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वैश्विक बाजार और एफआईआई के रुख से तय होगी बाजार की चाल

मुंबई  : विश्व बाजार के कमजोर रुख से स्थानीय स्तर पर हुई बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह करीब आधे प्रतिशत की गिरावट पर रहे घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह चाल वैश्विक बाजार और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के रुख तथा कंपनियों के तिमाही परिणाम से तय होगी।बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 298.22 अंक अर्थात 0.48 प्रतिशत का गोता लगातार सप्ताहांत पर 61729.68 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 110.6 अंक यानी 0.6 प्रतिशत की गिरावट लेकर 18203.40 अंक पर रहा।

वहीं, समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की मझौली और छोटी कंपनियों में मिलाजुला रुख रहा। सप्ताहांत पर मिडकैप जहां 48.5 अंक फिसलकर 26152.27 अंक पर आ गया वहीं स्मॉलकैप 131.53 अंक की बढ़त लेकर 29748.14 अंक पर पहुंच गया।बाजार विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक बाजार के कमजोर रुझान के बावजूद एफआईआई की मजबूत लिवाली ने घरेलू बाजार को समर्थन दिया। अमेरिकी बाजार संभावित मंदी की चिंताओं और ऋण सीमा वार्ता को लेकर अनिश्चितताओं से जूझ रहा है। हालांकि, बाद में दोनों क्षेत्रों में सकारात्मक विकास से अमेरिकी बाजारों को बल मिला। अगले सप्ताह एफआईआई और वैश्विक बाजारों के रुख का बाजार पर असर रहेगा।

एफआईआई मई में अबतक 17,376.31 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे हैं। वहीं, इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 4,674.68 करोड़ रुपये की बिकवाली की है।इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर अगले सप्ताह ओएनजीसी, बीपीसीएल, ओआईएल, भेल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सन फार्मा, बायोकॉन, हिंडाल्को, इरकॉन, आइडिया और हुडको समेत कई अन्य दिग्गज कंपनियों के 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष की चाैथी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं, जिसका बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमत और डॉलर सूचकांक पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।

इसके अलावा घरेलू मुद्रास्फीति में नरमी ने रिजर्व बेंक के ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर रोक लगाए रखने के निर्णय की पुष्टि की है। मुख्य रूप से बिजली और विनिर्माण क्षेत्रों में कमजोर प्रदर्शन के कारण देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि फरवरी में 5.6 प्रतिशत से धीमी होकर मार्च में 1.1 प्रतिशत रह गई।निफ्टी 50 के शेयरों ने अब तक 9.7 प्रतिशत की आय वृद्धि देखी है, जो अनुमानित 10.6 प्रतिशत से कम है, जबकि निफ्टी 500 की कमाई में अनुमानित 8.9 प्रतिशत की तुलना में 11.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो मिडकैप और स्मॉलकैप के मजबूत प्रदर्शन को दर्शाता है। देश के वीआईएक्स का निचला स्तर बाजार की स्थिरता को दर्शाता है, निवेशकों के विश्वास को बढ़ाता है और दीर्घकालिक निवेश को बढ़ावा देता है।

बीते सप्ताह शेयर बाजार में तीन दिन गिरावट और दो दिन तेजी रही। वैश्विक स्तर से मिले सकारात्मक संकेतों के साथ ही घरेलू स्तर पर अधिकांश कंपनियों में लिवाली के बल पर साेमवार को सेंसेक्स 317.81 अंक उछलकर 62345.71 अंक और निफ्टी 84.05 अंक की बढ़त लेकर 18398.85 अंक पर रहा। वहीं, वैश्विक स्तर से मिले सकारात्मक संकेतों के बावजूद घरेलू स्तर ऑटो सहित अधिकांश प्रमुख समूहों में हुयी मुनाफावसूली के कारण मंगलवार को सेंसेक्स 413.24 अंक फिसलकर 61932.47 अंक और निफ्टी 112.35 अंक गिरकर 18286.50 अंक पर आ गया।इसी तरह अंतर्राष्ट्रीय बाजार के कमजाेर रुख से हतोत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली से बुधवार को सेंसेक्स 371.83 अंक का गोता लगाकर 61560.64 अंक और निफ्टी 104.75 अंक टूटकर 18181.75 अंक पर आ गया।

वैश्विक बाजार में तेजी के बावजूद स्थानीय स्तर पर आईटीसी, एसबीआई, एलटी, मारुति, एनटीपीसी और रिलायंस समेत 17 दिग्गज कंपनियों में हुई बिकवाली से गुरुवार को सेंसेक्स 128.90 अंक की गिरावट लेकर 61431.74 अंक और निफ्टी 51.80 अंक फिसलकर 18129.95 अंक पर रहा। वहीं, अमेरिका में ऋण सीमा सौदे की उम्मीद में वैश्विक बाजार में आई तेजी से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर आईटी, टेक, यूटिलिटीज, ऑटो और बैंकिंग समेत 11 समूहों में हुई लिवाली की बदौलत शुक्रवार को सेंसेक्स 297.94 अंक की छलांग लगाकर 61729.68 अंक और निफ्टी 73.45 अंक की तेजी लेकर 18203.40 अंक पर पहुंच गया।(वार्ता)

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