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भारत के विश्व गुरु बनने से ही समाप्त होगी विश्व की अशांति: मोहन भागवत

मुजफ्फरनगर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने कहा है कि संपूर्ण विश्व में फैली अशांति की स्थिति को समाप्त करने के लिये भारत का विश्वगुरु बनाना जरूरी है और इसके लिये प्रत्येक नागरिक की सहभागिता चाहिये।डॉ भागवत बुधवार को मुजफ्फरनगर से करीब 24 किलोमीटर दूर खतौली के मोहल्ला दुर्गापुरी स्थित श्रीकृष्ण मंदिर के 65वें वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में देश भर से जुटे संतों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जात-पात, ऊंच-नीच को समाप्त करने पर ही देश की सामाजिक उन्नति होगी।

उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु बनेगा, इसके लिए प्रत्येक नागरिक सहभागी बने। उन्होंने कहा कि इसमें शक नहीं कि भारत के विश्व गुरु बनने से ही विश्व में फैली अशांति स्थिति की समाप्ति हो सकेगी। उन्होंने कहा कि एक समय था जब मंदिरों में धर्म के अलावा रोजगार, कला और शिक्षा भी संचालित होती थी। लेकिन विदेशियों ने सबसे पहले हमारी इसी शक्ति को खत्म किया।उन्होंने कहा कि सारा समाज एक साथ रहे, सब मिलकर आगे चलें। धर्म पर संकट आते हैं, दुष्ट और अधर्मी आक्रमण करते हैं। लेकिन ऐसे समय में शक्ति के साथ संयमी बने रहना भी जरूरी है।

सर संघचालक ने कहा कि यथा शक्ति के स्थान पर अधिकतम करने की आदत बनाएं। मंदिर जाएं, संतों को सुनें और धर्म आचरण के साथ सुरक्षा करें। उन्होंने कहा कि सेवा धर्म का अंग है और दूसरों की मदद करना सेवा है।डा भागवत इसके बाद मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे। जहां ‘जल संरक्षण के क्षेत्र में चुनौतियां एवं समाधान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में वह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता परमार्थ निकेतन के संस्थापक स्वामी चिदानंद ने की। (वार्ता)

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