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8 साल बेमिसाल:अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग के छात्रों को मिली 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की मदद

गरीब छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाओं में योगी सरकार ने किए निरंतर सुधार

  • योगी सरकार की छात्रवृत्ति योजना ने 8 वर्षों में बदली लाखों छात्रों की तकदीर
  • योगी सरकार द्वारा छात्रवृत्ति वितरण में पारदर्शिता से लाखों छात्रों को मिला लाभ

लखनऊ । योगी सरकार ने बीते आठ वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए लाखों छात्रों को वित्तीय संबल प्रदान किया है। समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षा का समान अवसर मिले, इसके लिए सरकार द्वारा पारदर्शी और डिजिटल तरीके से छात्रवृत्ति योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योगी सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं का प्रभावशाली क्रियान्वयन प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए वरदान साबित हुआ है। बीते आठ वर्षों में कुल 1.79 करोड़ छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदान की गई है, जिससे वे अपनी शिक्षा को निर्बाध रूप से जारी रख पा रहे हैं।

सरकार द्वारा छात्रवृत्ति वितरण की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और ऑनलाइन कर दिया गया है। आधार, आय, जाति और निवास प्रमाण पत्रों का डिजिटल सत्यापन कर भ्रष्टाचार को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है, जिससे वास्तविक जरूरतमंद छात्रों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। योगी सरकार ने समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है। इनमें अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना के तहत 33.38 लाख छात्रों को लाभान्वित किया गया, जिस पर सरकार ने 699.26 करोड़ रुपये खर्च किए। इसी प्रकार, सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को पूर्वदशम छात्रवृत्ति के रूप में 9.29 लाख छात्रों को 250.62 करोड़ रुपये प्रदान किए गए। यानि योगी सरकार ने इन आठ वर्षों में छात्रवृत्ति के माध्यम से गरीब छात्रों को 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की मदद पहुंचाकर उनके भविष्य को संवारा है।

योगी सरकार द्वारा छात्रवृत्ति वितरण में पारदर्शिता से लाखों छात्रों को मिला लाभ

इसके अलावा, अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 88.61 लाख छात्रों को 8,350.12 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई। वहीं, सामान्य वर्ग के छात्रों को दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत 48.09 लाख छात्रों को 5,428.18 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “डिजिटल इंडिया” अभियान को और सशक्त बनाते हुए इन आठ वर्षों में छात्रवृत्ति के वितरण में डिजिटल प्रणाली को अपनाकर भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। अब छात्र अपने आवेदन और भुगतान की स्थिति ऑनलाइन देख सकते हैं, जिससे उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।

गरीब छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाओं में योगी सरकार ने किए निरंतर सुधार

ये आंकड़े मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा को समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाने के संकल्प को और मजबूत कर रह हैं। विशेष रूप से अनुसूचित जाति, जनजाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए योजनाओं में निरंतर सुधार किए जा रहे हैं। छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाने वाले छात्रों में से हजारों अब प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और पेशेवर संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना ने प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अभूतपूर्व योगदान दिया है।

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