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यूपी को एग्रीकल्चर सेक्टर में देश का पावर हाउस बनाएगा “यूपी एग्रीस”

योगी सरकार यूपी एग्रीस प्रोजेक्ट से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड की कृषि उत्पादकता में बढ़ाएगी हिस्सेदारी.कृषि उत्पादकता बढ़ाने, एग्रो क्लस्टर की स्थापना, डिजिटल और फाइनेंशियल इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए योगी सरकार लांच करने जा रही परियोजना .

  • परियोजना में जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से अति संवदेनशील 50 जिलों में से 24 जिलों को भी किया गया शामिल
  • 10 लाख किसानों को प्रत्यक्ष रूप से होगा लाभ, 10 हजार महिला उत्पादक समूहों को भी जोड़ा जाएगा
  • परियोजना के लिए विश्व बैंक देगा 2737 करोड़ का लोन, 35 वर्ष होगी लोन वापसी की अवधि

लखनऊ : योगी सरकार प्रदेश के किसानों की आय, कृषि उत्पादकता एवं कृषि से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल इंटरप्राइजेज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग (यूपी एग्रीस) परियोजना लांच करने जा रही है। इसका खाका तैयार कर लिया गया है और जल्द ही इसे विश्व बैंक की मदद से धरातल पर उतारा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक में परियोजना को लांच करने के लिए हरी झंडी दे दी है। यह परियोजना पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 जिलों और बुंदेलखंड के 7 जिलों में चलाई जाएगी। परियोजना को चार भागों में बांटा गया है। इसके तहत कृषि उत्पादकता बढ़ाने, एग्रो कलस्टर की स्थापना, डिजिटल और वित्तीय इकोसिस्टम को मजबूत करने एवं परियोजना प्रबंधन, ज्ञान और सीखने पर काम किया जाएगा। विशेषज्ञों की मानें तो योगी सरकार की यह परियोजना प्रदेश के कृषि सेक्टर को पूरे देश में पावर हाउस बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड की बढ़ाई जाएगी कृषि उत्पादकता में हिस्सेदारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों ने बताया कि विश्व में 15 हजार लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। वहीं भारत में 1590.70 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है, जबकि पूरे देश में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में कुल 243.2 लाख हेक्टेयर जमीन के सापेक्ष 165.70 लाख हेक्टेयर जमीन कृषि योग्य है। प्रदेश में 76 प्रतिशत भूमि पर खेती होती है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी के प्रयास से प्रदेश में पिछले सात वर्षों में कई फसलों की उत्पादकता बढ़ी है, लेकिन बुंदेलखंड, पूर्वांचल और विंध्य क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राज्य के कृषि उत्पादन में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी मात्र 28 प्रतिशत है। वहीं बुंदेलखंड की कृषि उत्पादन में हिस्सेदारी महज 5.5 प्रतिशत है। ऐसे में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड की कृषि उत्पादन में हिस्सेदारी बढ़ाने की आवश्यकता है। बैठक में अधिकारियों ने सीएम योगी को बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 जिलों और बुंदेलखंड के 7 जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए यूपी एग्रीस परियोजना का खाका तैयार किया गया है। यह परियोजना विश्व बैंक की मदद से तैयार की गयी है। इस दौरान उन्होंने सीएम योगी के समक्ष प्रेजेंटेशन के माध्यम से परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस पर सीएम योगी ने परियोजना को लांच करने के लिए हरी झंडी दे दी।

यूपी एग्रीस पर खर्च होंगे 4 हजार करोड़, 2737 करोड़ का लोन देगा विश्व बैंक

बैठक में अधिकारियों ने सीएम योगी को बताया कि यूपी एग्रीस परियोजना से प्रदेश के किसानों, कृषक संगठनों, मत्यस्य पालकों एवं कृषि क्षेत्र से जुड़ी एमएसएमई इकाइयों को सीधा लाभ होगा। यह परियोजना 6 वर्ष की होगी, जिसमें 4 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए 2737 करोड़ विश्व बैंक लोन देगा जबकि 1166 करोड़ राज्य सरकार का अंश होगा। वहीं लोन वापसी की अवधि 35 वर्ष रखी गयी है, जबकि लोन अमाउंट पर 1.23 प्रतिशत का इंट्रेस्ट लिया जाएगा। वहीं मोराटोरियम पीरियड 7 वर्ष है। अधिकारियों ने बताया कि परियोजना में जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से अति संवदेनशील 50 जिलों में से 24 जिलों को शामिल किया गया है। इस परियोजना से 10 लाख किसानों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा, जिसमें 30 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की होगी। वहीं 10 हजार महिला उत्पादक समूहों को परियोजना से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा 500 किसानों को सर्वोत्तम कृषि तकनीकी जानकारी के लिए विदेशों में भेजा जाएगा।

पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के इन जिलों में लांच होगी यूपी एग्रीस परियोजना

पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 जिले श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, महराजगंज, संतकबीर नगर, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मीरजापुर, सोनभद्र और संत रविदास नगर आदि में यूपी एग्रीस परियोजना को लांच किया जाएगा। वहीं बुंदेलखंड के जालौन, झांसी, हमीरपुर, महोबा, बांदा, ललितपुर और चित्रकूट शामिल हैं।

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