन के चिकित्सकों को बताया जीवन रक्षक
  • महाकुम्भ में मौनी बाबा के आश्रम में एक महीने से राम नाम जप रहे थे लुंबिनी निवासी

महाकुम्भनगर : महाकुम्भ में उमड़े श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं। स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन अस्पताल) के चिकित्सकों ने इस्केमिक स्ट्रोक से पीड़ित एक नेपाल निवासी 85 वर्षीय श्रद्धालु की जान बचाने में सफलता पाई। अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरो फिजिशियन डॉ. कमलेश सोनकर और उनकी 06 एक्सपर्ट डॉक्टरों की पूरी टीम की तत्परता और कुशल उपचार के चलते 85 वर्षीय रामधनी अब पूरी तरह सुरक्षित हैं। नेपाल के रहने वाले बुजुर्ग की बेटी ने सीएम योगी और एसआरएन के चिकित्सकों को पिता का जीवन रक्षक बताया है। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां महाकुम्भ में बहुत ही उच्च स्तरीय चिकित्सा इंतजाम किए हैं। जिसके तहत यहां तैनात विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उनके पिता को बचा लिया।

थ्रॉम्बोलाइसिस प्रक्रिया से इलाज

नेपाल के लुंबिनी निवासी रामधनी महाकुम्भ में मौनी बाबा आश्रम, शांति कुटिया में एक माह से राम नाम जप रहे थे। 14 फरवरी की रात में अचानक उन्हें दाहिने हिस्से में कमजोरी, बोलने में कठिनाई और हल्की बेहोशी महसूस हुई। परिजनों ने तुरंत उन्हें एसआरएन अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया। जहां विशेषज्ञों ने जांच के बाद पाया कि उन्हें इस्केमिक स्ट्रोक हुआ है। डॉ. कमलेश सोनकर और उनकी टीम ने तुरंत थ्रॉम्बोलाइसिस प्रक्रिया शुरू कर ब्लॉकेज हटाया, जिससे मरीज की हालत खतरे से बाहर हो गई।

साफ दिख रहा योगी सरकार की मेडिकल व्यवस्थाओं का असर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत महाकुम्भ को ध्यान में रखते हुए यहां अस्पतालों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। एसआरएन अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर हाईटेक इमेजिंग तकनीक, अनुभवी चिकित्सकों और तेज आपातकालीन सेवाओं के कारण मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है। एसआरएन ट्रॉमा सेंटर के सह-नोडल अधिकारी डॉ. राजकुमार चौधरी ने बताया कि महाकुम्भ को देखते हुए अस्पताल की सुविधाओं में लगातार सुधार किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता है कि महाकुम्भ में आए हर श्रद्धालु को सर्वोत्तम चिकित्सा सेवाएं मिलें।

मरीज की बेटी ने जताया आभार

मरीज की बेटी रीता ने डॉ. कमलेश सोनकर, डॉ. प्रभात सिंह, डॉ. अर्चना ओझा, डॉ. संदीप, डॉ. सुजीत, डॉ. तेज प्रताप और पूरी न्यूरोलॉजी टीम का आभार व्यक्त किया। परिजनों ने कहा कि योगी सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के कारण ही उनके पिता को नया जीवन मिल पाया है।

महाकुम्भ में पहली बार की गई एआई बेस्ड एक्स हैंड हेल्ड मशीन से टीबी की जांच

महाकुम्भ नगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देशों के मुताबिक प्रदेश में चलाये जा रहे 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान को महाकुम्भ में भी सक्रिय तौर पर चलाया गया। महाकुम्भ मेला क्षेत्र में बने केंद्रीय अस्पताल में सघन टीबी जांच की जा रही है। अस्पताल में एआई बेस्ड हैंड हेल्ड मशीन से टीबी की ट्रूनॉट जांच की जा रही है। अब तक मेले में लगभग 562 लोंगो की टीबी की जांच की गई है। जिसमें से 19 मरीज टेस्ट में पॉजिटिव पाये गये हैं। मरीजों को डॉट्स की दवाएं उपलब्ध करवाई गई हैं और साथ ही उनके जनपद के चिकित्सालयों से सम्बद्ध कर आगे के इलाज के लिये रेफर कर दिया गया है।

मेले में हुई 562 मरीजों की टीबी जांच में पाये गये 19 पॉजिटिव

महाकुम्भ मेला केंद्रीय अस्पताल के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉ गौरव दुबे ने बताया कि महाकुम्भ में पहली बार टीबी की एआई बेस्ड जांच की जा रही है। एक्स हैंड हेल्ड मशीन से मरीज के चेस्ट की एक्स रे के माध्यम से पूरी जांच की जाती है। एआई कैमरे चेस्ट में होने वाले इंफ्केशन के आधार पर रोग की संभावना और गंभीरता की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं। इसी आधार पर रोगी का इलाज और दवा के कोर्स की सलाह डाक्टर दे रहे हैं। मेले के दौरान चिन्हित किये गये 19 मरीजों को टीबी के इलाज डाट्स कोर्स के तहत पंजीकृत किया जा चुका है। आगे के इलाज और दवा के कोर्स के लिए मरीजों को उनके गृह जनपदों के जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया है।

5 लाख से अधिक मरीजों को मेले में मिली ओपीडी की सुविधा

डॉ गौरव दुबे ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में विभिन्न रोगों की निशुल्क जांच और इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महाकुम्भ में बने केंद्रीय अस्पताल समेत 12 सेक्टरों के अस्पतालों में अब तक ओपीडी में लगभग 5,47,222 मरीजों का इलाज किया जा चुका है। साथ ही अब तक 4,64,272 मरीजों की पैथोलॉजी जांच और लगभग 4,998 माइनर ऑपरेशन और 14 मेजर ऑपरेशन मेले के अस्थाई अस्पताल में किये गये हैं। इसके अलावा महाकुम्भ के दौरान मेला अस्पताल में 15 डिलिवरी भी की जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि मेले में भीड़ और सफोकेशन के पीड़ित हुए कई गंभीर हृदय रोगियों का सफल इलाज अस्पताल में किया गया। इसके साथ ही महाकुम्भ में पहली बार रोगियों को निशुल्क एक्स रे और अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

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