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राज्य में 749 नए विद्युत उपकेंद्र स्थापित किए गए, 1528 को किया गया अपग्रेड

योगी सरकार के प्रयासों से राज्य में कृषि और उद्योग के लिए हो रहा ऊर्जा का सशक्तिकरण

  • ‘पावर फॉर ऑल’ योजना के तहत 1 करोड़ 58 लाख घरों का हुआ विद्युत संयोजन
  • सोलर ऊर्जा नीति-2022 के तहत 22,000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य
  • बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सोलर एक्सप्रेस-वे के रूप में विकसित करने का प्रयास
  • निजी नलकूप के बिजली बिलों में मिल रही है 100 प्रतिशत की छूट

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास की नई इबारत लिख रहा है। प्रदेश में मूलभूत सुविधाओं से लेकर आधारभूत संरचना तक को न सिर्फ विकसित किया गया है, बल्कि प्रदेश के आम जनमानस तक इसका लाभ भी पहुंच रहा है। सीएम योगी के अभूतपूर्व नेतृत्व का परिणाम है कि कभी अंधेरे में डूबा रहने वाला प्रदेश बीते साढ़े सात वर्षों में अपनी नई ऊर्जा नीति से रोशन प्रदेश के रूप में उभर रहा है।

योगी सरकार ने प्रदेश के सतत विकास की दिशा में कई प्रभावी कदम उठाए हैं। बड़े और छोटे जलविद्युत परियोजनाओं को विकसित कर कठिन भौगोलिक इलाकों में ऊर्जा पहुंचाई गई है। यह प्रयास प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और पर्यावरण-अनुकूल बना रहा है। योगी सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए प्रदेश को रोशन करने का संकल्प पूरा करने के लिए लगातार प्रयासरत है। ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति से लेकर सौर ऊर्जा के नए आयाम स्थापित करने तक, सरकार के प्रयास न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रहे हैं, बल्कि “हर घर बिजली” के सपने को साकार कर रहे हैं।

ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में हुआ बड़ा परिवर्तन
ऊर्जा और बिजली का क्षेत्र किसी भी राज्य की प्रगति का मूल आधार होता है। यह न केवल औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर को भी सुधारता है। योगी सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करते हुए राज्य को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और जनसामान्य तक इसका लाभ पहुंचाने में कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। सरकार की यह पहल “रोशन प्रदेश” की परिकल्पना को साकार कर रही है।

सीएम योगी के प्रयासों से ग्रामीण इलाकों में 22 से 24 घंटे बिजली आपूर्ति
उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों को बिजली आपूर्ति को प्राथमिकता दी है। जहां पहले ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली का अभाव था, अब वहां 18 घंटे तक बिजली सुनिश्चित की गई है। तहसील मुख्यालयों में 22 घंटे और जिला मुख्यालयों को 24 घंटे निर्बाध बिजली दी जा रही है। इस पहल से ग्रामीण इलाकों में कृषि, शिक्षा और छोटे उद्योगों को व्यापक बढ़ावा मिला है। यह कदम न केवल ग्रामीण जीवन को रोशन कर रहा है, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ा रहा है।

पावर फॉर ऑल योजना से प्रदेश के सभी घर हो रहे रोशन
‘पावर फॉर ऑल’ योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ 58 लाख घरों को बिजली कनेक्शन दिया गया है। साथ ही 1,21,324 मजरों का विद्युतीकरण किया गया है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने उन घरों तक बिजली पहुंचाई है, जो दशकों से अंधेरे में थे। यह पहल समाज के गरीब और पिछड़े वर्ग को सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई है।

प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि
सीएम योगी के प्रयासों से प्रदेश सरकार ने ऊर्जा उत्पादन में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रदेश में औद्योगिक और ग्रामीण मांगों को पूरा करने के लिए 800 मेगावाट की दो ओबरा ‘डी’ तापीय परियोजना की स्थापना से अतिरिक्त उत्पादन क्षमता जोड़ी गई। प्रदेश में 33/11 केवी सब-स्टेशन का विस्तार करते हुए 749 नए सब-स्टेशन स्थापित किए गए और 1528 सब-स्टेशन को उन्नत किया गया है और 627 सब-स्टेशन पर नग कैपेसिटर बैंक स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा बिजली वितरण को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश के 1000 हजार से अधिक आबादी वाले 19031 गांव और मजरों में खुले तार के स्थान पर 51941 किलोमीटर बिजली लाइनें बिछाई गईं हैं। इन प्रयासों से न केवल ऊर्जा आपूर्ति बढ़ी है, बल्कि उद्योगों और कृषि के लिए भी भरोसेमंद बिजली उपलब्ध हो सकी है।

सस्ती और स्थिर बिजली दरों से गरीबों को मिल रही राहत
सरकार ने बिजली की दरों को नियंत्रण में रखते हुए गरीब और मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की है। 32009 मेगावाट की उत्पादन क्षमता के साथ उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली सुनिश्चित की गई है। इस कदम ने घरेलू बजट पर पड़ने वाले बोझ को कम किया है और जनता को राहत दी है। इसके साथ ही 8.60 लाख अनमीटर्ड विद्युत उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर लगाए गए। स्मार्ट मीटरिंग एवं विद्युत तंत्र के आधुनिकीकरण के लिए ‘रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम’ के जरिए स्मार्ट मीटर लगाने कार्य भी प्रदेश में बड़े पैमाने पर चल रहा है। सरकार ने प्रदेश के किसी भी हिस्से में ट्रांसफार्मर खराब होने पर 24 घंटे में बदलने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की है। प्रदेश में नए विद्युत कनेक्शन में हो रही देरी की समस्या से निपटने के लिए घरेलू उपभोक्ताओं के लिए ‘झटपट पोर्टल’ की शुरुआत वरदान साबित हो रही है।

यूपी में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नई क्रांति
योगी सरकार ने सौर ऊर्जा और अन्य अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर विशेष जोर दिया है। सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के तहत 22,000 मेगावाट बिजली उत्पादन के अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। योगी सरकार झांसी, ललितपुर, कानपुर नगर, चित्रकूट और अलीगढ़ जैसे जिलों में बड़े पैमाने पर सौर पार्कों की स्थापना की जा रही है। सौर ऊर्जा के जरिए 40 मेगावॉट बिजली उत्पादन की क्षमता प्राप्त करने के साथ ही अयोध्या शहर अब मॉडल सोलर सिटी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। साथ ही प्रदेश में 53,354 सोलर पंप स्थापित किए गए हैं, जो किसानों की सिंचाई की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। योगी सरकार के इन प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को बल मिला है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे को सोलर एक्सप्रेस-वे के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के सभी बड़े शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित करना कार्य प्रगति पर है।

ऊर्जा के क्षेत्र में निजी निवेश को मिल रहा बढ़ावा
प्रदेश में निजी निवेश को प्रोत्साहित करते हुए योगी सरकार ने 2500 मेगावाट क्षमता की नई थर्मल और सोलर पावर परियोजनाएं शुरू की गई हैं। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत 364 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं सफलतापूर्वक क्रियान्वित की गई हैं। प्रदेश में सौभाग्य योजना में 53,354 सोलर पावर पैक संयंत्रों की स्थापना और कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट, बायो कोल, बायो डीजल /बायो एथेनॉल की स्थापना को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसी के तहत गोरखपुर में कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट की स्थापना। यह निवेश न केवल बिजली उत्पादन में वृद्धि कर रहा है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति दे रहा है।

ऊर्जा के क्षेत्र में किसानों को लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध करा रही योगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से सौर पंप और ट्रांसफॉर्मर की उपलब्धता बढ़ाई गई है। निजी नलकूप कनेक्शन देने में डार्क जोन में लगे प्रतिबन्ध को हटाने से 01 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। निजी नलकूप के बिजली बिलों में 100 प्रतिशत की छूट भी उपलब्ध कराई जा रही है। किसानों के लिए बिजली की दरों में रियायत दी गई है और उन्हें सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। इन योजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिली है। सिंचाई सुविधा हेतु 3,99,899 निजी नलकूपों का संयोजन किया गया है। किसानों को विद्युत आपूर्ति हेतु 2695 ग्रामीण फीडर अलग किये गये हैं।

बीते साढ़े सात वर्षों में योगी सरकार ने वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कई योजनाओं पर काम किया है। सभी गांव और मजरे जो अब तक बिजली से वंचित थे, उन्हें 100 प्रतिशत विद्युतीकरण के तहत रोशन किया गया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली उपलब्ध हो। इन पहलों से बिजली कटौती की समस्या को काफी हद तक समाप्त कर दिया गया है।

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