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उप्र मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम को मिली मंजूरी

मंत्रिमंडल के साथ मुख्यमंत्री ने की महत्वपूर्ण बैठक, भावी योजनाओं पर किया विचार-विमर्श.मुख्यमंत्री का निर्देश, विभागीय परियोजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा करें मंत्री.

लखनऊ : मिलेट्स यानी मोटा अनाज की खेती और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को ‘उप्र मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम’ के संचालन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में देर रात हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में मिलेट्स (ज्वार, बाजरा, कोदो, सावां, रागी/मडुआ आदि) की खेती, प्रसंस्करण एवं उपभोग को बढ़ावा देने के लिए ‘उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम’ के संचालन के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी गयी।

आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम नामक यह नई योजना वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-27 तक संचालित किये जाने का प्रस्ताव है। कार्यक्रम क्रियान्वयन की इस अवधि में 18626.50 लाख रुपये का अनुमानित खर्च आंकलित है, जिसे राज्य सरकार वहन करेगी।उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के तहत मिलेट्स के उपभोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष (इण्टरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स) के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया है।

मंत्रिमंडल ने एक अन्य फैसले में प्रदेश में संचालित प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन (एग्रीजंक्शन) योजना को अगले पांच साल के लिए संचालित करने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी है। कृषि क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं की सेवाओं का उपयोग कर कृषि सेक्टर में रोजगार सृजन को बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2015-16 से यह योजना क्रियान्वित है। इस कार्यक्रम का मकसद किसानों को उनके फसल उत्पादों के लिए कृषि केन्द्र (एग्रीजंक्शन) बैनर तले समस्त सुविधाएं ‘वन स्टॉप शॉप’ के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना है। प्रदेश में अब तक कुल 4311 केन्द्र स्थापित किये जा चुके है जबकि अगले पांच साल में कुल 10,000 एग्रीजंक्शन केन्द्र स्थापित करने का लक्ष्य प्रस्तावित है।

प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने औद्योगिक भूमि की आवश्यकता को सुनिश्चित कराने के लिये ‘निजी औद्योगिक पार्काें के विकास की योजना के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसे निजी प्रवर्तक के द्वारा बिल्ड, ओन, आपरेट (बीओओ) के आधार पर संचालित किया जाएगा। एमएसएमई इकाइयों के द्वारा कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार का सृजन किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश में ऐसी लगभग 95 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं, जिन्हें और अधिक बढ़ाया जाना प्रदेश के हित में होगा।

निजी औद्योगिक पार्कों के भू-खण्डों के आवंटन, संचालन तथा मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के रख-रखाव का सम्पूर्ण दायित्व निजी प्रवर्तक का होगा।योजना के अन्तर्गत निजी प्रवर्तकों द्वारा 10 एकड़ से 50 एकड़ तक की भूमि पर औद्योगिक पार्क विकसित करने का प्रस्ताव भूमि के स्वामित्व के कागजात एवं आगणन सहित जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र को उपलब्ध कराया जाएगा। चयनित भूमि का भू उपयोग औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिये होना चाहिए।(वार्ता)

मुख्यमंत्री ने दिया मंत्रिमंडल को मिलेट्स रात्रिभोज, बोले मुख्यमंत्री, जनप्रतिनिधियों को मिलेट्स भोज पर आमंत्रित करें मंत्रीगण

● आगामी 10-12 फरवरी को उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होने जा रहा है। देश और विदेश में हुए रोड शो के साथ-साथ जिला स्तरीय निवेशक सम्मेलनों में उत्साहजनक परिणाम देखने को मिले हैं। पूरी दुनिया के उद्योग जगत ने उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए उत्साह जताया है। यह समिट अभूतपूर्व होने जा रहा है।

● 10 फरवरी को आदरणीय प्रधानमंत्री  के कर-कमलों से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ होगा। इस मुख्य समारोह से सभी जिलों को जोड़ा जाएगा। जिलों के कार्यक्रम में स्थानीय उद्यमियों/निवेशकों को आमंत्रित करें। यह पहली बार होगा कि जब एक दिन- एक साथ प्रदेश के सभी 75 जिलों में निवेश होगा। सभी जिलों के लिए अपार संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।

● सरकार गठन के उपरांत मंत्रिसमूहों द्वारा ‘सरकार आपके द्वार’ भावना के साथ किए गए मंडलीय भ्रमण से जनता के बीच सकारात्मक संदेश गया। अब सभी जिलों के लिए प्रभारी मंत्री नामित किए जा रहे हैं। यह मंत्री अगले एक वर्ष तक सम्बंधित जनपद के प्रभारी होंगे।

● प्रभारी मंत्रीगण अपने जिले की स्थिति से अपडेट रहें। नियमित अंतराल पर जिले में भ्रमण करें। जनपद भ्रमण के यह कार्यक्रम कम से कम 24 घंटे का जरूर हो। जनपदीय दौरे की अवधि में होने वाली बैठकों में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करें। कानून-व्यवस्था व सरकारी योजनाओं की समीक्षा करें।

● जनपदीय भ्रमण के दौरान जनता से सीधा संवाद करें। किसी एक विकास खंड और तहसील के औचक निरीक्षण करें। दलित, मलिन बस्ती में सहभोज भी किया जाना चाहिए। विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर गुणवत्ता की परख करें। कानून-व्यवस्था की समीक्षा के साथ महिला सुरक्षा, एससी-एसटी के प्रकरणों में अभियोजन की स्थिति, पुलिस पेट्रोलिंग, बाल यौन अपराधों, व्यापरियों की समस्याओं, गैंगस्टर पर कार्रवाई, ट्रैफिक प्रबंधन, राजस्व संग्रह के लिए हो रहे प्रयास आदि की समीक्षा करें।

● प्रभार के जिलों में यदि आकांक्षात्मक विकास खंड है तो वहां की स्थिति की सतत समीक्षा करते रहें। भ्रमण के दौरान इन विकास खंड में तैनात मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के तहत कार्य कर रहे युवाओं से संवाद करें।

● कार्य की सफलता के लिए उसकी मॉनीटरिंग आवश्यक है। सभी मंत्रीगण अपने विभाग की साप्ताहिक समीक्षा जरूर करें। अपने सहयोगी राज्य मंत्री को भी इन बैठक में आमंत्रित करें। विभाग द्वारा संचालित जनहित की परियोजनाओं के क्रियान्वयन में राज्यमंत्री गणों को भी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

● यह सुनिश्चित कराएं कि समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर/कप्तान, मुख्य विकास अधिकारी आदि फील्ड में तैनात सभी अधिकारी गण नियमित अंतराल पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ विकास परियोजनाओं की समीक्षा करें।

● जिला मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक भी हो। उद्योग बंधु की बैठक भी नियमित होनी चाहिए। प्रत्येक जिलाधिकारी, पुलिस कप्तान, व्यापार व उद्योग विभाग द्वारा माह में एक बार व्यापारिक संगठनों के साथ अनिवार्य रूप से बैठक की जाए। उद्योगों के साथ बैंकर्स की बैठक करायें, युवाओं को रोजगार के लिए ऋण योजनाओं का आसानी से लाभ मिले, इसके लिए प्रभारी मंत्रीगण प्रयास करें।

● प्रधानमंत्री  के मार्गदर्शन में आज पूरा देश मिलेट वर्ष मना रहा है। इस क्रम में आज मुख्यमंत्री आवास पर मोटे अनाज के व्यंजन आधारित रात्रिभोज आयोजित किया गया है। इसी प्रकार सभी मंत्रीगण अपने क्षेत्र में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व बुद्धिजीवी वर्ग के लिए ऐसे सहभोज का आयोजन करें। मिलेट्स की महत्ता से आम जन को सुपरिचित कराएं।

 

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