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देश में 157 नये सरकारी नर्सिंग कॉलेज खुलेंगे

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चिकित्सा उपकरण नीति को मंजूरी दी

नयी दिल्ली  : केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों में 1570 करोड़ रुपए के निवेश से 157 नये सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोलने का फैसला किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

बैठक के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे देश में 15700 अतिरिक्त नर्सिंग सीटें उपलब्ध होंगी।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से राजस्थान, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश को अधिक लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि नया नर्सिंग कॉलेज पहले से स्थापित मेडिकल कॉलेज के साथ संबंधित होगा।

उन्होंने कहा कि लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित नए मेडिकल कॉलेजों के साथ नया नर्सिंग कॉलेज दिया गया है।प्रत्येक नए नर्सिंग कॉलेज के लिए 10 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे। संबंधित राज्य सरकार इसमें अतिरिक्त सुविधाएं बढ़ाने के लिए और आवंटन बढ़ा सकती है।श्री मांडविया ने कहा कि नर्सिंग कॉलेजों का आवंटन सभी राज्यों में उनके द्वारा खोले गए नए मेडिकल कॉलेजों के आधार पर किया गया है। प्रत्येक नये मेडिकल कॉलेज को एक नया नर्सिंग कॉलेज दिया गया है।

उन्होंने कहा कि देश और विदेश में भारतीय नर्सों की मांग लगातार बढ़ रही है। सरकार के इस फैसले से इस मांग की पूर्ति होगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा।उन्होंने कहा कि नये नर्सिंग कॉलेज अगले 24 महीने में बनकर तैयार हो जाएंगे। संबंधित नर्सिंग कॉलेजों के लिए राज्यों को उनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के अनुसार आवंटन जारी कर दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चिकित्सा उपकरण नीति को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति 2023 पर अपनी मोहर लगा दी, जिसमें इस क्षेत्र को अगले पांच वर्ष में 50 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य तय गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां केंद्रीय मंत्रिमंडल में राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 को मंजूरी देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

बैठक के बाद केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भारत में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जो तेज गति से बढ़ रहा है। वैश्विक बाजार में भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र की हिस्सेदारी 1.5 प्रतिशत होने का अनुमान है।

भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र विकास की राह पर है और इसमें आत्मनिर्भर बनने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य के लक्ष्य की दिशा में योगदान करने की अपार क्षमता है।सरकार ने हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में चार चिकित्सा उपकरण पार्कों की स्थापना के लिए चिकित्सा उपकरणों और सहायता के लिए पीएलआई योजना के कार्यान्वयन की शुरुआत पहले ही कर दी है।

चिकित्सा उपकरणों के लिए पीएलआई योजना के तहत अब तक कुल 26 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें 1206 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इसमें से अब तक 714 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया जा चुका है। पीएलआई योजना के तहत 37 उत्पादों का उत्पादन करने वाली कुल 14 परियोजनाओं को चालू किया गया है।

राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 से पहुंच, सामर्थ्य, गुणवत्ता और नवाचार के सार्वजनिक स्वास्थ्य उद्देश्यों को पूरा करने के लिए चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के व्यवस्थित विकास की सुविधा होगी।(वार्ता)

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