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यह ऐतिहासिक दीपावली, हमारे राम एक बार फिर अपने घर आए हैंः पीएम मोदी

नौवें आयुर्वेद दिवस पर प्रधानमंत्री ने कहा- इस बार यह प्रतीक्षा 14 वर्ष बाद नहीं, बल्कि 500 वर्ष बाद पूरी हो रही है

  • रामलला के जन्मभूमि पर बने मंदिर में भी हजारों दीप जलाए जाएंगेः पीएम मोदी

लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी ने मंगलवार को कहा कि इस दिवाली पर अयोध्या में 14 वर्ष नहीं बल्कि 500 वर्ष की प्रतीक्षा खत्म होगी।श्री मोदी मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में धन्वंतरि जयंती और नौवें आयुर्वेद दिवस समाराेह को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिवाली ऐतिहासिक है क्योंकि अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर को लाखों दीयों से रोशन किया जाएगा, जिससे उत्सव अभूतपूर्व होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “इस साल की दिवाली में भगवान राम एक बार फिर अपने निवास पर लौट आए हैं।” उन्होंने कहा कि यह प्रतीक्षा आखिरकार 14 नहीं बल्कि 500 वर्ष बाद खत्म हुई है।इससे पहले श्री मोदी ने एक अन्य कार्यक्रम में इस बार की दिवाली को ‘बहुत खास’ बताया और कहा कि यह पहली दिवाली है, जब पांच सौ वर्ष की प्रतीक्षा के बाद प्रभु श्री राम अयोध्याधाम में अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार की दिवाली का साक्षी होना बड़े सौभाग्य की बात है।श्री मोदी ने कहा, “इस साल की दिवाली बहुत खास है, बहुत विशेष है। आपको लगेगा कि दिवाली तो हर बार आती है, इस बार विशेष क्या हो गया, मैं बताता हूं, विशेष क्या है। 500 वर्षों के बाद प्रभु श्री राम अयोध्या के अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं और उस भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद ये पहली दीपावली है।

”उन्होंने कहा, “इस दीपावली की प्रतीक्षा में कई पीढ़ियां गुजर गईं, लाखों लोगों ने बलिदान दिये, यातनायें झेलीं। हम सभी बहुत सौभाग्यशाली हैं, जो ऐसी विशेष, खास, भव्य दिवाली के साक्षी बनेंगे ।”श्री मोदी ने कहा कि यह महज संयोग नहीं है कि इस वर्ष धनतेरस का त्योहार समृद्धि और स्वास्थ्य का संगम है, बल्कि यह भारत की संस्कृति और जीवन दर्शन का प्रतीक है। ऋषि-मुनियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य को सर्वोच्च धन माना जाता है और यह प्राचीन धारणा योग के रूप में दुनिया भर में स्वीकार्यता पा रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि धनतेरस के दिन सौभाग्य व स्वास्थ्य का यह उत्सव सिर्फ संयोग नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति के जीवन-दर्शन का प्रतीक है। ऋषियों ने कहा है कि आरोग्यम परमं भाग्यं यानी आरोग्य ही परम भाग्य व परमधन है। हम सबके लिए खुशी की बात है कि आज 150 से अधिक देशों में आयुर्वेद दिवस मनाया जा रहा है।

धन्वंतरि जयंती पर 12850 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ, उद्घाटन और शिलान्यास किया मोदी ने

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में धन्वंतरि जयंती और नौवें आयुर्वेद दिवस पर स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित 12 हजार 850 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का शुभारंभ, उद्घाटन और शिलान्यास किया।श्री माेदी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा का मजबूत ढांचा तैयार करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आज की परियोजनाओं से देशवासियों को उच्च स्तर की और सुलभ स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध होंगी।इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया और केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल और केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री शोभा करंदाजे तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।धन्वंतरि दिवस पर आयोजत कार्यक्रम में श्री मोदी ने आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य दायरे कवरेज के विस्तार का शुभारंभ किया।

श्री मोदी देश के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के चरण- द्वितीय का उद्घाटन किया। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के प्रयोग को बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री 11 तृतीयक स्वास्थ्य संस्थानों में ड्रोन सेवाओं की शुरूआत की। स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए डिजिटल पहलों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने यू-विन पोर्टल का शुभारंभ किया, जो गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को लाभान्वित करने वाली टीकाकरण प्रक्रिया को डिजिटल बनाता है। मेक इन इंडिया के अनुरूप प्रधानमंत्री ने चिकित्सा उपकरणों और थोक दवाओं के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन – पीएलआई योजना के तहत पांच परियोजनाओं का उद्घाटन किया। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास और परीक्षण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई पहलों की भी शुरुआत की गयी।इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक राष्ट्रव्यापी अभियान, “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” भी शुरूआत की। इसका उद्देश्य नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

उन्होेंने प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राज्य-विशिष्ट कार्य योजना भी शुरू की। इसमें जलवायु परिवर्तन के अनुकूल स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिए अनुकूलन रणनीति तैयार की जाएगी।प्रधानमंत्री यू-विन पोर्टल का शुभारंभ किया। यह टीकाकरण प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाकर गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को लाभान्वित करेगा। इसमें गर्भवती महिलाओं और बच्चों (जन्म से 16 वर्ष तक) को बीमारियों के खिलाफ जीवन रक्षक टीकों काे समय लगाया जा सकेगा। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने संबद्ध और स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों के लिए एक पोर्टल भी जारी किया। यह मौजूदा स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों के केंद्रीकृत डेटाबेस के रूप में कार्य करेगा।श्री मोदी ने देश के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। इसमें एक पंचकर्म अस्पताल, औषधि निर्माण के लिए एक आयुर्वेदिक फार्मेसी, एक खेल चिकित्सा इकाई, एक केंद्रीय पुस्तकालय, एक आईटी और स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन सेंटर और 500 सीटों वाला एक ऑडिटोरियम शामिल है।

उन्होेंने मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच और सिवनी में तीन मेडिकल कॉलेजों का भी उद्घाटन किया। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, पश्चिम बंगाल के कल्याणी, बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, मध्य प्रदेश के भोपाल, असम के गुवाहाटी और नयी दिल्ली में विभिन्न एम्स में सुविधा और सेवा विस्तार का उद्घाटन किया गया। इसमें एक जन औषधि केंद्र भी शामिल है।प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक और ओडिशा के बरगढ़ में एक क्रिटिकल केयर ब्लॉक का भी उद्घाटन किया। उन्होंने मध्य प्रदेश के शिवपुरी, रतलाम, खंडवा, राजगढ़ और मंदसौर में पांच नर्सिंग कॉलेजों, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, तमिलनाडु और राजस्थान में 21 क्रिटिकल केयर ब्लॉकों और नयी दिल्ली के एम्स तथा हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में अनेक सुविधाओं और सेवा विस्तारों की आधारशिला भी रखी।

श्री मोदी ने मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ईएसआईसी अस्पताल का उद्घाटन किया और हरियाणा के फरीदाबाद, कर्नाटक के बोम्मासंद्रा और नरसापुर, मध्य प्रदेश के इंदौर, उत्तर प्रदेश के मेरठ और आंध्र प्रदेश के अचुतापुरम में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पतालों की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं से करीब 55 लाख ईएसआई लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलेगा।उन्होेंने स्वास्थ्य सेवा को और अधिक सुलभ बनाने और सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग में प्रधानमंत्री ने 11 तृतीयक स्वास्थ्य सेवा संस्थानों में ड्रोन सेवाओं का शुभारंभ किया। ये संस्थान उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश, तेलंगाना में एम्स बीबीनगर, असम में एम्स गुवाहाटी, मध्य प्रदेश में एम्स भोपाल, राजस्थान में एम्स जोधपुर, बिहार में एम्स पटना, हिमाचल प्रदेश में एम्स बिलासपुर, उत्तर प्रदेश में एम्स रायबरेली, छत्तीसगढ़ में एम्स रायपुर, आंध्र प्रदेश में एम्स मंगलगिरी और मणिपुर में रिम्स इंफाल है।

उन्होेंने एम्स ऋषिकेश से हेलिकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का भी शुभारंभ किया, जो तेजी से चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में मदद करेगी।प्रधानमंत्री ने देश में स्वास्थ्य सेवा परिवेश को बेहतर बनाने के लिए अनुसंधान एवं विकास तथा परीक्षण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई पहलों की भी शुरुआत की। श्री मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर के गोथापटना में एक केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। उन्होेंने ओडिशा के खोरधा और छत्तीसगढ़ के रायपुर में योग और प्राकृतिक चिकित्सा के दो केंद्रीय अनुसंधान संस्थानों की आधारशिला रखी। उन्होंने चिकित्सा उपकरणों के लिए गुजरात के एनआईपीईआर अहमदाबाद, थोक दवाओं के लिए तेलंगाना के एनआईपीईआर हैदराबाद, फाइटोफार्मास्युटिकल्स के लिए असम के एनआईपीईआर गुवाहाटी और एंटी-बैक्टीरियल एंटी-वायरल दवा खोज और विकास के लिए पंजाब के एनआईपीईआर मोहाली में चार उत्कृष्टता केंद्रों की आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री ने चार आयुष उत्कृष्टता केंद्रों का शुभारंभ किया, जिनमें भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में मधुमेह और चयापचय विकारों के लिए उत्कृष्टता केंद्र, आईआईटी दिल्ली में रस औषधियों के लिए उन्नत तकनीकी समाधान, स्टार्ट-अप समर्थन और टिकाऊ समाधान के लिए टिकाऊ आयुष में उत्कृष्टता केंद्र, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में आयुर्वेद में मौलिक और अनुवाद संबंधी अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र और जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय नयी दिल्ली में आयुर्वेद और प्रणाली चिकित्सा पर उत्कृष्टता केंद्र शामिल हैं।स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने गुजरात के वापी, तेलंगाना के हैदराबाद, कर्नाटक के बेंगलुरु, आंध्र प्रदेश के काकीनाडा और हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में चिकित्सा उपकरणों और दवाओं के लिए पीएलआई योजना के तहत पांच परियोजनाओं का उद्घाटन किया। ये इकाइयां महत्वपूर्ण दवाओं के साथ-साथ बॉडी इम्प्लांट और क्रिटिकल केयर उपकरण जैसे उच्च-स्तरीय चिकित्सा उपकरणों का निर्माण करेंगी।(वार्ता)

सीएम का आह्वान- भगवान राम के विराजमान के बाद यह पहला दीपोत्सव,सभी के घरों में दीप जलने चाहिए

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