मध्यप्रदेश। प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर की पुलिस ने भारी राजनीतिक प्रशासनिक दबाव को झेलते हुए आखिरकार एक माइनिंग कारोबारी के 13 साल के अपहृत बच्चे की हत्या कर उसके शव को नहर में फेंक देने के मामले का न केवल खुलासा कर दिया वरन अपराध में लिप्त 3 शातिर बदमाशों को भी फिरौती में दी गई रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया है।
घटनाक्रम
जबलपुर के थाना संजीवनी नगर में धनवंतरी नगर निवासी ट्रांसपोर्ट एवं पत्थर डीलिंग का व्यवसाय करने वाले 41 वर्ष के मुकेश लाम्बा के द्वारा रिपोर्ट दर्ज करायी गयी कि दिनांक 15- 10-2020 को शाम 6-15 बजे उनका बेटा आदित्य लाम्बा उम्र 13 वर्ष जो घर के पास वाले दुर्गा मंदिर के मैदान में खेल रहा था, वह कुछ ही देर में घर वापस आया और अपनी माँ से पचास रुपये लेकर बगल वाली जैन किराना दुकान में चिप्स का पैकिट लेने गया था। थोडी देर बाद उनकी पत्नी के मोबाईल नम्बर पर कॉल आया कि आपका बच्चा मेरे पास है, पैसों की व्यवस्था कर लो, पुलिस को नहीं बताना। इतना ही कहकर फोन काट दिया। रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 318/2020 धारा 363 ए, 365 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
घटना से वरिष्ठ अधिकरियों को अवगत कराया गया। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा (भा.पु.से.), अति. पुलिस अधीक्षक शहर दक्षिण / अपराध गोपाल प्रसाद खाण्डेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शिवेश सिंह
बघेल तथा नगर पुलिस अधीक्षक गोरखपुर आलोक शर्मा, तत्काल वहाँ पहुंचे। पुलिस अधीक्षक श्री बहुगुणा ने परिजनों से बातचीत कर सम्पूर्ण जानकारी ली तथा प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत अपहृत बालक आदित्य लाम्बा की दस्तयाबी एवं आरोपी की पतासाजी हेतु अलग-अलग टीमों का गठन कर आवश्यक दिशा निर्देश देकर उन्हें काम पर लगा दिया।
15 अक्तूबर को ही पहले कॉल के एक घंटे बाद अपहरणकर्ता ने फिर से फोन किया और कहा कि तुम 2 खोखे यानि 2 करोड़ की व्यवस्था कर लो, पुलिस को सूचना मत देना, लड़का सुरक्षित है, आपको कल बतायेंगें कि पैसा कहाँ लाना है। साथ ही अपहृत आदित्य की उसके पिता से अल्प समय के लिए बात भी कराई थी। अगले दिन 16 अक्तूबर को अपहरणकर्ता ने सुबह लगभग 11 बजे पैसों के इंतजाम के बारे में पूछने के लिए कॉल किया। तब बच्चे के पिता मुकेश लाम्बा ने गिड़गिड़ाते हुए उनसे कहा कि 8 से 10 लाख रूपये की व्यवस्था हो पाएगी। तब अपहृरणकर्ता ने कम से कम एक करोड़ की व्यवस्था करने की ताकीद कि और कहा कि हम शाम को फिर फोन करेंगे। पैसे लेकर तुम्हें सिहोरा की तरफ अकेले आना है।
यह जानकारी हाथ लगते ही पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री बहुगुणा के दिशा निर्देशन में 10 टीमें गठित कर उन्हें सादे कपड़ों में जबलपुर से लेकर सिहोरा तक सादे कपड़ों में लगा दिया गया। सभी टीमों के प्रभारियो को निर्देशित किया गया कि बच्चे की सकुशल वापसी होनी चाहिये। 16-10-2020 को रात लगभग 8 बजे अपहरणकर्ता ने बच्चे के पिता मुकेश लाम्बा के मोबाईल पर फोन किया और पूछा कि कितने पैसो का इंतजाम हुआ है? बच्चे के पिता के द्वारा बताया गया कि 8 लाख रूपये का ही इंतजाम हो पाया है इससे ज्यादा पैसे मेरे पास नहीं हैं। थोडी देर की ना-नुकुर के बाद अपहरणकर्ता राजी हो गये और बच्चे के पिता को अंधमूक बाईपास से सिहोरा की ओर अकेले आने को कहा, साथ ही बोला कि बच्चा आपको बाद में डिलिवर किया जायेगा। पैसा लेने के बाद हमारा एक बंदा धनवंतरी नगर चौक में आपके बच्चे को ड्राप कर देगा। लेकिन बच्चे के पिता एक हाथ से पैसा लेने व दूसरे हाथ से बच्चा देने की बात कर रहे थे, तब अपहर्ताओं द्वारा कहा गया कि हम पर विश्वास करने के अलावा और कोई विकल्प आपके पास नहीं है। अगर आपको अपना बच्चा प्यारा है तो हमारी बात मान लो और भूलकर भी अगर पुलिस को शामिल किया तो बच्चे को जान से मार डालेंगे।
पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में जबलपुर पुलिस का मुख्य लक्ष्य अपहृत आदित्य की सकुशल वापसी के दृष्टिगत सिहोरा रोड पर लगी पुलिस टीमों को कोई भी एक्शन न लेकर उनकी हरकतों पर गोपनीय तरीके से निगाह रखने और उन्हें अपने घेरे में रखने हेतु कहा गया। इसी बीच आरोपियों के बताने के अनुसार अपहृत बच्चे के पिता रूपये लेकर खजरी खिरिया बाईपास पहुंचे जहां आरोपी अंधेरे में छिपे हुये थे जो देखते ही बोले कि जहां खडे हो वहीं रोड किनारे रुपयों का बैग रख दो। मुकेश लांबा ने 8 लाख रूपये से भरा बैग रख दिया तथा धनवंतरी नगर चौक पर पहुंचकर बच्चे की वापसी का इंतजार करने लगे। कई घंटे बीत जाने के बाद भी जब बच्चा वापस नहीं आया तब पुलिस की सभी टीमें सक्रिय हुईं तथा प्राप्त सूचनाओं एवं तकनीकी आधार पर घेराबंदी करते हुए तीन आरोपियों राहुल विश्वकर्मा पिता राजेन्द्र विश्वकर्मा उम्र 30 वर्ष, मलय राय पिता धर्मेन्द्र कुमार राय उम्र 25 वर्ष, करण जग्गी पिता मनोहर जग्गी उम्र 24 वर्ष तीनों निवासी महाराजपुर अधारताल को घेराबंदी कर पकड़ लिया।
कबूलनामा
पकड़े गये तीनों आरोपियों से हुई सघन पूछताछ में पता चला कि राहुल एवं मलय ने लगभग 1 माह पूर्व पैसों की तंगी को दूर करने के लिए आपस में चर्चा की थी और किसी बडे आदमी के बच्चे को फिरौती के लिए किडनैप करने का प्लान बनाया था। कुछ दिनों बाद राहुल विश्वकर्मा ने मलय राय को बताया कि मैं एक व्यक्ति को जानता हूँ जिसका एक छोटा बच्चा भी है और पैसे भी मिल जाएंगे। राहुल ने मलय को बताया था कि धनवंतरी नगर निवासी मुकेश लांबा का अच्छा कारोबार है एवं उसका बच्चा आदित्य लांबा 13 साल का है, सही टारगेट रहेगा।
इस उद्देश्य को अंजाम देने के लिये आरोपियों ने सर्वप्रथम बेलखाडू क्षेत्र में एक मोबाईल की लूट की तथा छीने हुये उक्त मोबाईल का इस्तेमाल सम्पूर्ण घटनाक्रम को अंजाम देने के लिये किया। 15-10-2020 को रेकी करने पहुंचे, आदित्य लांबा उन्हें जैन किराना दुकान के सामने दिख गया। योजना के मुताबिक करण जग्गी जो सफेद रंग की स्विफ्ट कार में बैठा था। उसने आदित्य लाम्बा से कहा बेटा मुकेश लांबा का घर कहाँ हैं, हम उनके दोस्त हैं, उनके घर जाना है। तब मासूम बालक आदित्य बोला ये तो मेरा ही घर है, चलिये मैं आपको बता देता हूँ। मासूम आदित्य आरोपियों के साथ उनकी कार में बैठ गया। तब आरोपियों ने शातिराना अंदाज में आदित्य का मुंह दबा लिया एवं अंधमूक बाईपास की ओर ले गये। मासूम आदित्य का अपहरण हो चुका था।
उधर अपहर्ताओं ने आदित्य से उसकी माँ का मोबाईल नम्बर पूछा तथा छीने हुये मोबाईल से पैसों के लेन-देन की बात शुरू की। पूरी रात आदित्य को कार में बरोदा तिराहा, पनागर क्षेत्र में घुमाते रहे तथा ढाबे में खाना भी खिलाया। तारीख बदली और
16-10-2020 की सुबह महाराजपुर अधारताल पहुंचे तथा राहुल उर्फ मोनू विश्वकर्मा के घर के बगल में खाली पडे मकान में बच्चे को ले गये। एक अल्टो कार किराये पर ली एवं दोपहर में बच्चे को फिर से अल्टो कार में बैठाकर कुण्डम बघराजी क्षेत्र में
घुमाते रहे। रास्ते में एक होटल में समोसा खाया एवं खिलाया। “अंकल मैं तो आपको जानता हूँ” उसी दौरान मासूम ने राहुल विश्वकर्मा उर्फ मोनू से कहा कि ‘‘अरे अंकल मैं तो आपको जानता हूँ। एक अंकल के साथ आप मेरे घर आये थे।’’ मीडिया में आदित्य के अपहरण की छाई खबरों से घबराए आरोपी आदित्य द्वारा उनमें से एक को पहचान लेने की बात कहने पर उन लोगों के दिमाग की नसें तन गईं।
तीनों घबरा गये और मासूम की हत्या करने का प्लान बना डाला। योजना के अनुसार शाम को महाराजपुर पहुंचे एवं करण को छोडकर राहुल एवं मलय अल्टो कार में बैठाकर आदित्य को पनागर के आगे जलगाँव ले गये तथा वहाँ आदित्य से ‘‘पापा आ जाओ’’ यह कहलवाते हुये उसकी रिकार्डिंग की तथा नहर के किनारे ले गये। आदित्य का हाथ बांधा और गमछे से मासूम का मुंह दबा दिया जिससे कुछ ही देर में सांसें रुक जाने से आदित्य की मृत्यु हो गयी। तब मुंह पर गमछा बांधकर बच्चे के शव को नहर के पानी में फेंक दिया। वापस महाराजपुर पहुंचे तथा रात लगभग 9-30 बजे मुकेश लांबा को फोन लगाकर रिकार्ड की हुई आदित्य की आवाज सुनाई और रूपयों की मांग की। पकड़े गये तीनों आरोपियों की निशादेही पर अपहृत आदित्य लांबा का शव जलगाँव में बरगी नहर से दस्तयाब करते हुये शव का पी.एम कराया गया, प्रकरण में धारा 364, 364 ए, 302 भा.द.वि. का इजाफा करते हुये घटना में प्रयुक्त 1 मोबाईल एवं आरोपियों के 3 मोबाईल तथा फिरौती के रूप में दिये गये 8 लाख रूपये में से 7 लाख 66 हजार जप्त किये गये, घटना में प्रयुक्त 2 कार, 1 पल्सर बाइक एवं एक्टीवा स्कूटी की बरामदगी हेतु आरोपियों को पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया है।