चेन्नई : तमिलनाडु में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्रतिष्ठा पर बात आ गई है। ये तब हुआ जब सीबीआई की हिरासत से 102 किलो सोना गायब हो गया। सोना गायब होने से महकमे में हड़कंप मच गया है। इस खबर के बाद मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु पुलिस को इसकी जांच करने के आदेश दिये हैं। गायब हुए इस सोने की कीमत करीब 43 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
वहीँ, इस मामले में हाई कोर्ट के दखल और उसके फैसले के बाद सीबीआई को शर्मिंदा होना पड़ा है। इस बारे में एजेंसी का कहना है कि यदि स्थानीय पुलिस द्वारा इस मामले की जांच करती है तो सीबीआई की प्रतिष्ठा नीचे आ जाएगी। सीबीआई ने इस बारे में कोर्ट में याचिका भी दी थी कि इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस द्वारा न कराई जाए।
लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है और सीबी-सीआईडी को इस मामले में एफ़आईआर दर्ज करने के लिए कहा है। कोर्ट ने इस फैसले के साथ कहा `यह सीबीआई के लिए अग्नि परीक्षा हो सकती है, लेकिन इसका कुछ नहीं किया जा सकता। अगर सीता की तरह उनके हाथ साफ हैं, तो वे बच जाएंगे और यदि नहीं, तो उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।`
वहीँ, इस मामले में अब सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने राज्य पुलिस के बजाय सीबीआई या राष्ट्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की बात कही है। कोर्ट में न्यायाधीश पी एन प्रकाश ने कहा कि अदालत ऐसा नहीं कर सकती, क्योंकि कानून इस तरह के आक्षेप को मंजूरी नहीं देता है। जज ने कहा कि सभी पुलिसकर्मियों पर भरोसा किया जाना चाहिए और यह कहना कि सीबीआई अलग है और स्थानीय पुलिस को उसकी जांच नहीं करनी चाहिए गलत है।
बता दें, गायब हुआ सोना 2012 में चेन्नई में मिनरल्स एंड मेटल्स ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (MMTC) के अधिकारियों ने सुराणा कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सोने और चांदी के आयात से संबंधित मामले से जुड़ा था। सीबीआई ने चेन्नई के सुराणा के कार्यालय भवन से बार और आभूषण के रूप में 400.47 किग्रा सोना जब्त किया था। उस समय, इसे फर्म के वॉल्ट में ही बंद करते हुए सील कर दिया गया था और इसकी चाबियां चेन्नई की एक विशेष सीबीआई अदालत को सौंप दी गई थी। लेकिन सीबीआई के पास मौजूद दस्तावेजों में इस बारे में कोई डेटा नहीं मिला है।