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110 वर्षीय भारतीय बुजुर्ग ने कोरोना से जीती जंग, दुनिया के सामने हिम्मत और धैर्य की पेश की अनोखी मिसाल

कहते हैं, इंसान दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मबल से बड़ी-बड़ी जंग जीत सकता है और हैदराबाद के एक वृद्ध ने इस कहावत को सार्थक कर दिखाया है। दरअसल, हैदराबाद के एक 110 साल के वृद्ध ने कोरोना को ही मात दे दी है। उम्र के इस पड़ाव में कोरोना को मात देने वाले रामानंद तीर्थुलु हैदराबाद के रहने वाले हैं।

ऑक्सीजन की भी पड़ी जरूरत

रामानंद तीर्थुलु नामक वृद्ध हैदराबाद स्थित कीसरा के पास एक आश्रम में रहते हैं। गत 24 अप्रैल को जब कोविड लक्षणों का पता चला, तो डॉक्टर ने उन्हें हैदराबाद के ही गांधी अस्पताल में भेज दिया था। लेकिन दूसरे मरीजों की तरह 110 साल के रामानंद तीर्थुलु को भी ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी, जिसके बाद उन्हें ऑक्सीजन देने के साथ ही उपचार किया गया। अब डॉक्टरों के अनुसार वह ठीक हो गये हैं। हालांकि अभी उन्हें एक गैर-ऑक्सीजन बिस्तर पर स्थानांतरित कर पूरी तरह से ठीक होने के लिए तरल आहार दिया जाएगा।

कुछ दिन डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे रामानंद

हॉस्पिटल के अधीक्षक राजा राव ने बताया कि रामानंद तीर्थुलु को कोई और बीमारी नहीं है। बताया जाता है कि वह हिमालय में लगभग दो दशकों तक रहे थे। अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें अस्पताल से छुट्टी देने से पहले कुछ दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा।

बुजुर्गों ने दी है कोरोना को मात



इसी तरह बीते साल अगस्त 2020 में सिद्दम्मा नाम की 105 साल की आयु की महिला कर्नाटक के चित्रदुर्ग से कोरोना पर विजय पाकर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुई थीं। तब हॉस्पिटल और स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें भव्य विदाई दी थी। इसी क्रम में पटना की देमांति देवी, जिनकी 105 साल की आयु में कोरोना वायरस को हरा चुकी हैं।

कोरोना की जंग जीतने वालों में रामानंद तीर्थुलु, सिद्दम्मा और देमांति के अलावा भी ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने ऑक्सीजन की कमी के अलावा फेफड़ों के संक्रमण होने के बाद भी वायरस पर विजय पाई है।

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